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बिहार: कानून का कसता शिकंजा, मधेपुरा विधायक पर केस, दरोगा नपे, IAS पर ED की नजर

बिहार में कानून इतना सख्त होता जा रहा है कि पुलिस वालों सहित आईएएस अधिकारियों से भी काफी सख्ती से पेश आ रहा है।

nitish kumar

नीतीश कुमार, Photo Credit: JDU

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संजय सिंह, पटना: विधानसभा चुनाव में हार के बाद भी आरजेडी के विधायकों की मुसीबत कम होती नजर नहीं आ रही है। एक निर्माण कंपनी में कार्यरत मजदूर ने आरजेडी के मधेपुरा विधायक प्रोफेसर चंद्रशेखर के खिलाफ थाने में केस कर दिया है। विधायक पर मारपीट और गाली-गलौज करने का आरोप लगाया गया है। मधेपुरा में बुडको द्वारा नाली का निर्माण कराया जा रहा था। यह काम जेबी कंपनी करा रही है। अररिया जिले के पलासी थाना क्षेत्र के निवासी सोनू निगम इस कंपनी में मजदूरी करते हैं। कुछ दिन पहले रात्रि 9:30 बजे आरजेडी विधायक कार्य स्थल पर पहुंचे। निर्माण कार्य पूर्णिया गोल चौक के समीप चल रहा था। विधायक को यह शिकायत मिली थी कि निर्माण कार्य में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा है। विधायक ने निर्माण सामग्री को लेकर उनसे सवाल जवाब किया। 

 

सोनू निमग ने कहा कि उन्हें इस बारे में कुछ भी नहीं पता है। उनका आरोप है कि इसी बात से विधायक नाराज हो गए। उन्होंने गाली गलौज करने के साथ साथ सोनू को थप्पड़ भी जड़ दिया। शिकायत में एक अन्य पूर्व मुखिया पर प्रोजेक्ट मैनेजर से रुपया मांगने का आरोप भी लगाया गया। थानाध्यक्ष ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है। इधर आरजेडी समर्थकों का कहना है कि राजनीतिक साजिश के तहत विधायक के खिलाफ झूठी प्राथमिकी दर्ज की गई है। लोगों से मिली शिकायत के आधार पर विधायक सिर्फ कार्य स्थल पर देखने गए थे। जांच के बाद ही सच्चाई का पता चल पाएगा।

 

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दो आईएएस पर ईडी की नजर

बिहार काडर के दो आईएएस अधिकारी योगेश सागर और अभिलाषा शर्मा पर ईडी की भृकुटि तिरछी हो गई है। दोनों पर टेंडर मैनेज करने का आरोप है। जांच में यह पाया गया है कि एक ठेकेदार के पैसे पर आईएएस अधिकारी अभिलाषा शर्मा अपने परिवार के सदस्यों के साथ यूरोप और ऑस्ट्रेलिया का टूर भी कर चुकी हैं। इस मामले में विवादास्पद ठेकेदार के खिलाफ भी ईडी जांच कर रही है। 

 

आईएएस योगेश सागर 2017 बैच के अधिकारी हैं। इन्होंने अपने करियर की शुरुआत अररिया जिले के फारबिसगंज में बतौर एसडीओ की थी। वह भागलपुर में नगर आयुक्त भी रहे। दूसरी आईएस अधिकारी अभिलाषा शर्मा ने अपनी करियर की शुरूआत केंद्रीय गृह मंत्रालय से की। वह सीतामढ़ी में डीएम भी रही हैं। वर्तमान में वह ग्रामीण विकास विभाग में डिप्टी सेक्रेटरी हैं। दोनो आईएएस अधिकारियों ने विभिन्न पदों पर रहते हुए कुछ आर्थिक गतिविधियां संचालित की थीं। ईडी इन्हीं आर्थिक गतिविधियों में गड़बड़ी की जांच कर रही है। 

छपरा में दो दारोगा नपे

छपरा में खाकी वर्दी एक बार फिर शर्मसार हुई है। शराब तस्कर को बचाने के आरोप में दो दारोगा को निलंबित कर जेल भेज दिया। एसपी आशीष कुमार को यह सूचना मिली थी कि एक स्कॉर्पियो पर तस्करों द्वारा शराब की खेप लाई जा रही है। गश्ती में पहले से तैनात प्रशिक्षु दारोगा चंद्रभान और दीपक ओझा ने उक्त वाहन को पकड़ लिया। दोनों पकड़े गए वाहन को छोड़ने के एवज में मोटी रकम की मांग करने लगे। इस बीच यह अफवाह फैल गई कि शराब तस्कर वाल्मीकि सिंह ने एक पुलिस कर्मी को बंधक बना लिया है।

 

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एसपी को जैसे ही बंधक बनाए जाने की सूचना मिली। उन्होंने एएसपी रामपुकार सिंह के नेतृत्व में एक टीम को गठित कर घटना स्थल पर भेजा। टीम ने शराब तस्कर वाल्मीकि सिंह को गिरफ्तार कर लिया। तस्कर के पास से एक देशी पिस्तौल, कारतूस, मैगजीन और शराब बरामद किया गया। एएसपी के जांच से यह स्पष्ट हुआ कि दोनों दारोगा मोटी रकम लेकर गाड़ी छोड़ने के चक्कर में है। रिपोर्ट मिलने के बाद दोनों को निलंबित कर दिया गया। फिर दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।

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