स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (SSC) की परीक्षाओं में कथित अनियमितताओं को लेकर गुरुवार को देशभर में बड़ा प्रदर्शन हुआ। हजारों उम्मीदवार और नामी-गिरामी शिक्षक 'दिल्ली चलो' नारे के साथ दिल्ली में इकट्ठा हुए। इस दौरान उम्मीदवारों और शिक्षकों ने SSC से परीक्षा की प्रक्रिया में सुधार की मांग की। आरोप है कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे उम्मीदवारों और शिक्षकों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। कइयों को हिरासत में भी लिया गया है।
गुरुवार को उम्मीदवारों और शिक्षकों ने प्रदर्शन इसलिए किया, क्योंकि उनका आरोप है कि SSC की फेज 13 भर्ती परीक्षा में अनियमितताएं बरती गईं। ये परीक्षा 24 जुलाई से शुरू हुई थी और 1 अगस्त को खत्म होनी थी। उम्मीदवारों का दावा है कि इस दौरान कई सारी गड़बड़ियां और अनियमितताएं हुईं, जिससे उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ा।
प्रदर्शनकारियों ने परीक्षा में प्रशासनिक चूक और तकनीकी खराबी का आरोप लगाया है। उनका यह भी आरोप है कि पुलिस ने शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बल का इस्तेमाल किया।
प्रदर्शनकारियों ने क्या आरोप लगाए?
- परीक्षा रद्दः प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि कई सेंटर्स पर बिना नोटिस दिए परीक्षा रद्द कर दी गई।
- तकनीकी खराबीः परीक्षा के दौरान सर्वर क्रैश, सिस्टम हैंग होना और माउस न चलना जैसी समस्याएं आईं।
- दूर मिले सेंटर्सः प्रदर्शनकारियों का कहना है कि कुछ छात्रों को उनके घर से हजारों किलोमीटर दूर सेंटर दिए गए।
- खराब इन्फ्रास्ट्रक्चरः कुछ सेंटर्स पर नीचे मवेशियों के सिर रखे थे और ऊपर परीक्षा चल रही थी।
- बाउंसर्स का इस्तेमालः कुछ सेंटर्स पर बाउंसर्स तैनात थे, जो छात्रों की शिकायतों को दबाने की कोशिश कर रहे थे।
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प्रदर्शनकारियों ने क्या कहा?
प्रदर्शन में शामिल एक शिक्षक ने न्यूज एजेंसी PTI से कहा, 'उम्मीदवारों को दूर-दराज के सेंटर पर भेजा जा रहा है, जहां उन्हें पता चलता है कि परीक्षा रद्द कर दी गई है। कुछ जगहों पर मवेशियों के सिर ग्राउंड फ्लोर पर रखे गए थे, जबकि छात्र ऊपर परीक्षा दे रहे थे। चिंता जताने वाले छात्रों को चुप कराने के लिए बाउंसर तैनात किए गए। माउस काम नहीं कर रहा है, सिस्टम हैंग हो रहा है। हम इसी समस्या का सामना कर रहे हैं।'
प्रदर्शनकारियों का दावा है कि एग्जाम सेंटर उनके घर से हजारों किलोमीटर दिए जा रहे हैं। एक प्रदर्शनकारी उम्मीदवार ने कहा, 'अगर हम हजारों रुपये खर्च करके एग्जाम सेंटर तक पहुंच भी जाते हैं तो हमें बताया जाता है कि परीक्षा रद्द कर दी गई है। एग्जाम कब होगा, इसको लेकर कोई साफ-साफ नहीं बताता। हमारा समय, पैसा और सबसे जरूरी हमारे साल बर्बाद हो रहे हैं। इसके लिए कौन जिम्मेदार है?'
बाउंसर्स की क्या जरूरत है?
प्रदर्शनकारियों का दावा है कि कई एग्जाम सेंटर में बाउंसर्स को तैनात किया गया है, ताकि उम्मीदवारों को बोलने से रोका जा सके। इस पर प्रदर्शनकारियों ने सवाल उठाए हैं।
जंतर-मंतर पहुंचे एक छात्र ने कहा, 'एग्जाम सेंटर पर बाउंसर्स की जरूरत क्या है? हम कोई अपराधी नहीं हैं। हम बेहतर व्यवस्था की मांग कर रहे हैं। दंगा तो नहीं फैला रहे हैं।'
55 हजार शिकायतें मिलीं
एक शिक्षक ने बताया कि SSC डायरेक्टर के साथ मीटिंग में अधिकारियों ने माना कि इस परीक्षा को लेकर 55 हजार से ज्यादा शिकायतें मिली हैं।
शिक्षक ने कहा, 'अगर 3 लाख छात्र हैं और 55,000 ने शिकायतें कीं, तो ये अपने आप में बहुत कुछ बयान करता है। SSC-CGL जैसी बड़ी परीक्षा, जिसमें 30 लाख छात्र हिस्सा लेंगे, 13 अगस्त से शुरू हो रही है। इस टूटे हुए सिस्टम के साथ SSC इसे कैसे मैनेज करेगा?'
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ब्लैकलिस्टेड कंपनी को मिला एग्जाम का ठेका
SSC जो भी एग्जाम करवाता है, उसका ठेका निजी एजेंसियों को दिया जाता है। पहले TCS एग्जाम करवाती थी। मगर अब इसका ठेका Eduquity नाम की कंपनी को मिला है। SSC की फेज-13 की परीक्षा इसी कंपनी ने करवाई है।
प्रदर्शनकारियों का दावा है कि Eduquity एक ब्लैकलिस्टेड कंपनी है। इसे शिक्षा मंत्रालय ने ब्लैकलिस्ट किया है। एक प्रदर्शनकारी उम्मीदवार ने कहा, 'सरकार ने एक ब्लैकलिस्टेड कंपनी को ठेका दिया है। ऐसे बैकग्राउंड वाले कंपनी पर उन परीक्षाओं का भरोसा कैसे किया जा सकता है, जो हमारा भविष्य तय करती हैं?'
उम्मीदवारों और शिक्षकों की मांग है कि SSC निजी एजेंसियों को हटाकर खुद ही परीक्षा करवाए। अगर कोई परीक्षा रद्द होती है तो उसकी पहले से सूचना दी जाए। प्रदर्शनकारियों ने परीक्षा में कथित अनियमितताओं की जांच करने की मांग की है।
जंतर-मंतर पर प्रदर्शन और पुलिस का रवैया
SSC की परीक्षाओं में सुधार की मांग को लेकर 'दिल्ली चलो' के नारे के साथ जंतर-मंतर पर प्रदर्शन हुआ। प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि सरकार और SSC उनकी बात सुने। प्रदर्शनकारी केंद्र सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग (DoPT) के दफ्तर के बाहर इकट्ठा हुए थे।
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान दिल्ली पुलिस ने लाठीचार्ज किया। कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए, जिनमें पुलिस की कार्रवाई दिख रही है।
इस प्रदर्शन में कई नामी-गिरामी शिक्षक भी शामिल हुए थे। नीतू मैम भी इसमे शामिल हुई थीं। उन्हें भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इसके वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। नीतू मैम ने कहा, 'ये लोग हमको उठाकर ले जा रहे हैं, क्योंकि उनका मानना है कि हम लोग इस लायक नहीं हैं कि हम लोग बच्चों की आवाज उठा सकें। सब लोग आकर घसीटकर ले जा रहे हैं। हम लोगों ने बहुत कोशिश की।'
ऐसे भी आरोप लग रहे हैं कि प्रदर्शन कर रहे कई उम्मीदवारों और शिक्षकों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। कुछ वीडियो वायरल हुए हैं, जिनमें प्रदर्शनकारियों को पुलिस हिरासत में ले जाती हुई दिख रही है।
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इस मामले पर सियासत भी तेज
इस पूरे मामले पर सियासत भी तेज हो गई है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर #SSC_System_Sudharo, #SSCMisManagement और #SSCVendorFailure जैसे हैशटैग ट्रेंड हो रहे हैं।
इस विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस की स्टूडेंट विंग NSUI भी शामिल हुई। NSUI का आरोप है कि पुलिस ने जंतर-मंतर पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर लाठीचार्ज किया।
प्रदर्शन में शामिल हुए NSUI अध्यक्ष वरुण चौधरी ने कहा, 'यह सिर्फ परीक्षा में मिसमैनेजमेंट का मामला नहीं है, बल्कि सरकार इंसाफ की मांग कर रहे युवाओं को चुप कराने की कोशिश कर रही है।'
NSUI ने SSC को एक पत्र भी सौंपा है, जिसमें हाईलेवल जांच, जवाबदेही और भर्ती प्रक्रिया में सुधार की मांग की गई है। NSUI ने चेतावनी दी है कि अगर कार्रवाई नहीं है तो देशभर में प्रदर्शन किया जाएगा।
