अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर के सम्मान में व्हाइट हाउस में लंच आयोजित किया। ऑपरेशन सिंदूर के बाद हो रही ट्रंप और पाक आर्मी चीफ के बीच की मुलाकात अब चर्चा का विषय बन गई है क्योंकि यह पहली बार है जब ट्रंप ने किसी देश के सेना प्रमुख को लंच पर आमंत्रित किया है। इस बैठक को लेकर कांग्रेस सांसद और विदेश मामलों के जानकार शशि थरूर की गुरुवार को प्रतिक्रिया सामने आई है।
थरूर ने तंज कसते हुए केरल के तिरुवनंतपुरम में कहा कि उन्हें उम्मीद है कि दोनों का लंच अच्छा रहा होगा और इस दौरान उन्होंने (असीम मुनीर) कुछ विचार-विमर्श किया होगा। मुझे उम्मीद है कि इन मुलाकातों में अमेरिकियों ने पाकिस्तान को याद दिलाया होगा कि वह अपनी धरती से आतंकवादियों को हमारे देश में भेजने, उन्हें रास्ता दिखाने, प्रशिक्षण देने, हथियार देने, वित्तपोषित करने, उपकरण देने... हमारे देश में भेजने का काम नहीं कर रहा है।
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अमेरिका को 9/11 और ओसामा को याद दिलाया
कांग्रेस सांसद थरूर ने अमेरिका को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए 9/11 हमले और ओसामा बिन लादेन की याद दिलाई। थरूर ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद अमेरिका पहुंचे पाकिस्तानी डेलिगेशन को अमेरिकी सीनेटरों और कांग्रेसियों ने आतंकवाद ना फैलाने की सख्त हिदायत दी थी।
ओसामा को इतनी जल्दी नहीं भूल सकते अमेरिकी
उन्होंने कहा, 'अमेरिका के लोग ओसामा को इतनी जल्दी नहीं भूल सकते। ओसामा पाकिस्तानी सेना के अड्डे के पास एक सुरक्षित जगह पर मिला था। अमेरिकी ओसामा को आसानी से छिपाने की पाकिस्तान की गलती को आसानी से नहीं भूल सकते और ना ही उसे माफ कर सकते है।' थरूर ने आगे कहा, 'मुझे उम्मीद है कि जब जनरल मुनीर को वाइन पिलाई और खाना खिलाया गया होगा, तो उन्हें ये सभी बातें याद दिलाई गई होंगी क्योंकि यह अमेरिका के भी हित में है।'
ट्रंप के दावे और कांग्रेस के बयान पर सफाई
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान पर कांग्रेस नेताओं की टिप्पणियों पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर कहते हैं, "मध्यस्थता में समानता होनी चाहिए। आतंकवादियों और उससे पीड़ितों के बीच, आतंकवादियों को भेजने वाले देश और उन्हें मारकर खदेड़ने वाले देश के बीच कोई समानता नहीं है। जिस देश में हमले किए जाते हैं और जिस देश में आत्मरक्षा का अधिकार होता है, उनके बीच कोई समानता नहीं है। जहां समानता नहीं है, वहां कोई मध्यस्थता नहीं हो सकती।
हमने यह स्पष्ट कर दिया था है कि अगर पाकिस्तान हमला करता है तो हम उसका कड़ा जवाब देंगे। यह संदेश सिर्फ पाकिस्तान को ही नहीं बल्कि दुनिया को दिया गया है। उन्होंने कहा कि अगर आप भारत सरकार और भारतीय सेना की रोजाना की प्रेस कॉन्फ्रेंस देखें तो भारत को रोकने के लिए कभी मनाने की जरूरत नहीं पड़ी। अगर राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से कोई दबाव होता, तो वह दबाव सिर्फ पाकिस्तान पर होता। यह सिर्फ जनरल मुनीर पर होता... यह ऐसी चीज है जिसे हम सभी को समझना चाहिए।
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कांग्रेस अलाकमान से रिश्ते को लेकर बोले थरूर
शशि थरूर ने कहा कि उनकी पार्टी के नेतृत्व के साथ उनकी राय अलग है लेकिन कांग्रेस पार्टी, उसके मूल्य और उसके कार्यकर्ता उनके लिए प्रिय हैं। उन्होंने कहा, 'जैसा कि आप जानते हैं, मेरे मौजूदा कांग्रेस नेतृत्व से मतभेद हैं। उनमें से कुछ सार्वजनिक डोमेन में हैं इसलिए आप उन्हें जानते हैं। पार्टी के भीतर सीधे उनसे बात करके इसे सुलझाना बेहतर है।'
थरूर ने कहा, उन्होंने नीलांबुर उपचुनाव के लिए कांग्रेस उम्मीदवार के लिए प्रचार नहीं किया क्योंकि उन्हें इसके लिए पार्टी से निर्देश नहीं मिले थे। उन्होंने कहा, 'कांग्रेस पार्टी, उसके मूल्य और उसके कार्यकर्ता मेरे लिए प्रिय हैं। मैं पिछले 16 सालों से उनके साथ (कार्यकर्ताओं) काम कर रहा हूं और मैंने उनकी प्रतिबद्धता, समर्पण और आदर्शवाद देखा है।'
सवाल को टाल गए शशि
यह पूछे जाने पर कि क्या उनका मतभेद कांग्रेस आलाकमान या पार्टी के राज्य नेतृत्व के साथ है, उन्होंने सवाल को टालते हुए कहा कि वह इस बारे में अभी बात नहीं करना चाहते क्योंकि विधानसभा उपचुनाव में मतदान जारी है।
उन्होंने कहा, 'आज उन मुद्दों (नेतृत्व के साथ उनकी असहमति) के बारे में बात करने का समय नहीं है क्योंकि मतदान जारी है, जहां मैं अपने मित्र कांग्रेस उम्मीदवार आर्यदान शौकत को जीतते देखना चाहता हूं। पार्टी नेतृत्व के साथ मेरी कुछ असहमतियां मीडिया में छपी हैं, इसलिए इसे छिपाया नहीं जा सकता।'