भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के लिए 2025 बहुत शानदार रहा। साल की शुरुआत में दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी को बंपर जीत मिली। इसके बाद कई उपचुनावों के साथ-साथ बिहार विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी को धमाकेदार जीत मिली और एनडीए से नीतीश कुमार एक बार फिर मुख्यमंत्री बने। इन सभी चुनावों से इतर बीजेपी ने साल के अंतिम महीने में केरल के स्थानीय निकाय चुनाव में भी अप्रत्याशित प्रदर्शन किया और राजधानी तिरुवनंतपुरम की नगर निगम में 100 में से 50 सीटों पर जीत दर्ज की। इसके साथ ही केरल में बीजेपी को अपना पहला मेयर वी.वी. राजेश के रूप में मिल गया है। केरल से लेकर दिल्ली तक पार्टी के कार्यकर्ताओं में इस जीत से उत्साह है और आने वाले विधानसभा चुनाव में भी पार्टी अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद कर रही है।
भारतीय जनता पार्टी केरल में अपने लिए राजनीतिक जमीन तलाश रही है। आजादी के बाद से अब तक केरल में कांग्रेस और वामपंथ यानी लेफ्ट पार्टियों की सरकार रही है। मौजूदा समय में लेफ्ट गठबंधन एलडीएफ से पिनाराई विजयन मुख्यमंत्री हैं। वहीं, कांग्रेस के नेतृत्व में यूडीएफ 10 साल बाद सत्ता में वापसी की कोशिश कर रहा है लेकिन बीजेपी को भी कुछ महीनों बाद होने वाले विधानसभा चुनाव से काफी उम्मीदें हैं। केरल में पार्टी लगातार काम कर रही है और इसका रिजल्ट भी दिख रहा है। 2024 में पहली बार पार्टी को संसदीय चुनावों में एक सीट पर जीत मिली थी और अब निकाय चुनाव में भी पार्टी ने अप्रत्याशित प्रदर्शन किया है।
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इन नेताओं पर रहेगा दारोमदार
केरल में भारतीय जनता पार्टी के पास राज्य स्तर पर कोई बड़ा चेहरा नहीं है। उत्तर भारत की राजनीति की तरब केंद्रीय नेतृत्व के चेहरे पर भी बीजेपी यहां सत्ता हासिल नहीं कर सकती है। ऐसे में केरल बीजेपी के ही कई नेताओं पर पार्टी को जीत दिलाने और संगठन को मजबूत करने की जिम्मेदारी रहेगी। बीजेपी में कई नेता सक्रिय हैं और यह नेता आने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी के लिए अहम भूमिका निभा सकते हैं।
राजीव चंद्रशेखर बड़ा चेहरा
भारतीय जनता पार्टी में मौजूदा समय में केरल के अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर पर बड़ी जिम्मेदारी है। उन्हें मार्च 2025 में पार्टी अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई। 60 साल के राजीव चंद्रशेखर के पास करीब दो दशक का सियासी अनुभव है। वह केंद्र सरकार में इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी, कौशल विकास, उद्यमिता, जल शक्ति जैसे विभागों में केंद्रीय राज्य मंत्री के रूप में काम कर चुके हैं। वे तीन बार राज्यसभा के सदस्य रहे। इसके अलावा उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता की जिम्मेदारी भी निभाई है और केरल के उपाध्यक्ष के रूप में भी काम किया।
राजीव चंद्रशेखर
2024 में उन्होंने कांग्रेस नेता शिश थरुर के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ा था लेकिन उन्हें 16,077 वोट से हार का सामना करना पड़ा था। केरल के रहने वाले राजीव चंद्रशेखर का जन्म गुजरात के अहमदाबाद में जन्मे और अब अपने माता-पिता की जन्मभूमि केरल में बीजेपी की कमान संभाल रहे हैं।
उन्होंने हाल ही में हुए निकाय चुनाव में पार्टी का नेतृत्व किया और इन चुनावों में पार्टी को एक नगर निगम और दो नगर पालिका में जीत मिली। इन चुनावों के बाद राजीव चंद्रशेखर ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि हम जानते हैं कि बीजेपी एलडीएफ और यूडीएफ से काफी पीछे है लेकिन बीजेपी केरल में एक मजबूत राजनीतिक ताकत बनकर उभर रही है। आने वाले विधानसभा चुनाव में इसका असर साफ दिखेगा।' उन्होंने यह भी कहा कि इस बार मुकाबला यूडीएफ और एनडीए के बीच होगा।
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सुरेश गोपी
सुरेश गोपी केरल बीजेपी का एक ऐसा नाम है जिसने केरल में बीजेपी को पहली बार लोकसभा सीट पर जीत दिलवाई। 2024 के लोकसभा चुनाव में केरल के तिरुवनंतपुरम जिले की त्रिशूर लोकसभा सीट से लेफ्ट और कांग्रेस के उम्मीदवारों को मात दी थी। सुरेश गोपी मलयालम फिल्म इंटडस्ट्री का एक जाना माना नाम हैं। वह सिंगर और टेलीविजन प्रेसेंटर भी रह चुके हैं। मौजूदा केंद्रीय कैबिनेट में सुरेश गोपी पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैसे और पर्यटन राज्य मंत्री हैं।
सुरेश गोपी ने 2016 में ही बीजेपी का दामन थाम लिया था। 2019 लोकसभा चुनाव में त्रिशूर से उन्होंने चुनाव लड़ा लेकिन हार गए। इसके बाद 2021 के विधासभा चुनाव में भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 2026 में होने वाले विधानसभा चुनाव में सुरेश गोपी भारतीय जनता पार्टी के लिए बहुत फायदेमंद हो सकते हैं। केंद्र सरकार में केरल कोटे से उन्हें जगह मिली है और लगातार केंद्रीय नेतृत्व का उन पर विश्वास बना हुआ है। वह 2021 में विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं। ऐसे में कुछ महीने बाद होने वाले चुनाव में गोपी सक्रियता से पार्टी के लिए काम कर सकते हैं।
के. सुरेंद्रन
कें. सुरेंद्रन भारतीय जनता पार्टी के संगठन को केरल में मजबूत करने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। राजीव चंद्रशेखर से पहले वह राज्य अध्यक्ष के पद पर थे। राजीव चंद्रशेखर को पार्टी की कमान सौंपते हुए उन्होंने कहा था कि पिछले एक दशक में बीजेपी केरल में मजबूत हुई है और आज इस स्थिति में पहुंच गई है कि केरल में बीजेपी को कोई नजरअंदाज नहीं कर सकता। उन्होंने यह भी कहा था कि केरल में वैचारिक बदलाव हो रहा है। कें. सुरेंद्रन बीजेपी के दिग्गज नेता हैं और कई सालों तक पार्टी अध्यक्ष रहे हैं। 2024 के आम लोकसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के सीनियर नेता राहुल गांधी के खिलाफ वायनाड लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था लेकिन वह एनी राजा के बाद तीसरे नंबर पर रहे थे।
के. सुरेंद्रन
सबरीमाला विरोध प्रदर्शनों के दौरान उन्होंने सक्रिय भूमिका निभाई थी, जिसके चलते उन पर 200 से ज्यादा मुकदमे भी दर्ज हैं। के. सुरेंद्रन ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से अपना राजनीतिक करियर शुरू किया और संगठन के कई पदों से होते हुए वह पार्टी के अध्यक्ष के पद तक पहुंचे। 2021 विधासभा चुनाव में उन्होंने कोन्नी और मंजेश्वरम दो सीटों से चुनाव लड़ा था लेकिन वह दोनों सीटों से हार गए थे। संगठन की दृष्टि से आने वाले चुनाव में कें. सुरेंद्रन पार्टी में अहम भूमिका निभा सकते हैं। अब तक के. सुरेंद्रन चार लोकसभा चुनाव और पांच विधानसभा चुनाव लड़े लेकिन अब तक सफलता नहीं मिल पाई।
वी. मुरलीधरन
वी. मुरलीधरन केरल बीजेपी के सीनियर नेता हैं। अटल बिहारी वाजपेयी के पीएम रहते उन्होंने बीजेपी में एंट्री की और अलग-अलग पदों पर रहते हुए केरल बीजेपी के उपाध्यक्ष और अध्यक्ष पद तक पहुंच गए। उन्होंने 2009 में कोझिकोड से पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा था और 2014 लोकसभा और 2016 विधानसभा चुनाव में भी हिस्सा लिया लेकिन वह हार गए। उनके नेतृत्व में केरल में बीजेपी ने 2009 के 6.4 प्रतिशत से 2014 में 10.8 प्रतिशत तक बढ़ोतरी की है।
वी. मुरलीधरन
अप्रैल 2018 में उन्हें राज्यसभा में भेजा गया और 2019 में बीजेपी सरकार के दूसरे कार्यकाल के बाद उन्हें कैबिनेट में राज्य मंत्री के रूप में जगह मिली। वी. मुरलीधरन को केंद्रीय नेतृत्व के करीबी माना जाता है।
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एम.टी. रमेश
एम.टी. रमेश केरल बीजेपी में सीनियर नेता और संगठन के कार्यों में लंबा अनुभव रखने वाले नेता हैं। वह लंबे समय तक प्रदेश के महासचिव रहे और एक अनुशासित संगठनकर्ता के रूप में उनकी पहचान है। पार्टी की रणनीति तैयार करने में उनकी अहम भूमिका रहती है। उन्होंने केरल बीजेपी को बूथ स्तर पर पर कैडर का विस्तार करने का काम किया है। अब तक वह कई चुनाव में पार्टी के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन अब तक उन्हें सफलता नहीं मिली है। उनकी पहचान लेफ्ट के एक कट्टर विरोधी के रूप में स्थापित हुई है और अक्सर आक्रामक बयानबाजी के लिए चर्चा में रहते हैं।
कब होंगे चुनाव?
केरल की वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 24 मई 2021 से 10 मई 2026 तक है। अप्रैल-मई 2026 में चुनाव होने की संभावना है। केरल में विधायकों की संख्या 140 है और यहां लेफ्ट की पार्टियों और कांग्रेस का प्रभाव ज्यादा है। सीपीआईएम के पिनाराई विजयन केरल के मुख्यमंत्री हैं। वहीं कांग्रेस पार्टी के वीडी सतीशन विपक्ष के नेता हैं। केरल में वर्तमान में सीपीआईएम के नेतृत्व में एलडीएफ गठबंधन सरकार चला रहा है और उन्हें चुनौती देने के लिए कांग्रेस यूडीएफ गठबंधन का नेतृत्व कर रही है। यूडीएफ गठबंधन सत्ता में वापसी की उम्मीद लगाए बैठा है तो बीजेपी भी विधानसभा में धमक देने के लिए तैयार है। पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व केरल में एक्टिव है। हाल ही में राजधानी तिरुवनंतपुरम में बीजेपी का मेयर बना है और 45 साल का लेफ्ट के शासन का अंत हुआ है। बीजेपी आने वाले चुनावों के लिए तैयार है लेकिन पार्टी की राह आसान नहीं है।
