दिल्ली के स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों की ड्यूटी कुत्ते गिनने में लगाने का मामला चर्चा में हैं। अब दिल्ली सरकार के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने एक वीडियो जारी करके कहा है कि ऐसा कोई आदेश ही नहीं है। इस पर विपक्षी आम आदमी पार्टी (AAP) के नेताओं ने उन्हें घेर लिया है और कहा है कि स्कूलों से लिस्ट मांगी गई है। AAP ने तंज कसा है कि अरविंद केजरीवाल की सरकार के समय शिक्षकों को विदेश भेजकर ट्रेनिंग करवाई जाती थी और अब उनकी ड्यूटी आवारा कुत्तों को गिनने के लिए लगाई जा रही है। इस मामले पर कई शिक्षकों ने भी बताया है कि इस तरह के आदेश के तहत स्कूलों से नाम मांगे गए थे।
इसी मामले पर दिल्ली सरकार के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की। उन्होंने AAP पर आरोप लगाए कि वह सस्ती लोकप्रियता के लिए झूठ बोल रही है। आशीष सूद ने कहा कि झूठ बोलकर भाग जाने से उनका वोट वापस नहीं आएगा। उन्होंने कहा कि AAP ने ऐसे ही एक और आरोप लगाया था कि दिल्ली सरकार ने आदेश दिया था कि कोई बच्चा सैंटा क्लॉज बनकर आएगा तो उसके खिलाफ ऐक्शन होगा। आशीष सूद ने पूछा कि कहां है ऐसा आदेश?
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क्या बोले दिल्ली के शिक्षा मंत्री?
दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने एक वीडियो जारी करके कहा है, 'दिल्ली के शिक्षक आवारा कुत्तों की गिनती करेंगे- ऐसा कोई भी ऑर्डर दिल्ली सरकार ने जारी नहीं किया है। आम आदमी पार्टी अपनी हार से उबर नहीं पाई है इसलिए उसके स्वघोषित बेरोजगार नेता रोज एक झूठ सोशल मीडिया पर फैलाते हैं। मैं उन्हें खुले रूप से चुनौती देता हूं कि अगर उनके पास कोई ऐसा ऑर्डर है तो उसे सोशल मीडिया पर डालें। इस प्रकार से सनसनी फैलाकर दिल्ली की जनता उनके साथ आने वाली नहीं है। दिल्ली की जनता उन्हें रिजेक्ट कर चुकी है, ऐसे घटिया सोशल मीडिया कैंपेन से आम आदमी पार्टी की बची-खुची रिजेक्शन भी निश्चित है।'
उनके इसी वीडियो को X पर शेयर करते हुए AAP विधायक संजीव झा ने लिखा है, 'माननीय शिक्षा मंत्री आशीष सूद जी, आपने कहा था- अगर ऐसा कोई ऑर्डर है तो सोशल मीडिया पर डालें” — यह DDE North West–A कार्यालय से जारी आधिकारिक लिस्ट है और उसी के तहत टीचर्स/स्कूल स्टाफ की सूची मांगी गई है, जिन्हें आवारा कुत्तों की गिनती जैसे कामों में लगाया जा रहा है। अरविंद केजरीवाल जी की सरकार में टीचर्स को विदेश भेजकर ट्रेनिंग करवाई जाती थी और आपकी सरकार में इन्हीं टीचर्स को आवारा कुत्तों की गिनती के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। अब यह मत कह देना कि यह फैसला अधिकारियों ने खुद ले लिया, सरकार को इसकी कोई जानकारी ही नहीं है। यही फर्क है शिक्षा को प्राथमिकता देने वाली सरकार और दिखावटी बयान देने वाली सरकार में।'
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सरकारी स्कूल शिक्षक संघ (GSTA) में अध्यक्ष पद के उम्मीदवार कृष्ण फोगाट ने इस मामले पर कहा, 'अगर यह शिक्षक आवारा कुत्तों की गिनती करेंगे तो बच्चों की पढ़ाई का ध्यान कौन रखेगा? क्या पशुपालन या वन विभाग के पास इसके लिए स्टाफ नहीं है?' कृष्ण फोगाट ने खबरगांव को एक ईमेल भी दिखाया जो उन्होंने दिल्ली सरकार को भेजा था। इस ईमेल में उन्होंने इस फैसले का विरोध किया था।