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'लाशें पड़ी थीं, आपने फूल बरसाए', महाकुंभ की भगदड़ पर बोले अखिलेश यादव

सपा के मुखिया अखिलेश यादव ने आज संसद में चर्चा के दौरान यूपी सरकार और बीजेपी को आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में हुई घटना के बाद तो बीजेपी को अपने प्रचार वाला होर्डिंग हटवा देना चाहिए।

akhilesh yadav speaking in parliament

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, File Photo Credit: PTI

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में हुई भगदड़ का मामला अब देश की संसद में भी गूंज रहा है। उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम, समाजवादी पार्टी के मुखिया और अब सांसद अखिलेश यादव ने आज संसद में महाकुंभ की भगदड़ का मुद्दा उठाया। उन्होंने सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (BJP) और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पर आरोप लगाए कि सरकार आंकड़े छिपा रही है। अखिलेश यादव ने मांग की है कि महाकुंभ में व्यवस्था की जिम्मेदारी सेना को सौंपी जाए। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार सर्वदलीय बैठक बुलाकर महाकुंभ की घटना पर स्पष्टीकरण दे। अखिलेश ने कहा कि आखिर यह कैसी सनातनी परंपरा कि वहां लाशें पड़ी थीं और आपने हेलिकॉप्टर से फूल बरसाए?

'सेना को दें जिम्मेदारी, आंकड़े पेश करें'

 

अखिलेश यादव ने कहा, 'अभी तो अध्यक्ष महोदय मैंने बात शुरू नहीं की। जिन लोगों को तकलीफ है, जिनको दुख होना चाहिए, उनके बारे में, महाकुंभ के बारे में मैं बाद में बोलना चाहता था लेकिन बहुत सारे माननीय सदस्य यह सुन नहीं सकते हैं, इसलिए मैं बात वहीं से शुरू करता हूं। देश का परम अभिभावक होने के नाते मेरा अनुरोध है कि जहां सरकार बजट के आंकड़े लगातार दे रही है, मैंने अभिभाषण पढ़ा, सरकार ने बहुत सारे आंकड़े दिए हैं, आंकड़े देने से पहले महाकुंभ में मरने वालों के आंकड़े भी दे दें। महाकुंभ की व्यवस्था के बारे में स्पष्टीकरण देने के लिए, मेरी मांग है कि सर्वदलीय बैठक बुलाई जानी चाहिए। महाकुंभ आपदा प्रबंधन और खोया-पाया केंद्र की जिम्मेदारी सेना को दी जाए।'

 

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उन्होंने आगे कहा, 'महाकुंभ हादसे के शिकार लोगों की मृत्यु, घायलों का इलाज, दवाई, डॉक्टर, भोजन-पानी, परिवहन की उपलब्धता का आंकड़ा संसद में पेश किया जाए। महाकुंभ हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ घोर दंडात्मक कार्रवाई हो, जिन्होंने सच छिपाया है उनको दंडित किया जाए। अध्यक्ष महोदय, हम डबल इंजन की सरकार से पूछते हैं कि अगर अपराध बोध नहीं था तो आंकड़े दबाए, छिपाए और मिटाए क्यों गए हैं। सच छिपाना और मिटाना भी तो अपराध है, इसका दंड कौन भुगतेगा? जहां इंतजाम होना चाहिए था, वहां प्रचार हो रहा था। एक धार्मिक समागम में डबल इंजन का प्रचार अशोभनीय है, निंदनीय है। इतने बड़े हादसे के बाद कम से कम अब तो वह होर्डिंग उतरवा देना चाहिए।'

 

सरकार पर बरसे अखिलेश यादव

 

अखिलेश यादव ने कहा, 'जब इस बात की जानकारी हो गई थी कि वहां कुछ लोगों की जान चली गई है, लाशे हैं जो मॉर्चरी में पड़ी हैं, उसके बाद सोचिए सरकार क्या कर रही है। अपने सरकारी हेलिकॉप्टर में फूल भरकर फूल बरसाने का काम किया। मैं जानना चाहता हूं कि ये हमारी कैसी सनातनी परंपरा है कि जहां लाशें पड़ी हों, न जाने कितनी चप्पलें पड़ी थीं, न जाने कितने कपड़े थे, महिलाओं की साड़ियां थीं, कपड़े थे, उन्हें कैसे उठाया गया और उन्हें कैसे फेंका, कहां फेंका किसी को नहीं पता। जब उनसे बदबू आने लगी तो यही सरकार के लोग छिपाने लगे हैं। यही आपका महाकुंभ का आयोजन था। हर बात को छिपाने के लिए न केवल ये लोग मीडिया का सहारा ले रहे हैं। अगर मेरी बात गलत है तो अभी तो नेता सदन को भाषण देना है।'

 

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यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की आलोचना करते हुए अखिलेश यादव ने कहा, 'आप अपनी तरफ से जानकारी कर लीजिएगा, हमारे यूपी के मुख्यमंत्री जी ने शोक प्रकट नहीं किया था। जब प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति जी ने शोक प्रकट किया तब 17 घंटे बाद सरकार नहीं किया। ये वे लोग हैं जो आज भी कोई सच स्वीकार नहीं कर सकते हैं। इनका रास्ता क्या है, मैं नहीं जानता कि वे कहां ले जाना चाहते हैं लेकिन मैंने अभिभाभाषण पढ़ा है और वही पुराने बाते हैं।'

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