देशभर में दीपावली धूमधाम से मनाने की तैयारियां जोरों पर हैं। इस दिन हर घर में सजावट, मिठाइयों की खुशबू और दीपों की रोशनी के बीच रात के समय देवी लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है। माना जाता है कि इस शुभ रात्रि में स्वयं देवी लक्ष्मी घर-घर भ्रमण करती हैं और जहां स्वच्छता, भक्ति और दीपों की ज्योति होती है, वहां स्थायी रूप से निवास करती हैं। इसी वजह से दीपावली की रात को महालक्ष्मी, भगवान गणेश, कुबेर देव और विष्णु भगवान की विशेष पूजा का विधान है।

 

श्रद्धालु परिवार सहित लक्ष्मी-गणेश की आराधना करते हैं, आरती गाते हैं और समृद्धि की कामना करते हैं। दीपावली के दिन देशभर के मंदिरों में भी भव्य सजावट की जाती है, जहां रातभर दीप जलाकर माता लक्ष्मी का स्वागत किया जाता है। वहीं, पंडितों का कहना है कि इस बार दीपावली की पूजा का मुहूर्त संध्या के बाद शुरू होकर रात तक रहेगा, उस समय देवी लक्ष्मी की उपासना करने से धन, वैभव और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

 

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दीपावली के दिन कैसे करें पूजा?

दीपावली की रात को देवी लक्ष्मी की पूजा विधिपूर्वक करने से घर में समृद्धि और सुख-शांति का वास होता है। 

स्नान और पवित्रता: दीपावली के दिन पूजन से पहले पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें और साफ कपड़े पहने। पूजा स्थल को भी गंगाजल से शुद्ध करें।

चौकी और कपड़े: लकड़ी की चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाएं और उस पर देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्तियां स्थापित करें।

पंचोपचार पूजन: देवी लक्ष्मी का पंचामृत से अभिषेक करें। फिर उन्हें गुलाब, कमल, चंदन, सिंदूर, हल्दी, चावल, बताशे, मिठाई, सुपारी, इलायची, लौंग, दीपक, धूप, अगरबत्ती, और नैवेद्य अर्पित करें।

ध्यान और मंत्र: पूजा के दौरान लक्ष्मी चालीसा या लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करें। 'ॐ श्रीं ह्लीं श्रीं महालक्ष्मि नमः' मंत्र का जाप करें।

आरती: पूजा के अंत में देवी लक्ष्मी की आरती करें। आरती के समय दीपक जलाकर चारों दिशाओं में घुमाएं।

 

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दीपावली के दिन किन देवताओं की पूजा करें

दीपावली के दिन निम्नलिखित देवताओं की पूजा का विशेष महत्व है

देवी लक्ष्मी: समृद्धि और वैभव की देवी।

भगवान गणेश: विघ्नहर्ता और बुद्धि के देवता।

भगवान विष्णु: पालनहार और रक्षक देवता।

धन के देवता कुबेर: संपत्ति और धन के स्वामी।

देवी सरस्वती: विद्या और ज्ञान की देवी।

देवी काली: शक्ति और ऊर्जा की देवी।

इन देवताओं की पूजा से जीवन में सुख, समृद्धि, ज्ञान, और शक्ति का वास होता है।

देवी लक्ष्मी की आरती

गणेश भगवान की आरती

कुबेर भगवान की आरती

ॐ जय कुबेर महाराज, धन के दाता।
सुख सम्पत्ति के तुम हो विधाता॥
ॐ जय कुबेर महाराज॥

स्वर्ण रजत रत्नों के भंडार,
तेरे चरणों में सब संसार॥
ॐ जय कुबेर महाराज॥

तेरा खजाना न होता खाली,
तेरी कृपा से बने मतवाली॥
ॐ जय कुबेर महाराज॥

जो जन ध्यान लगाते तेरा,
दुःख दरिद्र मिटाते सारा॥
ॐ जय कुबेर महाराज॥

तेरी कृपा से लक्ष्मी आई,
सब दुख-दरिद्रता दूर भगाई॥
ॐ जय कुबेर महाराज॥

मृदुल वचन से तुझको ध्यावे,
तन-मन-धन से पूजन करवावे॥
ॐ जय कुबेर महाराज॥

धन-धान्य से भर दे भंडार,
सुख-समृद्धि दे अपरम्पार॥
ॐ जय कुबेर महाराज॥

जो भी जन आरती गावे,
मनवांछित फल वह पावे॥
ॐ जय कुबेर महाराज॥

विष्णु भगवान की आरती

 

काली माता की आरती

सरस्वती देवी की आरती