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4 साल बाद भारत आ रहे पुतिन, 28 घंटे के दौरे में क्या-क्या होगा? सबकुछ जानिए

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 4 और 5 दिसंबर को भारत के दौरे पर रहेंगे। इस दौरान पीएम मोदी से उनकी मुलाकात होगी। इस दौरे का एजेंडा क्या है? दौरा खास क्यों है? समझते हैं।

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पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन। (Photo Credit: PMO India)

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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आज भारत आ रहे हैं। उनका यह दौरा 28 घंटों का होगा। पुतिन 4 साल बाद भारत आ रहे हैं। इससे पहले दिसंबर 2021 में वह भारत आए थे। पुतिन का यह दौरा ऐसे समय हो रहा है जब रूसी तेल के कारण भारत और अमेरिका के रिश्तों में तनाव है और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय इंपोर्ट पर 50% का टैरिफ लगा दिया है। अमेरिकी टैरिफ की पुतिन कई बार आलोचना कर चुके हैं। पुतिन के इस दौरे से भारत और रूस के संबंध और मजबूत होने की उम्मीद है।


पुतिन जब से राष्ट्रपति बने हैं, तब से यह उनका भारत का छठा दौरा है। साल 2000 में राष्ट्रपति बनने के कुछ महीनों बाद ही पुतिन पहली बार भारत आए थे। आखिरी बार पुतिन 6 दिसंबर 2021 को भारत आए थे।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुतिन को भारत आने का न्योता दिया था। पुतिन 23वीं इंडिया-रशिया एनुअल समिट में शामिल होने के लिए भारत आ रहे हैं। इस दौरान कई अहम समझौते हो सकते हैं। 

 

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पुतिन के भारत दौरे में क्या होगा?

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन गुरुवार शाम 4:30 बजे तक नई दिल्ली पहुंचेंगे। जुलाई 2024 में जब पीएम मोदी रूस गए थे, तब पुतिन ने उनके लिए प्राइवेट डिनर रखा था। इसी तरह अब जब पुतिन भारत आ रहे हैं, तो पीएम मोदी ने उनके लिए प्राइवेट डिनर रखा है।


शुक्रवार को 23वीं इंडिया-रशिया समिट शुरू होगी। इस समिट में भी पीएम मोदी हैदराबाद हाउस में पुतिन और रूसी डेलिगेशन के लिए लंच होस्ट करेंगे। बताया जा रहा है कि शुक्रवार सुबह पुतिन राजघाट भी जा सकते हैं।


समिट के बाद शुक्रवार को पुतिन रूस के सरकारी ब्रॉडकास्टर RT का नया इंडिया चैनल लॉन्च करेंगे। इसके बाद राष्ट्रपति द्रोपदू मुर्मू की तरफ से उनके सम्मान में डिनर रखा गया है, जिसमें वह शामिल हों।


इसके बाद पुतिन शुक्रवार रात करीब 9:30 बजे रूस के लिए रवाना हो जाएंगे। इसके साथ उनका 28 घंटे का दौरा खत्म हो जाएगा।

 

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इस दौरे का एजेंडा क्या है?

  1. रूस से तेल खरीद: भारत पर 50% टैरिफ लगाया है, जिस पर चर्चा हो सकता है। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने बताया कि पश्चिमी प्रतिबंधों के कारण रूस से कच्चे तेल की खरीद कुछ समय के लिए कम हो सकती है लेकिन रूस सप्लाई बढ़ाने के लिए कदम उठा रहा है।
  2. यूक्रेन युद्ध: पीएम मोदी और पुतिन की मुलाकात के दौरान रूस-यूक्रेन युद्ध पर भी चर्चा हो सकती है। उम्मीद है कि पुतिन इस जंग को रोकने के लिए अमेरिकी कोशिशों के बारे में पीएम मोदी से चर्चा करेंगे। भारत लगातार कहता रहा है कि बातचीत और कूटनीति ही युद्ध को खत्म करने का एकमात्र तरीका है।
  3. अहम समझौते: पुतिन के इस दौरे से भारत-रूस के बीच कई अहम समझौते होने की उम्मीद है। एक समझौता भारतीय कामगारों के रूस आने-जाने को आसान बनाने को लेकर भी हो सकता है। इससे 10 लाख भारतीयों को रूस में नौकरी मिलेगी। साथ ही डिफेंस को लेकर भी समझौता होने की उम्मीद है।
  4. कारोबार पर फोकस: भारत, रूस से 65 अरब डॉलर का इंपोर्ट करता है, जबकि रूस, भारत से 5 अरब डॉलर का ही इंपोर्ट करता है। इस दौरे में भारत का रूस को होने वाला एक्सपोर्ट बढ़ाने पर चर्चा हो सकती है। फार्मा, एग्रीकल्चर, फूड प्रोडक्ट्स और कंज्यूमर गुड्स का एक्सपोर्ट बढ़ने की उम्मीद है। 

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डिफेंस में मजबूत होंगे भारत-रूस के रिश्ते

डिफेंस सेक्टर में भारत और रूस के रिश्ते पहले से ही काफी मजबूत हैं। पुतिन के इस दौरे के दौरान यह संबंध और मजबूत होने की उम्मीद है।


बताया जा रहा है कि इंडिया-रशिया एनुअल समिट से पहले दोनों देशों के रक्षा मंत्री गुरुवार को बैठक करेंगे, जिसमें रूस से S-400 मिसाइल सिस्टम और दूसरे जरूरी रक्षा उपकरणों की खरीद पर बातचीत हो सकती है।


अक्टूबर 2018 में भारत ने रूस के साथ S-400 मिसाइल सिस्टम खरीदने के लिए 5 अरब डॉलर की डील की थी। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान S-400 काफी असरदार साबित हुआ था। माना जा रहा है कि भारत और S-400 खरीदने की डील सकता है।


इसके अलावा, भारत और रूस के बीच लड़ाकू विमानों को लेकर भी एक डील पर चर्चा हो सकती है। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने बताया कि Su-57 लड़ाकू विमान को लेकर भारत और रूस के बीच चर्चा होने की संभावना है। भारत 5वीं जनरेशन के लड़ाकू विमान खरीदना चाहता है। इसे लेकर फ्रांस की डसॉल्ट एविएशन का राफेल, लॉकहीड मार्टिन का F-21, बोइंग का F/A-18 और यूरोफाइटर टाइफून से लेकर बात चल रही है।ॉ


इतना ही नहीं, इस समिट में ऊर्जा संबंधों को और मजबूत करने के तरीकों पर भी चर्चा होने की उम्मीद है। बताया जा रहा है कि रूस ने भारत को कच्चे तेल की खरीद के लिए और ज्यादा छूट देने की पेशकश की है।


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