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जेल गए, केस चला और मिल गई जमानत, नेताओं के केस का अपडेट क्या है?

सरकार पर आरोप लगते हैं कि विरोधियों को दबाने के मकसद से झूठे इल्जामों में उन्हें जेल में डाला जा रहा है। इनमें दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन जैसे नाम अहम हैं।

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प्रतीकात्मक तस्वीर। (Photo Credit: Khabargaon)

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सियासत में आरोप लगना, जेल जाना और फिर जमानत पर बाहर आना... ये सब तो लगा ही रहता है। पिछले कुछ साल में ऐसे कई बड़े नेता रहे हैं, जिन्हें कुछ दिन जेल में गुजारना पड़ा है। दिलचस्प बात यह है कि जब किसी बड़े नेता की गिरफ्तारी होती है तो हल्ला बहुत मचता है। प्राइम टाइम से लेकर ब्रेकिंग न्यूज तक... यही नेता छाए रहते हैं। फिर चाहे बात दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी की हो। चाहे बात झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की हो। या फिर शिवसेना नेता संजय राउत की गिरफ्तारी की।

 

राजनेताओं की गिरफ्तारी के मामले कुछ साल में बढ़ गए हैं। इसी साल मार्च में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में बताया था कि अप्रैल 2015 से फरवरी 2025 तक प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 193 राजनेताओं के खिलाफ केस दर्ज किया था। जाहिर है कि इनमें से बहुतों को जेल भी जाना पड़ा होगा। पंकज चौधरी ने बताया था कि इन 10 सालों में जितने नेताओं के खिलाफ ED ने केस दर्ज किया था, उनमें से सिर्फ 2 पर ही दोष साबित हुआ था।

 

 

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10 नेता, जो जेल गए और फिर जमानत पर बाहर

1. अरविंद केजरीवाल: शराब घोटाले में जेल

 

दिल्ली के कथित शराब घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च 2024 को ED ने गिरफ्तार किया। कई घंटों की पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। ED के बाद CBI ने भी उन्हें गिरफ्तार कर लिया। कथित शराब घोटाले में जांच एजेंसियों ने केजरीवाल को 'मास्टरमाइंड' बताया था।

 

पिछले साल ही लोकसभा चुनाव भी थे। इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें चुनाव प्रचार के लिए 10 मई को जमानत दे दी। चुनाव के बाद 2 जून को उन्होंने सरेंडर कर दिया। बाद में भी उनकी जमानत का मामला सुप्रीम कोर्ट में चलता रहा। आखिरकार 13 सितंबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट से उन्हें जमानत मिल गई। जमानत पर बाहर आने के बाद ही अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से भी इस्तीफा दे दिया।

 

  • सवाल क्यों उठे थे: केजरीवाल की गिरफ्तारी पर सवाल भी उठे। आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव के कारण केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया था।
  • ताजा स्टेटस क्या है: दिल्ली हाई कोर्ट ने 15 अक्टूबर को ED को केजरीवाल की जमानत याचिका के खिलाफ दलील रखने का आखिरी मौका देते हुए 10 नवंबर की तारीख तय की थी। हालांकि, 10 नवंबर को अदालत में क्या हुआ, इसकी जानकारी उपलब्ध नहीं है।

2. के. कविता: दिल्ली के घोटाले में गिरफ्तारी

दिल्ली के कथित शराब घोटाले में तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी के. कविता को भी ED ने 15 मार्च 2024 को गिरफ्तार कर लिया। उन्हें इस घोटाले से जुडे़ मनी लॉन्ड्रिंग के केस में गिरफ्तार किया गया था। के. कविता को अकाउंटेंट बुचीबाबू की कथित गवाही पर गिरफ्तार किया गया था।

 

ED का आरोप था कि के. कविता शराब कारोबारियों के 'साउथ ग्रुप' से जुड़ी थीं। इसी ग्रुप ने कथित तौर पर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत दी थी। ED की टीम ने के. कविता को हैदराबाद स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया था।

  • सवाल क्यों उठे थे: इसे भी लोकसभा चुनाव से जोड़कर देखा गया। कविता की पार्टी भारत राष्ट्र समिति (BRS) ने आरोप लगाया कि चुनाव के चलते उन्हें गिरफ्तार किया गया।
  • ताजा स्टेटस क्या है: के. कविता को 27 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी थी। इसके बाद से उनके मामले में क्या हुआ? इसकी जानकारी उपलब्ध नहीं है।

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3. हेमंत सोरेन: कथित जमीन घोटाले में अरेस्ट

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को कथित जमीन घोटाले में ED ने 31 जनवरी 2024 को गिरफ्तार कर लिया था। यह मामला फर्जी कागजातों और जाली दस्तावेजों के जरिए जमीन की खरीद-फरोख्त से जुड़ा था।

 

मामला जून 2022 में सामने आया था। आरोप लगा कि प्रदीप बागची नाम के शख्स ने भारतीय सेना की जमीन को हड़प लिया। यह 4.5 एकड़ की जमीन थी। इस मामले में मई 2023 में आईएएस छवि रंजन को भी गिरफ्तार किया गया था। आरोप था कि छवि रंजन ने पद पर रहते हुए जमीन की खरीद-बिक्री में मदद की थी।

 

 

ED का दावा था कि इस तरह की कई लैंड डील हुई थीं। 2023 में ED ने सीएम हेमंत सोरेन के कथित करीबी प्रेम प्रकाश को गिरफ्तार किया था। ED का दावा था कि झारखंड में ऐसी दर्जनों जमीन हैं, जिनका असली मालिक कोई और है। 31 जनवरी 2024 को ED ने पूछताछ के बाद हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया था।

  • सवाल क्यों उठे थे: ED की टीम के साथ ही हेमंत सोरेन ने राजभवन पहुंचकर इस्तीफा दे दिया था। आरोप लगा कि लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी को कमजोर करने के लिए उन्हें गिरफ्तार किया गया था।
  • ताजा स्टेटस क्या है: 28 जून 2024 को झारखंड हाई कोर्ट ने हेमंत सोरेन को जमानत दे दी। ED ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, जिसे 29 जुलाई 2024 को खारिज कर दिया गया। ED ने नवंबर 2025 में हाई कोर्ट में अपील की थी कि इस मामले में हेमंत सोरेन को पेश होने का आदेश दिया जाए। 4 दिसंबर को हाई कोर्ट ने राहत देते हुए सीएम सोरेन को फिजिकली प्रेजेंस होने से छूट दे दी थी।

4. संजय राउत: पात्रा चॉल जमीन घोटाले में अरेस्ट

शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत को ED ने 31 जुलाई 2022 को गिरफ्तार किया था। उन्हें मुंबई की पात्रा चॉल में कथित जमीन घोटाले से जुड़े मामले में गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में ED ने पहले ही संजय राउत और उनकी पत्नी वर्षा राउत की 10 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति अटैच कर ली थी।

 

मनी लॉन्ड्रिंग का यह केस महाराष्ट्र हाउसिंग एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (MHADA) ने दर्ज कराया था। पात्रा चॉल को रिडेवलप करने के नाम पर सैकड़ों करोड़ों रुपये की हेराफेरी हुई थी। इस मामले में ED ने प्रवीण राउत को गिरफ्तार किया था जो कथित तौर पर संजय राउत का करीबी था। प्रवीण राउत की पत्नी माधुरी और संजय राउत की पत्नी वर्षा एक कंस्ट्रक्शन में पार्टनर भी हैं।

 

ED ने जांच के बाद दावा किया था कि 2010 में माधुरी राउत ने वर्षा राउत के खाते में 83 लाख रुपये भेजे थे। इससे वर्षा राउत ने एक जमीन खरीदी थी। पात्रा चॉल घोटाले में ED ने दर्जनों लोगों को गिरफ्तार किया था। ED का दावा था कि संजय राउत ने 3.72 करोड़ रुपये की आपराधिक कमाई की थी।

  • सवाल क्यों उठे थे: संजय राउत ने अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताया था। उनका दावा था कि राजनीतिक विरोधी होने के कारण उन्हें गिरफ्तार किया गया था। जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने पूछा था- 'मेरा अपराध क्या था?'
  • ताजा स्टेटस क्या है: इस मामले में संजय राउत को 9 नवंबर 2022 को जमानत मिल गई थी। ED ने हाई कोर्ट में इसे चुनौती दी, जहां से इसे खारिज कर दिया गया। फरवरी 2023 में हाई कोर्ट ने ED से कहा था कि पहले मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कीजिए।

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5. सेंथिल बालाजी: नौकरी के बदले पैसे में गिरफ्तार

तमिलनाडु सरकार में मंत्री रह चुके और डीएमके नेता वी. सेंथिल बालाजी को ED ने 14 जून 2023 को गिरफ्तार कर लिया था।

 

सेंथिल बालाजी को जिस कथित घोटाले में गिरफ्तार किया गया था, वह 2011 से 2016 के बीच था। उस वक्त बालाजी अन्नाद्रमुक की सरकार में परिवहन मंत्री थे। आरोप था कि 2014-15 में बालाजी ने कई उम्मीदवारों से कथित तौर पर पैसे लिए थे और बदले में परिवहन विभाग में उन्हें नौकरी दी थी।

 

 

इस मामले में 2 हजार से ज्यादा आरोपी हैं। 26 सितंबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने बालाजी को जमानत दे दी थी। उन्हें इस आधार पर जमानत दी गई थी कि मामले में 2 हजार से ज्यादा आरोपी हैं और सुनवाई में 3-4 साल लग सकते हैं और तब तक उन्हें जेल में नहीं रखा जा सकता।

  • सवाल क्यों उठे थे: बालाजी की गिरफ्तारी पर डीएमके नेताओं ने इसे बदले की कार्रवाई बताया था। बालाजी पहले अन्नाद्रमुक सरकार में मंत्री थे लेकिन बाद में डीएमके में आ गए थे।
  • ताजा स्टेटस क्या है: 26 सितंबर 2024 को जमानत मिलने के बाद ही स्टालिन सरकार ने उन्हें मंत्री बना दिया था। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने आपत्ति जताई थी। 28 अप्रैल 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया था कि अगर इस्तीफा नहीं दिया तो जेल में डाल दिया जाएगा। इसके बाद बालाजी ने मंत्री पद छोड़ दिया था। बालाजी अभी जमानत पर बाहर हैं।

6. चंद्रबाबू नायडू: स्किल डेवलपमेंट केस में गिरफ्तारी

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को भी 9 सितंबर 2023 की सुबह-सुबह गिरफ्तार कर लिया गया था। उस वक्त आंध्र में जगन मोहन रेड्डी की सरकार थी। चंद्रबाबू नायडू को CID ने कथित स्किल डेवलपमेंट स्कैम में गिरफ्तार किया था।

 

यह पूरा मामला उस वक्त था जब चंद्रबाबू नायडू मुख्यमंत्री थे। आरोप था कि 2016 में सीएम चंद्रबाबू नायडू ने आंध्र प्रदेश स्टेट स्किल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (APSSDC) बनाया था। यह प्रोजेक्ट 3,300 करोड़ रुपये का था। इस प्रोजेक्ट के तहत 6 सेंटर बनाए जाने थे। ऐसा तो हुआ नहीं, उल्टा सरकार ने ही कथित तौर पर 371 करोड़ रुपये 6 शेल कंपनियों में डाल दिए।

 

 

CID ने दावा किया था कि 2018 में ही इस घोटाले की शिकायत मिल गई थी लेकिन तब सत्ता में बैठे लोगों ने जांच प्रभावित करने की कोशिश की थी। चंद्रबाबू नायडू को 9 सितंबर की सुबह-सुबह CID ने गिरफ्तार कर लिया था।

  • सवाल क्यों उठे थे: चंद्रबाबू नायडू ने दावा किया था कि उन्हें CID ने बिना सबूत और आधार के गिरफ्तार किया है। FIR में भी उनका नाम नहीं लिखा था। बीजेपी ने इस गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए इसे गलत बताया था।
  • ताजा स्टेटस क्या है: 31 अक्टूबर 2023 को हाई कोर्ट ने चंद्रबाबू नायडू को अंतरिम जमानत दे दी थी। वह 53 दिन तक जेल में रहे थे। 21 नवंबर 2023 को हाई कोर्ट ने उन्हें रेगुलर बेल दे दी थी। अप्रैल 2024 में CID ने इस मामले में नायडू के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। जनवरी 2025 में नायडू की जमानत को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी थी।

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7. नवाब मलिक: मनी लॉन्ड्रिंग में हुए गिरफ्तार 

महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक को 23 फरवरी 2022 को ED ने अरेस्ट कर लिया। उन्हें अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के केस में गिरफ्तार किया गया था।

 

नवाब मलिक पर आरोप था कि उन्होंने कुर्ला में गोवावाला कंपाउंड की एक जमीन के लिए दाऊद इब्राहिम, उसकी बहन हसीना पारकर और उसके गुर्गों से लेन-देन किया था।

 

उनके इस केस के बारे में ज्यादा डिटेल सामने नहीं आई थी। हालांकि, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नवंबर 2021 में नवाब मलिक पर दाऊद इब्राहिम से संबंध रखने का आरोप लगाया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि नवाब मलिक ने 1993 के मुंबई ब्लास्ट के आरोपी सरदार शाहवाली और सलीम पटेल से जमीन खरीदी थी। फडणवीस का आरोप था कि नवाब मलिक ने सिर्फ 30 लाख रुपये में करोड़ों की जमीन खरीद ली थी।

 

इस मामले में 11 अगस्त 2023 को नवाब मलिक को सुप्रीम कोर्ट से मेडिकल ग्राउंड पर अंतरिम जमानत मिली थी। वह 535 दिन तक जेल में रहे थे। शुरुआत में उन्हें 2 महीने के लिए ही अंतरिम जमानत मिली थी। बाद में इसे बढ़ा दिया गया।

  • सवाल क्यों उठे थे: नवाब मलिक की गिरफ्तारी को विपक्ष ने अवैध बताया था। जब उन्हें गिरफ्तार किया गया तो उन्होंने कहा था- 'मुझे गिरफ्तार किया गया है लेकिन मैं डरूंगा नहीं। मैं लड़ूंगा और जीतूंगा।'
  • ताजा स्टेटस क्या है: मेडिकल ग्राउंड पर सुप्रीम कोर्ट ने 30 जुलाई 204 को नवाब मलिक को रेगुलर बेल दे दी थी। नवंबर 2025 में मुंबई की स्पेशल कोर्ट ने नवाब मलिक के खिलाफ आरोप तय कर दिए थे। अब मवाब मलिक पर मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत मुकदमा चल रहा है।

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8. अब्बास अंसारी: कई मामलों में जा चुके हैं जेल

यूपी के बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी उन नेताओं में हैं, जिनका जेल में आना-जाना लगा रहता है। उन्हें कई मामलों में गिरफ्तार किया जा चुका है। 

 

अब्बास अंसारी को गैंगस्टर ऐक्ट, मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट और हेट स्पीच के मामलों में गिरफ्तार किया गया है। अब्बास अंसारी इसी साल 21 मार्च को जेल से बाहर आए थे। वह नवंबर 2022 से जेल में थे।

 

2 साल से ज्यादा समय तक जेल में बिताकर बाहर आए अब्बास अंसारी को 31 मई 2025 को हेट स्पीच से जुड़े एक मामले में दोषी करार दिया गया। उन्हें 2 साल की जेल की सजा सुनाई गई। हालांकि, कोर्ट ने उन्हें तुरंत ही जमानत भी दे दी। 2 साल की जेल की सजा मिलने के बाद उनकी विधायकी चली गई थी। अब्बास अंसारी मऊ सीट से विधायक हैं।

 

 

उन्हें जिस मामले में सजा हुई थी, वह 2022 के यूपी चुनाव का था। उन्होंने एक चुनावी रैली में कहा था- 'सरकार बनने के बाद किसी 6 महीने तक किसी अफसर की ट्रांसफर-पोस्टिंग नहीं होगी। पहले हिसाब-किताब होगा। फिर ट्रांसफर होगा।'

 

अब्बास अंसारी ने अपनी सजा को सेशन कोर्ट में चुनौती दी लेकिन वहां से उनकी अपील खारिज हो गई। इसके बाद उन्होंने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। 20 अगस्त को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दोषसिद्धि को रद्द कर दिया। इसके बाद उनकी विधायकी वापस आ गई।

  • ताजा स्टेटस क्या है: अब्बास अंसारी अभी कई मामलों में जमानत पर बाहर हैं। मार्च 2025 में उन्हें गैंगस्टर ऐक्ट और मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट में जमानत मिल गई थी। हेट स्पीच के जिस मामले में उन्हें सजा मिली थी, उसे भी हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया।

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