मशहूर कारोबारी रतन टाटा अब इस दुनिया में नहीं हैं। अपने शानदार करियर के लिए मशहूर रतन टाटा अपनी विरासत में कुछ ऐसा करके गए हैं कि अब वह चर्चा का विषय बन गया है। अपने पीछे लगभग 3800 करोड़ की संपत्ति छोड़ गए रतन टाटा ने अपने साथ काम करने वाले हर शख्स का ख्याल रखा है। रतन टाटा ने अपने निधन से जो वसीयत तैयार करवाई थी अब वह सामने आ गई है। उनका निधन 9 अक्तूबर 2024 को हुआ था लेकिन उन्होंने अपनी आखिरी वसीयत 23 फरवरी 2022 को बनाई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रतन टाटा ने अपने कुक के लिए 1 करोड़ रुपये, ड्राइवर के लिए 19.5 लाख रुपये और एक कुत्ते के लिए 12 लाख रुपये छोड़ है। इसी तरह वह अपने घर का ख्याल रखने वाले केयरटेकर और अन्य लोगों के लिए भी पैसे छोड़े हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रटन टाटा ने अपनी एक वसीयत 18 अप्रैल 1996 को भी तैयारी करवाई थी। दूसरी वसीयत 10 नवंबर 2009 को बनाई गई और तीसरी और अंतिम वसीयत 23 फरवरी 2022 को बनवाई। उनकी आखिरी वसीयत के मुताबिक, रतन टाटा के पास कुल 34 कलाई घड़ियां थीं जो काफी महंगी हैं। रतन टाटा ने अपनी वसीयत में लिखा है कि उनके पास जो प्रेफरेंश शेयर थे उनसे होने वाली कमाई को हमेशा धर्मार्थ कार्यों, स्कूल-कॉलेज में दान, गरीब परिवारों की मदद, बच्चों की पढ़ाई-लिखाई और ऐसे ही अन्य सामाजिक कार्यों पर ही खर्च किया जाए।
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इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, रतन टाटा ने अपनी ज्यादातर संपत्ति रतन टाटा एन्डोमेंट फाउंडेशन (RTEF) और रतन टाटा एन्डोमेंट ट्रस्ट (RTET) के नाम कर दी है। उन्होंने अपनी एक तिहाई संपत्ति अपनी बहनों (हाफ सिस्टर्स) शिरीन जेजीबॉय और डीनना जेजीबॉय के नाम कर दी है। एक तिहाई हिस्सा रतन टाटा के करीबी मोहिनी एम दत्ता को दी गई है। उनकी वसीयत में एक 'नो कॉन्टेस्ट क्लॉज' है, इसके अलावा टाटा सन्स में हिस्सेदारी बेचने पर भी रोक लगाई गई। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, इस वसीयत को लागू करवाने का अधिकार रतन टाटा की दोनों बहनों और टाटा ट्रस्ट के ट्रस्टी और रतन टाटा के करीबी रहे दारिस खंबाटा को दी गई है। इस काम के लिए भी इन तीनों को 5-5 लाख रुपये मिलेंगे।
इस वसीयत में खुद रतन टाटा ने लिखा है, 'मैं निर्देश देता हूं कि जो कोई भी मेरी इस आखिरी वसीयत का विरोध करेगा या उसे चुनौती देगा, वह मेरी वसीयत पर अपना पूरा हक खो देगा।' इसका मतलब यह है कि अगर रतन टाटा ने किसी को अपनी संपत्ति में हिस्सा दिया है और वह इसका विरोध करता है तो वह भी उनकी संपत्ति पर अपना अधिकार खो देगा।
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वसीयत में और क्या है?
रतन टाटा ने अपनी वसीयत में लिखा है कि उनके 3 घरेलू नौकरों को जो कर्ज दिया गया है, उसकी वसूली न की जाए और उन्हें 15 लाख रुपये दिए जाएं। रतन टाटा के करीबी रहे शांतनू नायडू के बारे में उन्होंने लिखा है कि शांतनू को दिए गए एजुकेशन लोन के जो पैसे बकाया हैं, उन्हें भी वसूला न जाए।
जुहू में स्थित बंगले का एक चौथाई हिस्सा रतन टाटा के भाई जिमी नवल टाटा को दिया जाए। साथ ही, अलीबाग के वरसोली में स्थित बंगला उनके करीबी दोस्त मेहली मिस्त्री को दिया जाए। पेंटिंग आर्ट से संबंधित चीजों का मूल्यांकन हो और उन्हें बेचा जाए।
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किसे क्या दे गए रतन टाटा?
- लंबे समय तक खाना बनाने वाले कुक को 1 करोड़ रुपये (51 लाख का कर्ज माफ करना इसी में शामिल)
-टाटा ट्रस्ट के कंस्लटेंट्स को 5 लाख रुपये
-सेक्रेटरी को 10 लाख रुपये
-ड्राइवर को 19.5 लाख रुपये
-जर्मन शेफर्ड कुत्ते टीटो के लिए 12 लाख रुपये
-अलीबाग के घर के केयरटेकर को 2 लाख रुपये
-असिस्टेंट को 1.5 लाख रुपये