logo

ट्रेंडिंग:

1900 करोड़ की डील और ईरानी तेल; ट्रंप ने 6 भारतीय कंपनियों को किया बैन

अमेरिकी सरकार ने ईरान से तेल का कारोबार करने वाली 20 कंपनियों पर बैन लगाया है, जिसमें 6 भारतीय कंपनियां भी शामिल हैं। इन भारतीय कंपनियों की 22 करोड़ डॉलर की डील की जांच की जाएगी।

donald trump

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप। (Photo Credit: PTI)

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक के बाद एक भारत को झटके दिए जा रहे हैं। पहले उन्होंने भारत पर 25% टैरिफ लगाने का ऐलान किया। और अब उन्होंने 6 भारतीय कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह प्रतिबंध इसलिए लगाया गया है क्योंकि इन कंपनियों पर ईरान के पेट्रोलियम उत्पादों की खरीद-बिक्री का आरोप है।

 

अमेरिका के विदेश विभाग की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि ईरान अस्थिरता पैदा करने के लिए फंड जुटा रहा है और मध्य पूर्व में संघर्ष को बढ़ावा दे रहा है। अमेरिका उस फंडिंग को रोकने के लिए कार्रवाई कर रहा है, जिसका इस्तेमाल ईरान विदेशों में आतंकवाद को बढ़ावा देने और अपने ही लोगों पर अत्याचार करने के लिए करता है।

 

ट्रंप सरकार ने ईरानी पेट्रोलियन, पेट्रोलियम उत्पादों या पेट्रोकेमिकल कारोबार में लगी 20 कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया है। इन 20 में से 6 भारतीय कंपनियां हैं। अमेरिकी सरकार ने बताया कि भारत, संयुक्त अरब अमीरात (UAE), तुर्की और इंडोनेशिया की कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है। प्रतिबंध का मतलब यह हुआ कि इन कंपनियों और इनसे जुड़े लोगों की जो भी संपत्तियां अमेरिका में होंगी, उन्हें सरकार जब्त कर लेगी।

 

विदेश विभाग ने अपने बयान में कहा, 'जैसा की राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा है कि कोई भी देश या व्यक्ति जो ईरानी तेल या पेट्रोकेमिकल खरीदने का रास्ता चुनेगा, उसे अमेरिकी प्रतिबंधों का जोखिम उठाना पड़ेगा। उसे अमेरिका के साथ कारोबार करने की इजाजत नहीं दी जाएगी'

 

यह भी पढ़ें-- भारत पर टैरिफ, PAK से तेल पर डील; 6 घंटे में ट्रंप के दो बड़े झटके

किन भारतीय कंपनियों पर लगा प्रतिबंध?

  • कंचन पॉलिमर्सः इसने फरवरी से जुलाई 2024 के बीच UAR स्थित तानाइस ट्रेडिंग से पॉलीइथाइलीन समेत 13 लाख डॉलर से ज्यादा कीमत के ईरानी मूल के पेट्रोकेमिकल उत्पादों का आयात किया था।
  • अलकेमिकल सॉल्यूशंसः यह एक पेट्रोकेमिकल ट्रेडिंग कंपनी है, जिसने जनवरी से दिसंबर 2024 के बीच कई कंपनियों से 8.4 करोड़ डॉलर से ज्यादा के ईरानी पेट्रोकेमिकल उत्पादों का आयात किया था।
  • रमणीकलाल एस गोसालिया एंड कंपनीः इसने जनवरी 2024 से जनवरी 2025 के बीच कई कंपनियों से मेथनॉल और टोल्यूनि समेत 2.2 करोड़ डॉलर से ज्यादा की कीमत के ईरानी पेट्रोकेमिकल उत्पादों का आयात किया था।
  • जूपिटर डाई केम प्राइवेट लिमिटेडः इस कंपनी ने जनवरी 2024 से जनवरी 2025 के बीच कई कंपनियों से 4.9 करोड़ डॉलर से ज्यादा की कीमत के टोल्यूनि समेत ईरानी पेट्रोकेमिकल उत्पादों की खरीद की थी।
  • ग्लोबल इंडस्ट्रियन केमिकल्स लिमिटेडः इस कंपनी को इसलिए प्रतिबंधित किया गया है क्योंकि इसने भी कई कंपनियों के साथ 5.1 करोड़ डॉलर का कारोबार किया था।
  • पर्सिस्टेंट पेट्रोकेम प्राइवेट लिमिटेडः अमेरिकी सरकार ने इस पर इसलिए बैन लगाया है, क्योंकि इसने 1.4 करोड़ डॉलर से ज्यादा की कीमत के ईरानी पेट्रोकेमिकल उत्पादों का आयात किया था।

यह भी पढ़ें-- 'मेरे रिजॉर्ट से जवान लड़कियां चुराता था एपस्टीन', ट्रंप का दावा

22 करोड़ डॉलर के सौदों की जांच

इन 6 भारतीय कंपनियों ने अब तक 22 करोड़ डॉलर (लगभग 1,900 करोड़ रुपये) से ज्यादा की कीमत का कारोबार किया है। 

 

इन 6 भारतीय कंपनियों ने कई देशों की कंपनियों से ईरानी मूल के पेट्रोकेमिकल उत्पादों का आयात किया था। अब इन सौदों की जांच की जा रही है।

 

आरोप लगाया गया है कि इन कंपनियों ने ईरान से पेट्रोकेमिकल उत्पादों की खरीद और बिक्री की और जानबूझकर उसके साथ अहम लेनदेन किया था।

 

यह भी पढ़ें-- कंपनियां, 600 आउटलेटभारत में कितना बड़ा है McDonald's का बिजनेस?

अमेरिका ने ऐसा क्यों किया?

अमेरिका ऐसा ईरान पर दबाव बनाने के लिए कर रहा है। अमेरिका, ईरान के साथ एक परमाणु समझौता करना चाहता है। हालांकि, अब तक समझौते को लेकर कोई सहमति नहीं बन सकी। अमेरिका चाहता है कि ईरान एक ऐसा समझौता करे, जिससे क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को बढ़ावा मिले।

 

अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा, 'आज की कार्रवाई ईरान के अवैध तेल और पेट्रोकेमिकल कारोबार को बढ़ावा देने वालों को निशाना बनाने और अस्थिरता पैदा करने वाली हरकतों की फंडिंग को बंद करने के लिए की गई है।'

 

इसके अलावा, अमेरिकी वित्त विभाग 50 से ज्यादा लोगों और संस्थाओं को भी प्रतिबंधित कर रहा है और 50 से ज्यादा जहाजों की पहचान कर रहा है, जो ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामेनेई के सलाहकार अली शमखानी के बेटे मोहम्मद हुसैन शमखानी के शिपिंग एम्पायर का हिस्सा हैं। वित्त विभाग ने इसे ईरान के खिलाफ सबसे बड़ी कार्रवाई बताया है।

 

वित्त विभाग ने जिन लोगों पर बैन लगाया है, उसमें UAE में रहने वाले भारतीय नागरिक पंकज नागजीभाई पटेल भी शामिल हैं। पंकज पटेल का नाम इसलिए इस लिस्ट में डाला गया है, क्योंकि उन्होंने हुसैन शमखानी की कई शिपिंग कंपनियों में एग्जीक्यूटिव के रूप में काम किया है।

Related Topic:#Donald Trump

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap