प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खासमखास माने जाने वाले हिरेन जोशी फिर चर्चा में हैं। कांग्रेस ने हिरेन जोशी का नाम लेकर प्रधानमंत्री दफ्तर यानी PMO पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने हिरेन जोशी का नाम लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरा है। उन्होंने कहा कि हिरेन जोशी के साथी को लॉ कमीशन से बाहर कर दिया गया है। उन्होंने मांग की कि सरकार को हिरेन जोशी के पूरे मामले को देश के सामने रखना चाहिए।


बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पवन खेड़ा ने हिरेन जोशी का नाम लेकर कहा कि वह प्रधानमंत्री कार्यालय में सबसे ताकतवर और सबसे मजबूत व्यक्ति हैं। उन्होंने कहा, 'हिरेन जोशी कोई छोटा नाम नहीं है। प्रधानमंत्री कार्यालय में सबसे ताकतवर व्यक्ति, जिसने इस देश के लोकतंत्र की हत्या में महत्वपूर्ण काम किया और अब चर्चा में भी हैं। उनके साथ एक हैं, जो लॉ कमीशन में एक साल पहले ही आए थे। उनको आनन-फानन में बाहर कर दिया गया। सरकारी घर भी खाली करा दिया। क्या हो रहा है? देश को जानने का हक है।'


पवन खेड़ा ने कहा, 'क्या बिजनेस कर रहे थे हिरेन जोशी प्रधानमंत्री कार्यालय में बैठकर? यह भी देश को जानने का हक है। कौनसी बेटिंग ऐप थी? किसमें हिस्सेदारी थी उनकी? अगर सरकार स्पष्टीकरण नहीं देगी तो जाहिर सी बात है, ये चर्चाएं चलेंगी।' उन्होंने आगे और सवाल उठाते हुए कहा, 'विदेशों में इनके क्या लिंक्स हैं? जब विदेश यात्रा की तो क्या राष्ट्र के हितों से कोई समझौता किया? ये सारे खुलासे अब सामने आएंगे। लोकतंत्र को आप इतनी आसानी से मार नहीं सकते। बहुत कोशिश कर ली आपने।'

 

 

उन्होंने कहा, 'अब प्रधानमंत्री कार्यालय पर बहुत बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। एक महत्वपूर्ण व्यक्ति, उसके रिश्ते, व्यावसायिक रिश्ते, क्या संबंध किससे हैं? उनका देश को क्या नुकसान हुआ? ये देश को पारदर्शिता से जानने का हक है। सरकार का कर्तव्य है कि पारदर्शिता से हिरेन जोशी का पूरा प्रकरण देश के सामने रखे।'

 

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पहले भी उठ चुके हैं सवाल

कांग्रेस दावा कर रही है कि हिरेन जोशी को PMO से निकाल दिया गया है। हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने X पर पोस्ट कर लिखा, 'प्रधानमंत्री के बेहद करीबी रहे OSD हिरेन जोशी, जिनके इशारों पर मीडिया ताथैया करता रहा, उन्हें एकदम से हटा दिया जाता है। प्रसार भारती के चेयरमैन नवनीत सहगल का यकायेक इस्तीफा हो जाता है।' उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय में कुछ तो गड़बड़ है।

 

 

यह पहली बार नहीं है जब हिरेन जोशी पर सवाल खड़े हुए हैं। उनपर पहले भी कई बार कई तरह के आरोप लग चुके हैं। बीजेपी सांसद रह चुके सुब्रमण्यम स्वामी भी उन पर आरोप लगा चुके हैं।


2022 में दिल्ली के तत्कालीन सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी आरोप लगाया था कि हिरेन जोशी न्यूज चैनलों और मीडिया वालों पर आम आदमी पार्टी की कवरेज न दिखाने का दबाव डालते हैं।


सुब्रमण्यम स्वामी कई बार आरोप लगा चुके हैं कि हिरेन जोशी की तरफ से मीडिया वालों को धमकी दी जाती है। सुब्रमण्यम स्वामी ने आरोप लगाया हिरेन जोशी के इशारे पर बीजेपी आईटी सेल के लोग उन पर हमले करते हैं और सोशल मीडिया पर भला-बुरा कहते हैं। 

 

 

जून 2023 में स्वामी ने X पर पोस्ट करते हुए लिखा था, 'भारतीय और विदेशी मीडिया को ज्यादातर धमकियां PMO के हिरेन जोशी से मिलती हैं। अनुराग ठाकुर तो बस फाइल आगे बढ़ाते हैं। विजिट और समन जोशी ही करते हैं। मोदी को उन्हें निकाल देना चाहिए या अपनी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।'

 

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कौन हैं हिरेन जोशी?

हिरेन जोशी को पीएम मोदी की आंख और कान भी कहा जाता है। 2019 में दूसरी बार सत्ता में आने के बाद हिरेन जोशी को PMO में कम्युनिकेश और आईटी विभाग में ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी (OSD) के पद पर नियुक्त किया गया था।


आरएसएस परिवार से आने वाले हिरेन जोशी लो-प्रोफाइल वाले व्यक्ति रहे हैं। मगर उन्हें PMO का 'सबसे ताकतवर व्यक्ति' कहा जाता है। हिरेन जोशी 2008 से पीएम मोदी के साथ हैं। वह एक इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर हैं और पीएम मोदी से जुड़ने से पहले एक इंजीनियरिंग कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर थे।


ओपन द मैग्जीन की रिपोर्ट बताती है कि हिरेन जोशी हर सुबह पीएम मोदी से मिलते हैं और सोशल मीडिया पर जो कुछ भी हो रहा है, उसकी रिपोर्ट उन्हें देते हैं। वह पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए जरूरी मैसेज शेयर करते हैं। वह पीएम मोदी के साथ चुनावी रैलियों में भी जाते हैं। स्पीच की हाइलाइट्स नोट करते हैं और उन्हें सोशल मीडिया के जरिए फैलाते हैं। 


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कभी मीडिया एडवाइजर नहीं रहा। पहले जगदीश ठक्कर सूचना अधिकारी थे लेकिन उनका निधन हो गया है। अब सोशल मीडिया के जरिए ही मीडिया को हैंडल किया जाता है और हिरेन जोशी इसमें खास आदमी हैं।


हिरेन जोशी ने ग्वालियर के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट (IITM) से PhD की है। वह पुणे के रहने वाले हैं। पीएम मोदी से जुड़ने से पहले लगभग 18 साल तक उन्होंने राजस्थान के एक इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ाया है।

 

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कैसे हुई थी पीएम मोदी से मुलाकात?

ऐसा कहा जाता है कि पीएम मोदी का पूरा सोशल मीडिया हिरेन जोशी ही संभालते हैं। सोशल मीडिया पर क्या पोस्ट होगा? किस पोस्ट का कैसे जवाब दिया जाएगा? ये सब हिरेन जोशी ही तय करते हैं।


पीएम मोदी और हिरेन जोशी की पहली मुलाकात भी बड़ी दिलचस्प है। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पीएम मोदी और हिरेन जोशी की पहली मुलाकात एक इवेंट में हुई थी। तब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। गुजरात सरकार ने इंजीनियरों के लिए एक इवेंट किया था, जिसमें थोड़ी तकनीकी खराबी आ गई। इसी इवेंट में हिरेन जोशी भी थे। उन्होंने इस तकनीकी खराबी को मिनटों में ठीक कर दिया। मोदी इस बात से इंप्रेस हो गए और उन्हें मुख्यमंत्री कार्यालय बुला लिया।


गुजरात CMO में उन्हें मोदी का OSD नियुक्त किया गया। इस दौरान उन्होंने एक सॉफ्टवेयर बनाया था, जो मोदी की हर ऐक्टिविटी को ट्रैक करता था। इससे मोदी की डेली रूटीन तय हो जाता था। कब, किससे और कितने समय तक मिलना है, ये सबकुछ इसी सॉफ्टवेयर से होता था। 2014 में मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद हिरेन जोशी भी दिल्ली आ गए। वह पीएम मोदी का पूरा सोशल मीडिया और वेबसाइट का काम संभालने लगे।


हिरेन जोशी तब चर्चा में आए थे, जब 2014 में चुनाव जीतने के बाद पीएम मोदी पहली बार जापान की यात्रा पर जाने वाले थे। जापान के लिए रवाना होने से पहले पीएम मोदी के X (तब ट्विटर) अकाउंट से जापानी भाषा में 8 ट्वीट हुए। इसने सबको हैरान कर दिया। इसे 'ट्विप्लोमेसी' कहा गया। 

 

 

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, जापान दौरे से पहले पीएम मोदी के अकाउंट से होने वाले ट्वीट की स्क्रिप्ट टोक्यो में भारतीय एंबेसी के पास भेजी गई। वहां से स्क्रिप्ट जापानी भाषा में ट्रांसलेट होकर आई। इसके बाद विदेश मंत्रालय के ट्रांसलेटर ने इसे वेरिफाई किया। फिर एक खास सॉफ्टवेयर के जरिए ट्वीट को जापानी फोंट और शब्दों में लिखा गया। इसके बाद ये 8 ट्वीट किए गए। ये सारे पीएम मोदी के पर्सनल अकाउंट से किए गए थे, न कि PMO के अकाउंट से।

 

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काम क्या करते हैं हिरेन जोशी?

रिपोर्ट के मुताबिक, पीएम मोदी अपने X और दूसरे सोशल मीडिया अकाउंट पर कब, क्या पोस्ट करेंगे, ये सबकुछ हिरेन जोशी ही तय करते हैं।


मोदी सरकार में पारंपरिक मीडिया की बजाय सोशल मीडिया पर ज्यादा जोर दिया जाता है। सारे मंत्री, मंत्रालय और अधिकारी सोशल मीडिया पर ऐक्टिव रहते हैं। इन सबके पीछे हिरेन जोशी का ही दिमाग माना जाता है। 


पीएम मोदी की वेबसाइट narendramodi.in अब इंग्लिश के अलावा हिंदी और संस्कृत में भी हैं, इसके पीछे भी हिरेन जोशी का ही हाथ है।


इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, हर रात 11:30 बजे हिरेन जोशी ऑनलाइन ऐक्टिविटी की पूरी जानकारी पीएम मोदी को देते हैं। सोशल मीडिया पर चल रहे हजारों मैसेज में कुछ मैसेज को मार्क कर दिखाया जाता है। देशभर में उनकी रिसर्च टीम है, जो ये सारा काम संभालती है। राजनेताओं, विदेशी नेताओं और महापुरुषों की जन्मतिथि और पुण्यतिथि की जानकारी भी हिरेन जोशी ही पीएम मोदी को देते हैं। 


2014 में जब मोदी ने पहली बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी तो कुछ ही मिनटों के अंदर सारे सोशल मीडिया अकाउंट और PMO की वेबसाइट अपडेट हो गई थी। ये सारा काम भी हिरेन जोशी ने ही मैनेज किया था। 


जून 2019 में उन्हें PMO में पीएम मोदी का OSD नियुक्त किया गया। वह लेवल-14 के अफसर हैं। PMO के मुताबिक, हिरेन जोशी की हर महीने की बेसिक सैलरी 1,77,400 रुपये है।