बिहार विधानसभा में नेता विपक्ष तेजस्वी यादव ने, राज्य की छोटे राजनीतिक दलों पर तंज कसा है। उन्होंने छोटे दलों का मजाक उड़ाते हुए कहा है कि छोटे दलों का क्या है, जितना दाना फेंकेंगे संतुष्ट रहेंगे। उनका निशाना बिहार के सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन के सहयोगी दलों की ओर है। बिहार की राजनीति में 4 प्रमुख दल हैं, राष्ट्रीय जनता दल, जनता दल यूनाइटेड, कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी। इसके अलावा दूसरे सहयोगी दलों की गिनती, छोटे राजनीतिक दलों में होती है।
एनडीए के सहयोगी छोटे दलों में चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास), जीतन राम मांझी की हिंदुस्तान आवाम मोर्चा भी शामिल है। तेजस्वी का तंज इन पार्टियों की ओर भी है। दिलचस्प बात यह है कि खुद तेजस्वी यादव की पार्टी जेडीयू, हमेशा अपने साथ इन दिनों 'सन ऑफ मल्लाह' नाम से मशहूर मुकेश सहनी को रिझा रही है। विकासशील इंसान पार्टी, इंडिया गठबंधन का हिस्सा है।
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तेजस्वी यादव, नेता प्रतिपक्ष, बिहार
न बीजेपी, न जेडीयू दोनों दलों की कोई उपलब्धि है। छोटी-मोटी सहयोगी पार्टियों छोड़िए, जो जितना दाना देगा, उसी में संतुष्ट रहेंगी।
क्यों तेजस्वी यादव ने यह बात कही?
ANI के इंटरव्यू में उनसे सवाल किया गया कि परिवारवाद पर आप खुद घिरे हैं। इसे कैसे देखते हैं, उन्होंने जवाब में कहा, 'हम लोगों पर हमेशा यही आरोप लगा है। नई बात नहीं है। साल 2005, 2010 और 2015 में भी यही मुद्दा था। 2020 में यही मुद्दा था। 2025 में भी मुद्दा यही है। उनके पास अपनी सरकार की कोई उपलब्धि नहीं है। न बीजेपी, न ही जेडीयू की कोई उपलब्धि है। छोटी-मोटी सहोयगी पार्टियों को छोड़िए, जो जितना दाना देगा, उसी में संतुष्ट रहेगा।'
तेजस्वी यादव का कहना था कि बिहार में छोटी राजनीतिक पार्टियो की कैसे कोई उपलब्धि हो सकती है, जब जेडीयू और बीजेपी जैसी पार्टियों की कोई उपलब्धि नहीं है।
परिवारवाद पर घिरे तेजस्वी तो क्या कहा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के नेता, जेडीयू पर परिवारवाद का आरोप लगाते रहे हैं। तेजस्वी यादव ने इसके जवाब में कहा, 'आप ही बताओ कि प्रधानमंत्री परिवारवाद के खिलाफ बोलते हैं तो ई लोग हमारे परिवार को गाली देता है। बीजेपी के कोटे के डिप्टी सीएम कौन हैं, उनकी माता जी कौन हैं, भाई जेडीयू कोटे हैं, माता भी चुनाव कहां से लड़ीं, किसने लड़ाया, आखिरी बार अगर चुनाव बेचारा सम्राट जीता तो हम लोगों के ही दल से जीता। फिर चुनाव लड़ा हारा, अब बैकडोर से डिप्टी सीएम है। अगर पीएम मोदी परिवारवाद को देख रहे हैं तो चिराग पासवान को देख लें, जीतन राम मांझी को देख लें। सम्राट चौधरी को देख लें, तीनों जमाई को देख लें, माला पहना दें।'
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तेजस्वी का तंज किस ओर है?
हाल ही में चिराग पासवान के बहनोई मृणाल पासवान को बिहार अनुसूचित जाति आयोग में पद मिला है। जीतन राम मांझी के दामाद देवेंद्र माझ को पद मिला है। अशोक चौधरी के दामाद, सयान कुणाल बिहार बोर्ड में शामिल किए गए हैं, उन्हें संघ के कोटे से भेजा गया है। तेजस्वी यादव इस पर ही सवाल उठा रहे हैं।
तेजस्वी यादव:-
अचेत अवस्था में बिहार संभाल रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और परिवारवाद के पोषक प्रधानमंत्री ने NDA के सहयोगी दलों के साथ मिलकर बिहार में जमाई आयोग का गठन किया है, जिसमें रामबिलास पासवान के दामाद, केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी के दामाद और बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी जी के दामाद को जगह दी गई है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की कैबिनेट में उपमुख्यमंत्री सहित 50 प्रतिशत से ज्यादा मंत्री परिवारवादी है।'
अशोक चौधरी पर तेजस्वी ने क्या कहा?
तेजस्वी यादव ने अशोक चौधरी पर तंज कसते हुए कहा, 'मेरी मां की कृपा से पहली बार मंत्री बने। मेरी मां की सरकार में मंत्री रहे, कांग्रेस पार्टी में ही थे, उनके पिता भी। अब जहां भी जाएं, कहीं भी जाएं, खुद जेडीयू कोटे से हैं, बेटी एलजेपी कोटे से हैं, दमाद RSS कोटे से है। ऐसे लोगों की कोई विश्वसनीयता नहीं होती है। जिस थाली में खाते हैं उसी में छेद करते हैं। इसीलिए नीतीश कुमार को अचेत अवस्था में देख के इन लोगों लग रहा है कि कोई ईश्वरीय वरदान मिल गया है। जितनी मलाई रेवड़ी पार्टी में बांटना है बांटो। लेकिन निशांत को नहीं आने देना। अपना बाल-बच्चा सेट करेंगे। कुणाल किशोर इतने बड़े नाम थे, उनके दामाद को एक आयोग का मामूली सा सदस्य बनाया गया है। बेटी को सांसद बना दिया गया है। यानी दामाद साहब बेटी का पर्स लेकर घूमेंगे।'
बिहार के चर्चित IPS कुणाल किशोर के बेटे सयान कुणाल की पत्नी शांभवी चौधरी, चिराग पासवान की पार्टी से सांसद हैं। तेजस्वी यादव ने उन्हीं पर तंज कसा है कि वे देश के मशहूर IPS के बेटे हैं लेकिन पत्नी शांभवी चौधरी का पर्स ढो रहे हैं।
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'नीतीश के सामाजिक राजनीति के उत्तराधिकारी निशांत क्यों नहीं'
नीतीश कुमार के बेटे निशांत के राजनीति में आने से जुड़े एक सवाल के जवाब में तेजस्वी यादव ने कहा, 'बीजेपी वाले लोग साथ में हैं। वे नहीं चाहते कि सामाजिक न्याय की राजनीति हो। निशांत से उम्मीद है कि वे सामाजिक न्याय की राजनीति करेंगे।'
नीतीश की सीएम उम्मीदवारी पर क्या कहा?
तेजस्वी यादव ने कहा, 'नीतीश कुमार क्या करेंगे, क्या नहीं करेंगे, वह जानें। उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ने की बात कही जा रही है। नेतृत्वकर्ता को सामने आना चाहिए। 14 करोड़ लोगों का भविष्य दांव पर है।'