14 मार्च को होली और रमजान का जुमा एकसाथ पड़ रहे हैं। देशभर में पुलिस-प्रशासन अलर्ट मोड पर हैं। बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में खासतौर से व्यवस्था की गई है। एक आदेश के बाद यूपी के संभल, बरेली और शाजहांपुर जिलों में होली से पहले मस्जिदों को तिरपाल से ढंक दिया गया है।

 

उधर मध्य प्रदेश के इंदौर पुलिस ने मुस्लिम समुदाय से अपील की है कि अगर होली के रंगों से दिक्कत हो तो मस्जिदों को प्लास्टिक से ढंक दें। उत्तराखंड के हरिद्वार और छत्तीसगढ़ में जुमे की नमाज के समय में बदलाव किया गया है। 

 

इन सबके बीच अलग-अलग पार्टियों के नेताओं के बयान सामने आ रहे हैं। किसी ने सौहार्द बढ़ाने वाले बयान दिए हैं तो किसी ने विवादास्पद। ऐसे में आइए देखते हैं कि यूपी से बिहार तक के किस नेता ने होली-रमजान को लेकर क्या बयान दिए....

 

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अनुज चौधरी के बयान से उपजा विवाद

 

दरअसल, इस विवाद की शुरुआत संभल जिले के सर्किल ऑफिसर (सीओ) अनुज चौधरी ने की। उन्होंने यह बयान देकर पूरे देश में विवाद फैला दिया, 'होली का दिन साल में एक बार आता है, जबकि जुमा साल में 52 बार आता है। अगर किसी को लगता है कि होली रेग से उसका धर्म भ्रष्ट होता है तो वह उस दिन घर से बाहर ना निकले।' 

 

सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी दी प्रतिक्रिया

 

सीओ के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी प्रतिक्रिया देते हुए पुलिस अफसर का बचाव किया। उन्होंने कहा, 'होली पर एक दूसरे की भावनाओं का सम्मान होना चाहिए। जुमे की नमाज हर शुक्रवार को होती है और होली साल में एक बार आती है। यही कहा गया है और प्यार से समझाया गया है। पुलिस अधिकारी ने भी यही बात समझाई। वह अधिकारी पहलवान रहा है, अर्जुन अवॉर्डी रहा है, पहलवान है तो पहलवान की तरह ही बोलेगा।'

 

सपा अध्यक्ष अखिलेश ने क्या कहा?

 

यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सीओ अनुज चौधरी के बयान पर उनको आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, 'जिन अधिकारियों को होली और ईद के गले मिलने में एकरूपता देखनी दाहिए, अगर वो ही नकारात्मक बात करेंगे तो भेदकारी बीजेपी के राज में सौहार्द की रक्षा कैसे होगी।'

 

बसपा सुप्रीमों मायावती का बयान

 

बसपा सुप्रीमों और उत्तर प्रदेश की चार बार सीएम रह चुकीं मायावती भी होली और रमजान के विवाद में कूद पड़ीं। उन्होंने कहा, 'रमजान चल रहा है और होली का भी त्यौहार है, सभी राज्य सरकारों को इसे आपसी भाईचारे में तब्दील करना चाहिए। इसकी आड़ में कोई भी राजनीति करना ठीक नहीं है। सभी धर्मों के मान-सम्मान का बराबर ध्यान रखना जरूरी है। संभल की तरह अधिकारियों का गलत इस्तेमाल करना ठीक नहीं है और इनको कानून व्यवस्था पर विशेष ध्यान देना चाहिए।'

 

यूपी के ही सहारनपुर से कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने अनुज चौधरी की भाषा को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, 'सीओ अनुज की भाषआ सैली ठीक नहीं है। सारे त्यौहार मिल-जुलकर मनाने चाहिए। एक दूसरे के धर्म का सम्मान करना चाहिए। जुमे की नमाज सुकून के साथ पढ़ें। उन जगहों से दूर रहिए जहां होली का खेल हो रहा है।'

 

बिहार में कौन क्या बोला?

 

होली और रमजान का विवाद यूपी से निकलकर बिहार तक पहुंच गया। दरभंगा की मेयर और सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू की नेता अंजुम आरा ने होली को खेलने से कुछ समय के लिए रोकने की वकालत कर दी, तो और विवाद हो गया। अंजुम ने कहा, 'हम लोगों ने तरीका निकाला है कि बीच में होली को थोड़ा रोका जाए, क्योंकि जुमा का समय तो आगे जा नहीं सकता तो सभी लोगों से आग्रह किया गया है।' 

 

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अंजुम आरा के बयान पर जेडीयू नेताओं ने प्रतिक्रिया देते हुए संभलकर बोलने की हिदायत ही। वहीं, दरभंगा के डीएम ने कहा कि मेयर साहिबा ने जो बयान दिया है वो उनका व्यक्तिगत प्रस्ताव है और शांति समिति की बैठक में ऐसा कोई फैसला नहीं हुआ है। 

 

मध्य प्रदेश के नेता क्या बोले?

 

मध्य प्रदेश सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने होली विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जिसको रंग से परहेज है, वह घर से न निकले। परमार ने कहा, 'भारत की परंपरा में सभी लोग होली के महत्व को जानते हैं। होली के त्योहार को सौहार्द का पर्व माना जाता है। कौन किस जाति और धर्म के लोगों को रंग लगा रहा है, कोई भी नहीं पूछता है। किसी को भी रंगों के पर्व से परहेज नहीं करना चाहिए और अगर करता है तो अपने घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। जिसको देश के प्रति निष्ठा नहीं है, वह देश के बाहर जा सकता है।'