तेंलगाना सरकार ने महज एक साल के भीतर अपना व्यापक जाति सर्वे पूरा कर लिया है। 4 फरवरी को राज्य मंत्रिमंडल और विधानसभा के सामने रिपोर्ट पेश करने की तैयारी की जा रही है। तेंलगाना के सिविल सप्लाइज मंत्री एन उत्तम कुमार रेड्डी ने रविवार को यह दावा किया है।
राज्य सरकार ने केवल 50 दिनों में 96.9 प्रतिशत परिवारों को कवर किया है। तेलंगाना सरकार का कहना है कि यह सामाजिक-आर्थिक, शैक्षिक, रोजगार, राजनीतिक और जाति (SEEEPC) सर्वे है।
कैबिनेट में प्रस्ताव पारित करने से लेकर अंतिम रिपोर्ट जमा करने तक की पूरी प्रक्रिया ठीक एक साल के भीतर पूरी हो गई। मंत्री एन उत्तम कुमार रेड्डी की अध्यक्षता में कैबिनेट सब कमेटी ने योजना विभाग से सर्वे रिपोर्ट हासिल की है।
किस वर्ग की क्या आबादी है?
तेंलगाना की कुल आबादी 3 करोड़ 50 लाख के करीब है। तेंलगाना के पिछड़े वर्गों में 1,64,09,179 लोग शामिल हैं। यह तेंलगाना की कुल आबादी का 46.25 प्रतिशत हिस्सा है। तेंलगाना की अनुसूचित जाति की संख्या करीब 61,84,319 है। यह कुल आबादी का 17.43 प्रतिशत हिस्सा है।
इसे भी पढ़ें: ड्रग रेज़िस्टेंट ट्यूबरक्लोसिस बच्चों-किशोरों के लिए खतरनाक क्यों?
अनुसूचित जाति कितने प्रतिशत?
अनुसूचित जनजाति की आबादी 37,05,929 है। यह कुल आबादी का 10.45 प्रतिशत हिस्सा है। कुल मुस्लिम आबादी 44,57,012 है। यह कुल आबादी का 12.56 प्रतिशत हिस्सा है। मुस्लिमों में भी 35,76,588 आबादी पिछड़ी है। यह कुल आबादी 10.08 प्रतिशत है। अन्य पिछड़े वर्गों में 44,21,115 लोग शामिल हैं। इनका आंकड़ा करीब 13.31 प्रतिशत है।
इसे भी पढ़ें: दिल्ली: करोड़ों की शराब, कैश और ड्रग जब्त, चुनाव आयोग को क्या मिला?
तेंलगाना में ही क्यों हुआ ऐसा?
कांग्रेस जातिगत जनगणना की पक्षधर रही है। राहुल गांधी लोकसभा चुनाव 2024 से लेकर महाराष्ट्र, झारखंड तक के चुनावों में जाति आधारित जनगणना का मुद्दा उठाते रहे हैं। उनकी मांग है कि देश में जातियों को उनकी संख्या के आधार पर ही आरक्षण मिले। कांग्रेस नेताओं की यह कोर पॉलिसी बन गई है। दिल्ली के विधानसभा चुनावों में जाति आधारित जनगणना का मुद्दा छाया है।
इसे भी पढ़ें: किस तरह हो रहा महाकुंभ में तीसरा 'अमृत स्नान'? जानें कैसी है व्यवस्था
तेलंगाना में कांग्रेस ने बहुमत से सरकार बनाई है। सबसे पहले जातिगत सर्वे का काम कांग्रेस की तेलंगाना सरकार ने पूरा कर लिया है। मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी इस योजना को लेकर बेहद उत्साहित थे। तेलंगाना विधानसभा में इस सर्वे की रिपोर्ट को पेश किया जाएगा। विधानसभा में चर्चा होने के आसार हैं।