प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करीब आठ साल बाद ओमान की यात्रा करेंगे। वे 17 और 18 दिसंबर को ओमान में रहेंगे। ओमान के सुल्तान हैथम बिन तारिक अल सईद के निमंत्रण पर पीएम मोदी दूसरी बार ओमान का दौरा करेंगे। ओमान से पहले पीएम मोदी जॉर्डन और इथियोपिया भी जाएंगे। पीएम मोदी का यह दौरा उस वक्त हो रहा है, जब भारत और ओमान के बीच राजनयिक रिश्तों के 70 बरस पूरे हो रहे हैं। 

 

आखिरी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फरवरी 2018 में ओमान की यात्रा की थी। अबकी बार पीएम के साथ एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी ओमान जाएगा। इस यात्रा का मकसद दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना और आर्थिक व रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाना है। माना जा रहा है कि पीएम मोदी के दौरे के वक्त कई अहम समझौतों पर मुहर लग सकती है।

 

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कितना अहम है ओमान?

ओमान खाड़ी का पहला देश है, जिसके साथ भारत की तीनों सेनाएं अभ्यास करती हैं। दोनों देश हिंद महासागर में समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित करने में भी सहयोग करते हैं। यही वजह है कि ओमान के साथ भारत की रणनीतिक और रक्षा साझेदारी लगातार मजबूत हो रही है। यह देश खाड़ी सहयोग परिषद (GCC), अरब लीग और इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन (IORA) अहम वार्ताकार भी है। 2023 में भारत ने अपनी अध्यक्षता के दौरान ओमान को जी 20 सम्मेलन में शामिल होने के लिए अतिथि देश के तौर पर आमंत्रित किया था। तब ओमान ने 9 मंत्रियों ने भारत का दौरा किया था। 

ओमान के जगुआर फाइटर जेट्स पर क्यों टिकीं भारत की निगाहें?

ओमान की रॉयल एयर फोर्स ने अपने जगुआर विमानों को सेवा से बाहर कर दिया है। इस बीच ओमान ने अपने जगुआर विमानों के स्पेयर पार्ट्स की आपूर्ति भारत को करने की पेशकश की है। माना जा रहा है कि पीएम मोदी की ओमान यात्रा के बाद जल्द ही इन स्पेयर पार्ट्स की आपूर्ति शुरू हो जाएगी। भारत अभी जगुआर विमानों का इस्तेमाल करता है। काफी पुराने होने के कारण इन विमानों के स्पेयर पार्ट्स मिलने में दिक्कत होती है। अब ओमान से स्पेयर पार्ट्स की आपूर्ति के बाद भारत में जगुआर विमानों का रख-रखाव करना आसान होगा।

 

सचिव अरुण कुमार चटर्जी ने बताया कि ओमान की रॉयल एयर फोर्स जगुआर जेट्स का संचालन करती थी। मगर कुछ समय पहले उन्हें सेवा से हटा दिया है। उनके पास इन विमानों के कई स्पेयर पार्ट्स हैं। इन्हें वे निकट भविष्य में हमें भेजने को तैयार हैं। आने वाले दिनों में इन स्पेयर पार्ट्स की आपूर्ति की संभावना है।

 

भारत को 20 जगुआर फाइटर जेट देने से जुड़े सवाल पर भारत में ओमान के राजदूत इस्सा सालेह अब्दुल्ला सालेह अलशिबानी ने कहा कि मुझे लगता है कि यह इस बात का सबूत है कि हमारे रक्षा संबंध कितने गहरे हैं। हम पहले और शायद एकमात्र देश हैं, जिसने सभी अलग-अलग सेनाओं के बीच जॉइंट ट्रेनिंग की है। यह दिखाता है कि यह रिश्ता कितना गहरा है।

 

 

 

ओमान के साथ हो सकती फ्री ट्रेड डील

माना जा रहा है कि पीएम मोदी के ओमान यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट हो सकता है। भारत और ओमान के बीच दो साल पहले 2023 में फ्री ट्रेड डील पर बातचीत शुरू हुई थी। समझौते के तहत दोनों देश अधिकांश सामान पर कस्टम ड्यूटी या तो कम कर देंगे या खत्म ही कर देंगे। इसके अलावा व्यापार को बढ़ाने और निवेश को आकर्षित करने के उद्देश्य से नियमों को आसान बनाएंगे। 

 

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खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) के सदस्य संयुक्त अरब अमीरात के साथ भारत का पहले से ही एक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट 2022 से लागू है। ओमान दूसरा देश होगा। भारत खाड़ी सहयोग परिषद के देशों में तीसरा सबसे बड़ा निर्यात ओमान को ही करता है। ओमान की शूरा परिषद बुधवार को ही फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को अपनी मंजूरी दे चुकी है।

एक-दूसरे से क्या खरीदते भारत और ओमान?

भारत और ओमान के बीच 2024-25 में द्विपक्षीय व्यापार करीब 10.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। ओमान से भारत सबसे अधिक पेट्रोलियम प्रोडक्ट और यूरिया खरीदता है। कुल आयात में इनकी हिस्सेदारी 70 फीसद से भी अधिक है।इसके अलावा प्रोपलीन, एथिलीन पॉलिमर, पेट कोक, जिप्सम, रसायन, लोहा और एल्यूमीनियम खरीदता है। भारत से ओमान खनिज ईंधन, रसायन, कीमती धातुएं, लोहा, अनाज, जहाज, नावें, बिजली की मशीनरी, बॉयलर, चाय, कॉफी, मसाले, कपड़े और खाद्य प्रोडक्ट खरीदता है।