देश के अलग-अलग हिस्सों में हनुमान जी के कई प्राचीन मंदिर स्थापित हैं, जिनसे जुड़ी कई मान्यताएं भी प्रचलित है। पौराणिक धर्म ग्रंथों के अनुसार, हनुमान जी भगवान शिव के 11वें रूद्रवतार हैं और मान्यता है कि आज भी हनुमान धरती पर वास करते हैं, जिस वजह से उन्हें चिरंजीवी भी कहा जाता है। हनुमान जी को समर्पित एक ऐसा ही मंदिर देश की राजधानी दिल्ली के कनॉट प्लेस में स्थित है। इस हनुमान मंदिर को दिल्ली के सबसे प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक माना जाता है। आइए जानते हैं प्राचीन हनुमान मंदिर से जुड़ी मान्यताएं और महत्व।

इतिहास और प्राचीन कथा

हनुमान जी के इस मंदिर का इतिहास बहुत प्राचीन माना जाता है। कुछ मान्यताओं के अनुसार, इस मंदिर की स्थापना महाभारत काल में हुई थी। कहा जाता है कि जब पांडवों ने इंद्रप्रस्थ, जो वर्तमान में दिल्ली है, को अपनी राजधानी बनाया। तब उन्होंने इस स्थान पर हनुमान जी का एक मंदिर बनवाया। इस मंदिर का निर्माण भीम ने किया था, क्योंकि भीम को हनुमान जी का विशेष आशीर्वाद प्राप्त था।

 

एक अन्य कथा के अनुसार, इस स्थान पर एक साधु ने कठोर तपस्या की थी और उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर स्वयं हनुमान जी ने दर्शन दिए थे। इसके बाद यह स्थान एक पवित्र तीर्थ बन गया। वर्तमान मंदिर का पुनर्निर्माण 1724 ईस्वी में महाराजा जय सिंह द्वितीय ने करवाया था, जो जयपुर के शासक थे। उन्होंने दिल्ली में कई महत्वपूर्ण धार्मिक और विज्ञान से जुड़े स्थानों का निर्माण कराया था, जिनमें जंतर मंतर भी शामिल है।

 

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मंदिर की संरचना में कई विशेषताएं हैं। मुख्य द्वार पर सुंदर नक्काशी और हनुमान जी की भव्य मूर्ति स्थापित है। मंदिर के गर्भगृह में विराजमान हनुमान जी की मूर्ति का मुख पश्चिम दिशा की ओर है, जिसे बहुत ही दुर्लभ माना जाता है। हनुमान जी की इस प्रतिमा की खास बात यह है कि उनकी दाहिनी ओर भगवान राम और माता सीता की छवि अंकित है।

पूजा और धार्मिक महत्व

दिल्ली सहित आसपास के राज्यों से भी हर दिन श्रद्धालु हनुमान जी के दर्शन के लिए आते हैं। हनुमान जी को संकटमोचक कहा जाता है और माना जाता है कि यहां आने वाले भक्तों के सभी दुख दूर हो जाते हैं।

 

मंदिर में हर मंगलवार और शनिवार के दिन अधिक भीड़ देखने को मिलती है, क्योंकि इन दिनों को हनुमान जी की पूजा के लिए विशेष माना जाता है। भक्त यहां आकर सिंदूर चढ़ाते हैं, मीठे प्रसाद का भोग लगाते हैं और हनुमान चालीसा तथा सुंदरकांड का पाठ करते हैं।

 

हर साल हनुमान जयंती पर इस मंदिर में भव्य आयोजन किया जाता है। इस दिन मंदिर को फूलों और दीयों से सजाया जाता है और भक्तों के लिए विशेष भंडारे का आयोजन होता है। यह भी मान्यता है कि जो व्यक्ति यहां सच्चे मन से प्रार्थना करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और उसे हर प्रकार के संकट से मुक्ति मिलती है।

 

Disclaimer- यहां दी गई सभी जानकारी सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं। Khabargaon इसकी पुष्टि नहीं करता।