संसद के बजट सत्र की शुरुआत में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपना अभिभाषण दिया था। इस अभिभाषण पर संसद में चर्चा जारी है। इसी क्रम में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब दिया। उन्होंने अपने इस भाषण के जरिए दिल्ली विधानसभा चुनाव, पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू और अन्य मुद्दों पर अपनी बात रखी। उन्होंने बिना नाम लिए कहा कि उनकी सरकार ने लाखों करोड़ रुपये बचाने का काम किया इन पैसों का इस्तेमाल 'शीश महल' बनाने के लिए नहीं किया। उन्होंने विपक्षियों पर तंज कसते हुए कहा कि बुखार बढ़ जाता है तो लोग कुछ भी बोलने लगते हैं। पूर्व सरकारों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि 10 करोड़ लोग ऐसे थे जो पैदा भी नहीं हुए थे लेकिन सरकार योजनाओं का लाभ ले रहे थे, उन्हें इस सरकार ने लाभार्थी वर्ग से हटा दिया।

 

नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का नाम लिए बिना ही पीएम मोदी ने उन पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा, 'अध्यक्ष जी, हमने गरीबों के लिए काम किए हैं, जिसका जिक्र राष्ट्रपति जी ने अपने अभिभाषण में भी किया। जो लोग गरीबों की झोपड़ियों में फोटो सेशन कराकर अपना मनोरंजन करते रहते हैं, उन्हें संसद में गरीबों की बात बोरिंग ही लगेगी। अभी तक 4 करोड़ गरीबों को घर दिए जा चुके हैं। जिन लोगों ने मुश्किल जीवन बिताया है उन्हें उसकी कीमत पता है। महिलाएं शौचलाय की कमी से जूझ रही थीं, हमने 12 करोड़ से ज्यादा शौचालय बनवाए हैं।' 

'बुखार चढ़ता है तो कुछ भी बोलते हैं'

 

विपक्षी सांसदों के शोर पर पीएम मोदी ने कहा, 'जब ज्यादा बुखार चढ़ जाता है तो लोग कुछ भी बोलते हैं लेकिन इसके साथ-साथ ज्यादा हताशा-निराशा फैल जाती है तब भी बहुत कुछ बोलते हैं। जिनका जन्म नहीं हुआ था, जो भारत की इस धरती पर अवतरित नहीं हुए थे, ऐसे 10 करोड़ फर्जी लोग सरकार खजाने से अलग-अलग योजनाओं का फायदा ले रहे थे। सही को अन्याय न हो इसलिए हमने 10 करोड़ फर्जी नामों को हटाया और असली लाभार्थियों को खोजकर उन तक मदद पहुंचाने का अभियान चलाया। ये 10 करोड़ फर्जी लोग जब हटे तो करीब-करीब 3 लाख करोड़ रुपये गलत हाथों में जाने से बच गए। इसमें हाथ किसका था, मैं यह नहीं कह रहा, गलत हाथों में जाने से बचे।'

 

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उन्होंने आगे कहा, 'हमारे देश में एक प्रधानमंत्री हुआ करते थे उनको मिस्टर क्लीन कहने का फैशन हो गया था। उन्होंने एक समस्या को पहचाना था और कहा था कि दिल्ली से 1 रुपया निकलता है तो गांवों में 15 पैसा पहुंचता है। अब उसस समय तो पंचायत से लेकर पार्लियामेंट तक एक ही पार्टी का राज था और उस समय उन्होंने सार्वजनिक रूप से कहा था कि 1 रुपया निकलता है, 15 पैसा पहुंचता है। बहुत गजब की हाथ सफाई थी। 15 पैसा किसके पास जाता था यह सामान्य मानव भी समझ सकता है। देश ने हमें अवसर दिया तो हमने समाधान खोजने का प्रयास किया। हमारा मॉडल है, बचत भी, विकास भी।'

'शीशमहल' के बहाने तंज

 

दिल्ली विधानसभा चुनाव से एक दिन पहले पीएम मोदी ने केजरीवाल का नाम लिए बिना ही कहा, 'पहले अखबारों की हेडलाइन हुआ करती थी- इतने लाख के घोटाले... 10 साल हो गए, घोटाले न होने से देश के लाखों करोड़ रुपये बचे हैं, जो जनता जनार्दन की सेवा में लगे हैं। हमने जो अलग-अलग कदम उठाए, उनसे लाखों-करोड़ रुपये की बचत हुई लेकिन उन पैसों का उपयोग हमने 'शीशमहल' बनाने के लिए नहीं किया, उन पैसों का उपयोग हमने देश बनाने के लिए किया है। कुछ नेताओं का फोकस (ध्यान) जकूजी पर, स्टाइलिश शावर पर है लेकिन हमारा फोकस हर घर जल पहुंचाने पर है।'

 

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हाल ही में पेश किए गए बजट का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'बीते 10 साल में इनकम टैक्स को कम करके भी हमने मिडिल क्लास की बचत को बढ़ाने का काम किया है। 2014 के पहले ऐसे बम-गोले फेंके गए, बंदूक की ऐसी गोलियां चलाई गईं कि देशवासियों का जीवन छलनी कर दिया गया था। हम धीरे-धीरे उन घावों को भरते-भरते आगे बढ़े। 2013-14 में सिर्फ 2 लाख तक के टैक्स पर माफी थी। आज 12 लाख रुपये संपूर्ण रूप से इनकम टैक्स से मुक्त हैं। हमने बीच के कालखंड में भी यह काम किया। हम घाव भरते गए, बैंडेज बाकी था, अब वह भी कर लिया।'