पंजाब की मान सरकार ने अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ दर्ज मामले की जांच के लिए 5वीं SIT का गठन कर दिया है। मजीठिया पर 20 दिसंबर 2021 को नार्कोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सबस्टेंस (NDPS) एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था। इस मामले में 3 साल में 4 SIT का गठन किया गया था लेकिन मजीठिया के खिलाफ कोई सबूत नहीं जुटा पाने के कारण अब 5वीं बार SIT का गठन किया गया है।
5वीं SIT का गठन तब हुआ है, जब दो हफ्ते पहले ही चौथी SIT ने पटियाला में लगातार दो दिन तक कई घंटों तक मजीठिया से पूछताछ की थी। हालांकि, कोई ठोस सबूत नहीं मिल पाने के बाद अब भगवंत मान की सरकार ने AIG वरुण शर्मा की अगुवाई में पांचवीं SIT बनाई है।
अकाली दल के नेता बिक्रम मजीठिया के खिलाफ कांग्रेस सरकार में दर्ज हुआ था। तब कांग्रेस की चरणजीत सिंह चन्नी की सरकार में 2021 में उनके खिलाफ NDPS एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ था।
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SIT में कौन-कौन होगा?
5वीं बार बनी SIT का प्रमुख AIG वरुण शर्मा को बनाया गया है। AIG वरुण शर्मा चौथी SIT में सदस्य थे। चौथी SIT के प्रमुख रोपड़ रेंज के DIG एचएस भुल्लर थे। अब नई SIT में तरन तारन के SSP अभिमन्यु राणा और एनआरआई (पटियाला) के SP गुरबंस सिंह होंगे। यह पहली बार है जब SIT का प्रमुख AIG को बनाया गया है।
मजीठिया के खिलाफ जांच के लिए पहली SIT का गठन कांग्रेस की चरणजीत सिंह चन्नी की सरकार में किया गया था।
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क्या बोले मजीठिया?
5वीं बार SIT का गठन किए जाने बिक्रम मजीठिया ने मान सरकार पर चुटकी ली है। उन्होंने कहा, 'यह साफ है कि मेरा मामला राजनीतिक प्रतिशोध का एक सबसे अच्छा उदाहरण है। FIR दर्ज हुए 4 साल हो चुके हैं और SIT के गठन को 3 साल हो चुके हैं लेकिन कोई चार्जशीट पेश नहीं की गई। शायद मुख्यमंत्री को SIT का नेतृत्व करना चाहिए। मान हैरान और परेशान हैं। मैं उनकी परेशानी को समझता हूं, क्योंकि मैं उन चंद लोगों में से हूं जो राज्य में डर के माहौल के बावजूद उनके खिलाफ बोलते हैं।'