अमेरिकी इंटेलिजेंस एजेंसी की डायरेक्टर तुलसी गबार्ड ने सोमवार शाम को नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें हाल ही में संपन्न हुए महाकुंभ का गंगाजल भी भेंट किया। 

 

गबार्ड और मोदी ने इस मौके पर आतंकवाद और साइबर सिक्युरिटी जैसे मुद्दों से लड़ने के लिए एक-दूसरे के साथ सहयोग करने की बात कही। गबार्ड ने डोनाल्ड ट्रंप के 'इस्लामिक आतंकवाद को खत्म करने की प्रतिबद्धता' को दोहराया, जिसको उन्होंने अमेरिकी लोगों के लिए खतरा बताया।

 

गबार्ड ने कहा कि पीएम मोदी भी आतंकवाद की चुनौती को काफी गंभीरता से लेते हैं। साथ ही उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि आतंकवाद को खत्म करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं।एक मीडिया इंटरव्यू में गबार्ड ने कहा कि आंतकवाद ने न सिर्फ अमेरिका बल्कि भारत, बांग्लादेश, सीरिया, इजरायल और मिडिल ईस्ट के कई भागों को प्रभावित किया है।

 

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'इस्लामिक आतंकवाद खतरा है'

उन्होंने कहा, 'राष्ट्रपति ट्रम्प, अपने पहले प्रशासन के दौरान, तथा अब भी, इस्लामी आतंकवाद के खतरे को खत्म करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के बारे में बहुत स्पष्ट रहे हैं, जिसने दुर्भाग्यवश हमें परेशान कर रखा है, तथा जो अमेरिकी लोगों के लिए सीधा खतरा बना हुआ है।'

 

आगे उन्होंने कहा, 'लेकिन, हम देख रहे हैं कि यह भारत, बांग्लादेश, सीरिया, इज़राइल और मध्य पूर्व के विभिन्न देशों में लोगों को कैसे प्रभावित कर रहा है। इसलिए यह एक ऐसा खतरा है जिसे मैं जानती हूं कि प्रधानमंत्री मोदी भी गंभीरता से लेते हैं और जहां हमारे दोनों देशों के नेता उस खतरे को पहचानने और उसे खत्म के लिए मिलकर काम करेंगे।'

 

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सुरक्षा सुनिश्चित करने की बात की

संयुक्त राज्य अमेरिका में राष्ट्रीय खुफिया निदेशक गबार्ड ने यह सुनिश्चित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने, सच्चाई की तह तक जाने और उसको सबके सामने लाने के अपने मूल मिशन पर केंद्रित है, ताकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प बेहतरीन सूचनाओं के आधार पर बेहतरीन जानकारी ले सकें।

 

इस बीच, भारत ने सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और तुलसी गबार्ड की बैठक के दौरान अमेरिका में प्रतिबंधित खालिस्तानी समर्थक संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) द्वारा की जा रही भारत विरोधी गतिविधियों का मुद्दा उठाया।