केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने मंगलवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि ममता सरकार चुनावी फायदे के लिए पश्चिम बंगाल में बांग्लादेशियों को घुसपैठ करने का बढ़ावा दे रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि बीजेपी के राज्य में सत्ता में आने पर अवैध प्रवासियों को बाहर निकाला जाएगा।
उन्होंने पिछले कुछ हफ्तों में बंगाल में हो रही मंदिर-मस्जिद की राजनीति पर भी अपनी बात रखी। अमित शाह ने सवाल पूछते हुए कहा कि बंगाल में मंदिर और मस्जिद की राजनीति कौन कर रहा है? उन्होंने कहा, 'एक टीएमसी का निष्काशित विधायक है और दूसरा तृणमूल कांग्रेस है।'
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मस्जिद का निर्माण करना कितना सही?
उन्होंने कहा कि बंगाल के लोगों को यह तय करना होगा कि चुनाव पास आने पर ऐसी चीजें यानी मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद का निर्माण करना कितना सही है। यहां, मुद्दा सिर्फ इतना ही नहीं है बल्कि राज्य में भ्रष्टाचार, महिलाओं की सुरक्षा, घुसपैठ, उद्योगों का पलायन जैसे और भी कई मुद्दे हैं।
दरअसल, अमित शाह ने मंगलवार को कोलकाता में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने कहा कि अप्रैल 2026 में बंगाल में विधानसभा के चुनाव होने जा रहे हैं। भय, भ्रष्टाचार, कुशासन और घुसपैठ की जगह विकास, विरासत और गरीब कल्याण की एक मजबूत सरकार बनाने का बंगाल की जनता का संकल्प दिखाई पड़ता है।
बंगाल की जनता भयभीत
शाह ने कहा, 'टीएमसी के 15 साल के शासन में भय, भ्रष्टाचार, कुशासन और विशेषकर घुसपैठ से बंगाल की जनता भयभीत भी है, आशंकित भी है। हम बंगाल की जनता को आश्वासन भी देना चाहते हैं और वादा भी करते हैं कि पीएम मोदी के नेतृत्व में बंगाल में बीजेपी की सरकार बनने के साथ ही यहां की विरासत को पुनर्जीवित करेंगे, विकास की गंगा फिर से तेज गति से बहेगी और गरीब कल्याण को प्राथमिकता देंगे।'
बीजेपी का कैसे बढ़ा ग्राफ?
गृह मंत्री शाह ने बंगाल में बढ़ती हुई बीजेपी का जिक्र करते हुए कहा, '2014 के लोकसभा चुनाव में हमें बंगाल में 17 प्रतिशत वोट और दो सीटें मिली थीं। 2016 के विधानसभा चुनाव में हमें 10 प्रतिशत वोट मिले और तीन सीटें मिलीं। 2019 के लोकसभा चुनाव में हमें 41 प्रतिशत वोट मिले और 18 सीटें मिलीं। 2021 के विधानसभा चुनाव में हमें 38 प्रतिशत वोट मिले और 77 सीटें मिलीं।'
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उन्होंने कहा कि जिस पार्टी को सिर्फ 3 सीटें मिली थीं, उसे पांच साल के अंतराल में 77 सीटें प्राप्त हुईं। कांग्रेस, जिसकी स्थापना ही बंगाल से शुरू हुई, वह कांग्रेस पार्टी शून्य पर पहुंच गई, और 34 वर्षों तक राज करने वाला कम्युनिस्ट गठबंधन भी एक भी सीट प्राप्त नहीं कर पाया, और हम प्रमुख विपक्ष बने।
उन्होंने कहा, 'बीजेपी पश्चिम बंगाल में दो-तिहाई बहुमत से सरकार बनाएगी। शाह ने आरोप लगाया कि तृणमूल ने भय और हिंसा की राजनीति में वामपंथियों को भी पीछे छोड़ दिया है।'
केंद्रीय गृह मंत्री ने साथ ही पश्चिम बंगाल के लोगों को भरोसा दिलाते हुए कहा कि राज्य में बीजेपी की सरकार बनने के बाद भी राज्य सरकार की सभी मौजूदा योजनाएं जारी रहेंगी। हम जिन योजनाओं का वादा करेंगे, उन्हें जमीन पर लागू किया जाएगा। उन्होंने टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि 'बंगाल में सिर्फ 'भाईपो' (भतीजा) को कमाने का हक है, और किसी को नहीं।
