पंजाब में 2022 के विधानसभा चुनाव की तरह गांव की सरकार में भी आम आदमी पार्टी (AAP) ने प्रचंड जीत दर्ज की है। हाल ही में हुए स्थानीय निकाय चुनावों में AAP ने पंचायत समिति और जिला परिषद की करीब 1800 सीटों पर जीत दर्ज की है। आप की इस लहर में कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और शिरोमणि अकाली दल समेत तमाम विपक्षी दल काफी पीछे रह गए हैं। 2027 में होने वाले विधानसभा चुनावों से करीब एक साल पहले मिली इस बड़ी जीत से AAP पार्टी के कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ गया है और पंजाब से लेकर दिल्ली तक पार्टी के कार्यकर्ता जश्न मना रहे हैं। हालांकि, पर्दे के पीछे पार्टी के कुछ बड़े नेताओं की चिंता बढ़ गई है।
AAP पार्टी पंजाब में कांग्रेस, अकाली दल और बीजेपी से तो काफी आगे निकल गई है लेकिन पार्टी के दिग्गज नेता अपने गढ़ सुरक्षित नहीं रख पाए। पार्टी के कई बड़े नेता अपने गांव में भी पार्टी को सीट नहीं जीता पाए। दिग्गजों के गढ़ में पार्टी की हार ने पार्टी को चेता दिया है। AAP सरकार के कई मंत्री और विधायक अपने इलाकों में पार्टी को जीत नहीं दिला पाए।
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दिग्गजों के गढ़ में हारी पार्टी
पंजाब में AAP का युवा चेहरा सांसद गुरमीत सिंह मीत हेयर के गांव में ही पार्टी की हार हो गई है। गुरमीत सिंह मीत हेयर 2022 से 2024 तक पंजाब सरकार में मंत्री रह चुके हैं और 2024 के लोकसभा चुनाव में वह सासंद का चुनाव जीतकर दिल्ली पहुंचे थे। उनके गांव कुरड़ में ही मिली हार पर लोगों का कहना है कि उनका अपने गांव से कनेक्शन टूट गया था। पंजाब विधानसभा के स्पीकर और कोटकपूरा विधानसभा सीट से विधायक कुलतार सिंह संधवां के गांव संधवा में पार्टी की बड़ी हार हुई है। इस बीच सीएम भगवंत मान के पैतृक गांव सतौज में ब्लॉक समिति चुनाव के धरमगढ़ जोन से आप प्रत्याशी हरविंदर पाल ऋषि ने जीत दर्ज की है।
पंजाब सरकार में मंत्री रह चुके विधायक कुलदीप धालीवाल के गांव जगदेवा कलां से उनके उम्मीदवार की हार हो गई है। पार्टी के दिग्गजों ने पार्टी के उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया लेकिन इसके बावजूद पार्टी हार गई। संगरूर से आप विधायक नरिंदर कौर भराज के पैतृक गांव भराज से आम आदमी पार्टी के जिला परिषद प्रत्याशी चुनाव हार गए हैं । आप प्रत्याशी जगजीत कौर को इस गांव में 217 वोट मिले हैं जबकि कांग्रेस की प्रत्याशी संदीप कौर को 253 वोट मिले हैं । 36 वोट के अंतर से कांग्रेस को मिली जीत की चर्चा हर तरफ है। पूर्व वित्तमंत्री परमिंदर सिंह ढींडसा के गांव ऊभावाल से अकाली दल को जीत मिली है।
कांग्रेस के दिग्गजों का क्या हुआ?
पंजाब कांग्रेस स्थानीय निकाय चुनावों के बीच अपने घर की कलह को हल करने में लगी रही। पूर्व प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर ने एक बयान देकर पार्टी की दिक्कतें बढ़ा दी थी। इसके बाद पंजाब कांग्रेस की कलह एक बार फिर से खुलकर सामने आई। इसका परिणाम नतीजों में भी दिखा। पार्टी आम आदमी पार्टी से काफी पीछे रह गई। हालांकि, पार्टी के कई नेता अपने गढ़ को बचाने में कामयाब रहे। पूर्व मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी के विधानसभा क्षेत्र चमकौर साहिब में कांग्रेस को एकतरफा जीत मिली है। कांग्रेस पार्टी ने जिला परिषद की सभी तीन सीटों और ब्लॉक समिति की सभी 15 सीटों पर जीत दर्ज की है। इनके अलावा सुखजिंदर सिंह रंधावा जैसे बड़े नेता भी अपने इलाकों में पार्टी को जीत दिलाने में कामयाब रहे।
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कई दिग्गजों के गढ़ में जीत दर्ज करने के बाद भी कांग्रेस पार्टी की बुरी तरह हार हुई है। राजा वड़िंग के संसदीय क्षेत्र से ही पार्टी AAP से पीछे रह गई है। लुधियाना से AAP को 11 जिला परिषद की सीटों और कांग्रेस को 8 सीटों पर जीत मिली है। पंचायत समिति में भी कांग्रेस की 73 और AAP की 88 सीटें आईं। राजा वड़िंग के खिलाफ पिछले कुछ समय से कांग्रेस के कई नेता मुखर होकर आवाज उठा रहे हैं और अब उनके गढ़ में हार से उनकी दिक्कतें और बढ़ सकती हैं। इसके अलावा उनके गढ़ गिद्दड़बाहा में भी पार्टी की हार हुई है।
जिला परिषद के फाइनल नतीजे
- कुल सीटें- 347
- AAP- 218
- कांग्रेस- 62
- अकाली दल- 46
- बीजेपी- 7
- बहुजन समाजवादी पार्टी- 3
- आजाद उम्मीदवार-10
पंचायत समिति रिजल्ट
- कुल- 2838
- AAP- 1529
- कांग्रेस- 611
- अकाली दल- 449
- बीजेपी-73
- बीएसपी- 28
- अन्य- 144
