पूर्वोत्तर के सबसे बड़े राज्य असम में 126 सीटों के लिए मार्च-अप्रैल 2026 को विधानसभा चुनाव होना है। चुनाव से पहले राज्य में सियासी गर्मी तेज होने लगी है। बीजेपी और कांग्रेस जमीन पर जाकर अपने कार्यकर्ताओं में जोश भर रहे हैं। साथ ही लोगों को अपने-अपने मुद्दे समझाने पर जोर दे रहे हैं। बीजेपी की तरफ से खुद मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा मोर्चा संभाले हुए हैं, तो वहीं कांग्रेस की तरफ से सांसद और प्रदेश अध्यक्ष गौरव गोगोई एक्टिव हो चुके हैं। दोनों तरफ से वार-प्रत्यावार हो रहे हैं।
असम विधानसभा के आगामी चुनाव में अब चार महीने का वक्त बचा है। नया साल आते ही राज्य में चुनावी सरगर्मी तेज होना तय है। ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस को अपने नेतृत्व पर भरोसा तो है ही.. साथ ही दोंनों राष्ट्रीय दल अपना कुनबा बढ़ाने पर भी तेजी से काम कर रही हैं। जहां, कांग्रेस अपने गठबंधन को धार देने में लगी है, तो बीजेपी भी NDA के नेतृत्व में तैयार खड़ी है। आइए जानते हैं कि कांग्रेस और बीजेपी का गठबंधन कहां तक पहुंचा है...
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गौरव गोगोई का वोटों में हेरफेर करने का आरोप
इसी बीच असम कांग्रेस के अध्यक्ष गौरव गोगोई ने बीजेपी के ऊपर वोटों में हेरफेर करने का आरोप लगाया है। गोगोई बिहार में SIR में कथित गड़बड़ी का आरोप लगाकर फूंक-फूंककर कदम रख रहे हैं। उन्होंने इसी हफ्ते कहा था कि पार्टी चुनाव आयोग के उन कथित कदमों को बहुत गंभीरता से ले रही है, जिनसे बीजेपी को वोटों में हेरफेर के जरिए सरकार बनाने में मदद मिल सकती है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा 1 जनवरी 2026 को क्वालिफाइंग डेट रखते हुए विशेष संक्षिप्त मतदाता सूची संशोधन का आदेश दिया गया है, जो असल में बाहरी लोगों को वोटर बनाने के लिए है।
पार्टी की एक बैठक के बाद गौरव गोगोई ने कहा कि मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा अपनी कुर्सी बचाने के लिए बिहार और उत्तर प्रदेश से बीजेपी वोटरों को लाकर असम की वोटर लिस्ट में नाम दर्ज कराने की साजिश कर रहे हैं। इसके लिए चुनाव आयोग ने 1 जनवरी 2026 को क्वालिफाइंग डेट रखते हुए विशेष संक्षिप्त मतदाता सूची संशोधन (Special Summary Revision) का आदेश दिया है।
हिमंता के खिलाफ विद्रोह- गोगोई
प्रदेश अध्यक्ष गोगोई ने दावा किया कि ये संशोधन असल में बाहरी लोगों को मतदाता बनाने के लिए डिजाइन किया गया है। उनका कहना है कि असम के गांवों, शहरों, युवाओं, माताओं-बहनों और अलग-अलग समुदायों में हिमंता के खिलाफ विद्रोह शुरू हो चुकी है, इसलिए घबराए हुए सरमा अब फर्जी वोटर लिस्ट तैयार करवा रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं, अन्य विपक्षी दलों और आम जनता से सतर्क रहने की अपील की ताकि आने वाले दिनों में यूपी और बिहार से RSS कार्यकर्ता असम की वोटर लिस्ट में घुसपैठ ना कर सकें।
दरअसल, कांग्रेस असम में बिहार में मिली हार के बाद चौकन्ना हो गई है। यही वजह है कि पार्टी चुनाव में कोई भी जोखिम नहीं उठाना चाहती है। वोट लिस्ट पर नजर रखते हुए कांग्रेस ने राज्य में अपने सहयोगी दलों को भी एकजुट करने में लगी हुई है। इसी कड़ी में बात करते हुए गौरव गोगोई ने कहा है कि हम आगामी चुनाव विधानसभा में विधायकों की संख्या बढ़ाने के लिए नहीं, बल्कि लोगों के हितों की रक्षा और सुरक्षा के लिए सत्ता में आने के लिए लड़ेंगे।
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कांग्रेस के गठबंधन के सहयोगी
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस इंडिया गठबंधन के बैनर तले चुनाव लड़ेगी। गोगोई ने ऐकान करते हुए कहा है कि असम में कांग्रेस आठ पार्टियों के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी। इस गठबंधन में कांग्रेस, सीपीआई (एम), रायजोर दल, असम जातीय परिषद, सीपीआई, सीपीआई (एमएल), जातीय दल-असोम (जेडीए) और ऑल पार्टी हिल लीडर्स कॉन्फ्रेंस (HPLC) शामिल हैं। ये सभी आठों दल एकजुट होकर असम में बीजेपी के खिलाफ मैदान में उतरेंगी।
बीजेपी, एनडीए गठबंधन के साथ तैयार
दूसरी तरफ असम बीजेपी भी गठबंधन में विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुकी है। पिछले दिनों असम को लेकर हुई पार्टी की कोर कमेटी की बैठक में घोषणा की गई कि पार्टी 2026 विधानसभा चुनाव एनडीए गठबंधन के साथ मिलकर लड़ेगी। बीजेपी कोर कमेटी ने राज्य की 126 विधानसभा सीटों में से 103 सीटें जीतने का लक्ष्य अभी से रख दिया है। बीजेपी ने कहा कि चुनाव का मुख्य फोकस राज्य का समग्र विकास और बीजेपी की वैचारिक नीतियां होंगी। मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा का कहना है कि बीजेपी का विकास मॉडल मजबूत है और इसी आधार पर पार्टी आराम से चुनाव जीतेगी।
बता दें कि पिछले यानी 2021 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अकेले 60 सीटें जीती थीं, जबकि कांग्रेस को 29 सीटें मिली थीं। बीजेपी के साथ पिछले चुनाव में असम गण परिषद, UPPL, बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट जैसी पार्टियां मिलकर चुनाव लड़ी थीं। फिलहाल असम विधानसभा में एनडीए के पास 87 विधायकों का समर्थन है। बीजेपी इस बार भी एनडीए में शामिल अपने सहयोगियों के साथ चुनाव में जाएगी।
हालांकि, बीजेपी 103 सीटों पर लड़ने की तैयारी में है और कांग्रेस पर 'कैश-फॉर-टिकट' जैसे आरोप लगा रही है। कुल मिलाकर, कांग्रेस असम में आक्रामक रुख अपना रही है, लेकिन सफलता गठबंधन और ग्राउंड वर्क पर निर्भर करेगी।
