आंध्र प्रदेश सरकार के एक फैसले पर हंगामा मच गया। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने इस पर अपनी आपत्ति जताई और कहा कि एसोसिएशन आयुर्वेद व होम्योपैथी का सम्मान करती है, मगर आधुनिक चिकित्सा के साथ इनको नहीं मिलाना चाहिए। दरअसल, आंध्र प्रदेश सरकार ने मंगलवार को आयुर्वेद डॉक्टरों को कुछ चुनिंदा मामले में ऑपरेशन करने की अनुमति दी। अब उसके इसी फैसले का विरोध हो रहा है।

 

न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के अध्यक्ष डॉ. दिलीप पी. भानुशाली ने कहा, 'एसोसिएशन इसका विरोध करती है। हम आयुर्वेद और होम्योपैथी का सम्मान करते हैं, लेकिन उनका अपना विज्ञान है। हम चाहते हैं कि आयुर्वेद को उसके शुद्ध रूप में प्रोत्साहित किया जाए। इसे आधुनिक मेडिसिन के साथ क्यों मिलाया जाना चाहिए। इससे न केवल मरीजों को दिक्कत आएंगी, बल्कि यह एक बहुत बड़ी गलती होगी। हम अपना ज्ञापन सौंपेंगे और अपनी आपत्तियां दर्ज कराएंगे।'

 

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आंध्र प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री वाई सत्य कुमार यादव ने आयुर्वेद डॉक्टरों को ऑपरेशन करने की अनुमति देने वाले प्रस्ताव को मंजूरी दी। प्रावधान के तहत शल्य चिकित्सा में पोस्ट ग्रेजुएट और ट्रेनिंग लेने वाले आर्युवेद डॉक्टर मौजूदा नियमों के तहत ऑपरेशन करने के योग्य होंगे। द हिंदू की खबर के मुताबिक आयुर्वेदिक डॉक्टर अब 39 जनरल सर्जरी और 19 तरह की आंख, कान, नाक, गले, सिर और दंत रोगों से जुड़े इलाज कर सकेंगे।

 

 

 

ये ऑपरेशन कर सकेंगे आयुर्वेदिक डॉक्टर

  • संक्रामक रोगों का इलाज 
  • घावों की सिलाई
  • बवासीर
  • फिशर 
  • स्किन ग्राफ्टिंग 

 

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आंध्र प्रदेश सरकार ने क्यों उठाया ये कदम? 

अपनी प्रेस विज्ञप्ति में आंध्र प्रदेश सरकार ने बताया कि इस कदम का उद्देश्य भारत की पारंपरिक चिकित्सा को आधुनिक स्वास्थ्य पद्धतियों से जोड़ना है। मगर अब आईएमए आधुनिक चिकित्सा से आयुर्वेद को मिलने का विरोध कर रही है। आईएमए अध्यक्ष ने कहा कि 27 और 28 दिसंबर को अहमदाबाद में प्रस्तावित अखिल भारतीय चिकित्सा सम्मेलन में यह मुख्य एजेंडा में शामिल होगा।