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गुजरात: बाल खींचे, धमकाया, गालियां दीं; गरबा में दलित महिला से बदसलूकी

गुजरात के महिसागर जिले में एक गरबा कार्यक्रम में दलित महिला के साथ बदसलूकी का मामला सामने आया है। मामले में पुलिस ने 4 महिलाओं के खिलाफ केस दर्ज किया है।

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प्रतीकात्मक तस्वीर। (AI Generated Image)

गुजरात में एक गरबा कार्यक्रम में दलित महिला के साथ बदसलूकी का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि गरबा कार्यक्रम में पहुंची एक दलित महिला के साथ गांव की चार महिलाओं ने बदसलूकी की और उसे बाल पकड़कर घसीटा। इस मामले में पुलिस ने चार महिलाओं के खिलाफ केस दर्ज किया है। 


मामला महिसागर जिले के भरोडी गांव का है। यहां के सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज में गरबा कार्यक्रम था। इस कार्यक्रम में 25 साल की छात्रा रिंकू वानकर भी पहुंची थी। रिंकू ने इस कार्यक्रम में अपने साथ बदसलूकी किए जाने का आरोप लगाया है। 


इसे लेकर छात्रा ने वीरनगर पुलिस थाने में चार महिलाओं के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। छात्रा ने आरोप लगाया है कि यह घटना तब हुई जब वह अपनी सहेली के साथ गरबा में शामिल होने गई थी।

 

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क्या है पूरा मामला?

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, FIR में छात्रा ने आरोप लगाया है कि लोमा पटेल, रोशनी पटेल और वृष्टि पटेल ने पहले उसे गरबा में शामिल होने के लिए डांटा और फिर गाली-गलौज और बदसलूकी करना शुरू कर दिया।


छात्रा ने उन महिलाओं पर जातिगत टिप्पणियां और गाली देने का आरोप भी लगाया है। उसने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि महिलाओं ने कहा था 'ये लोग हमारे बराबर नहीं हैं और हमारे साथ गरबा नहीं खेल सकते।'


FIR के मुताबिक, छात्रा ने अपनी साथ बदसलूकी की शिकायत की थी लेकिन तभी लोमा, रोशनी और मीना पटेल एक साथ आ गईं और कथित तौर पर मारपीट करने लगीं।


रिंकू ने आगे आरोप लगाया कि महिलाओं ने उसके बाल पकड़कर उसे उसे खींचा। शिकायत में कहा गया है कि महिलाओं ने उसे कथित तौर पर धमकी भी दी कि अगर वह से गरबा में आने की कोशिश करती है तो इसका अंजाम बुरा होगा।

 

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पुलिस ने दर्ज किया केस

इस मामले में छात्रा की शिकायत पर पुलिस ने महिलाओं के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 115 (2) (मर्जी से चोट पहुंचाना), 53 (जबरन उकसाना), 351(1) (धमकाना) और 352 (शांति भंग करने के लिए इरादे से जानबूझर अपमानित करना) के साथ-साथ SC-ST ऐक्ट के तहत केस दर्ज किया है।


महिसागर के एसपी सफीन हसन ने अखबार को बताया कि केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है और शिकायतकर्ता के साथ-साथ आरोपियों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं।


उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले और गाइडलाइंस के मुताबिक, SC-ST ऐक्ट के तहत उन मामलों में आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी नहीं हो सकती, जिनमें 7 साल से कम की सजा का प्रवधान है। उन्होंने बताया कि आरोपियों को नोटिस जारी किए गए हैं और उनसे पूछताछ की जा रही है।

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