शुक्रवार को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में विजयदशमी के मौके पर 'विसर्जन शोभा यात्रा' के दौरान दो छात्र समूहों के बीच हिंसक झड़प हो गई। यह आयोजन नवरात्रि के नौ दिन बाद हुआ। JNUSU के संयुक्त सचिव वैभव मीणा ने बताया कि छात्रसंघ ने साबरमती में 'नक्सल जैसी ताकतों' के खिलाफ सांकेतिक 'रावण दहन' किया, जिसमें अफजल गुरु, उमर खालिद, शरजील इमाम, जी साई बाबा और चारु मजुमदार जैसे लोगों के पुतले जलाए गए। लेफ्ट के छात्रों ने इसका विरोध किया तो हंगामा बरप गया। 

वैभव मीणा ने कहा, 'जब शोभा यात्रा कैंपस में निकल रही थी, तब लेफ्ट से जुड़े छात्र, साबरमती टी पॉइंट पर अपना अलग पुतला दहन कर रहे थे। छात्रों ने यात्रा में बाधा डाली और जूते-चप्पल फेंके। इससे कुछ छात्र घायल हो गए। हम इसकी शिकायत पुलिस में करेंगे।'

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शरजील इमाम-उमर खालिद के पुतले पर बवाल

JNUSU अध्यक्ष नितीश कुमार ने कहा, 'झड़प की वजह एक उकसाऊ पोस्टर था, जिसमें JNU के पूर्व छात्र और कार्यकर्ता उमर खालिद और शरजील इमाम को रावण के रूप में दिखाया गया। हम इसका विरोध कर रहे थे, क्योंकि यह संविधान और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का अपमान था।'

JNUSU अध्यक्ष नितीश कुमार ने कहा, 'दक्षिणपंथी छात्रों ने यात्रा के दौरान 'जय श्री राम' और 'योगी जी का बुलडोजर' जैसे नारे लगाए और चप्पलें लहराईं। लेफ्ट के समूह ने हिंसा रोकने के लिए मानव श्रृंखला बनाई। दूसरा पक्ष आधे घंटे तक उकसाने की कोशिश करता रहा। बाद में वे चले गए।'



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हंगामा क्यों बरपा?

जेएनयूएसयू के संयुक्त सचिव वैभव मीणा ने कहा, 'नौ दिवसीय नवरात्रि उत्सव के बाद विजयादशमी पर JNU कैंपस में विसर्जन शोभा यात्रा निकाली गई थी। साबरमती में प्रतीकात्मक रावण का दहन किया गया, जिसमें नक्सल समर्थित ताकतों के दहन की अपील की गई थी। कार्यक्रम के दौरान अफजल गुरु, उमर खालिद, शरजील इमाम, जी साईं बाबा और चारु मजूमदार जैसे नक्सली विचारधारा वाले लोगों के पुतले और फोटो जलाए गए।'

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JNUSU संयुक्त सचिव वैभव मीणा:-
 आज, विजयदशमी के दिन JNUSU ने आह्वान किया था कि हम नक्सली ताकतों के रावण का दहन करेंगे। जेएनयू में भी नौ दिवसीय नवरात्रि का दुर्गा पूजा उत्सव मनाया जाता है। विजयदशमी को मूर्ति का विसर्जन किया जाता है। इसलिए, एक शोभायात्रा भी निकाली जा रही थी। पहले साबरमती में सभी नक्सली नेताओं और अफजल गुरु, उमर खालिद, शरजील इमाम, जी साईं बाबा, चारु मजूमदार जैसे नक्सली विचारधारा वाले लोगों के फोटो के साथ रावण दहन किया गया। जब परिसर में 'शोभायात्रा' निकाली जा रही थी तो साबरमती टी पॉइंट पर अलग पुतला दहन कार्यक्रम के लिए मौजूद वामपंथी संगठनों के सदस्यों ने शोभायात्रा पर जूते-चप्पल फेंकर उसे बाधित किया। उन्होंने शोभा यात्रा पर जूता-चप्पल फेंके। शोभायात्रा में शामिल छात्रों को चोटें आईं। हम अपनी शिकायत लेकर पुलिस के पास जाएंगे।

लेफ्ट के छात्र क्या कह रहे हैं?

JNUSU के अध्यक्ष नीतीश कुमार:-
वे गोडसे का पुतला नहीं जला रहे हैं। संविधान और मानवाधिकार की रक्षा करने वालों के पुतले जलाने की कोशिश की जा रही थी। हमारा विरोध साबरमती टी पॉइंट पर चल रहा था। वे दुर्गा विसर्जन कर रहे थे। उन्होंने आधे घंटे के लिए अपना डीजे बंद कर दिया और 'जय श्री राम' और योगी जी के बुलडोजर जस्टिस के नारे लगाए। फिर उन्होंने चप्पलें लहराना शुरू कर दिया। हमने हिंसा रोकने के लिए ह्यूमन चेन बनाई। लेकिन उन्होंने आधे घंटे तक वहां हिंसा भड़काने की कोशिश की। बाद में वे चले गए।

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JNUSU के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने कहा, 'यह झड़प दूसरे ग्रुप द्वारा फैलाए गए एक भड़काऊ पोस्टर की वजह से हुई। पोस्टर में जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद और शरजील इमाम को रावण के रूप में दिखाया गया था। आज सुबह 9-10 बजे हमारे ग्रुप में एक पोस्टर वायरल होने लगा, जिसमें लिखा था कि वे 'रावण दहन' करने वाले हैं। उमर खालिद और शरजील इमाम इस कैंपस के छात्र थे। वे आंदोलनकारी हैं, नागरिकता की रक्षा के लिए आंदोलन चलाया था। इसका विरोध जरूरी था।'