सावन महीने की शुरुआत हो चुकी है। हिंदू धर्म में सावन महीने को सबसे पवित्र महीने के रूप में माना जाता है। आज सावन का पहला सोमवार है, देशभर में शिवभक्त श्रद्धापूर्वक इसे मना रहे हैं। ऐसे में सुबह से ही देश के प्रसिद्ध शिव मंदिरों में भक्तों का तांता लगा हुआ है। वाराणसी के काशी विश्वनाथ और उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर में शिव भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा है। भक्तों की भीड़ को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम किया है। राज्य और स्थानीय प्रशासन ने पुलिस बलों के साथ मिलकर भीड़ को नियंत्रित रखने के लिए जगह-जगह व्यापक व्यवस्था की है। 

 

जनता की सुरक्षा और भीड़ के प्रबंधन को सुनिश्चित करने के लिए ड्रोन से निगरानी की जा रही है। आम जनता की सुरक्षा को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने कांवड़ यात्रा के लिए विशेष मार्ग बनाए गए हैं। जनता और भक्तों की सुरक्षा के लिए रूट डायवर्जन किया गया है। सरकार की तरफ से आपातकालीन टीमें भी तैयार की गई हैं।  

 

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उज्जैन में शिव भक्तों के लिए विशेष व्यवस्था

उज्‍जैन के महाकाल मंदिर में दर्शनार्थियों को श्री महाकाल महालोक के नंदी द्वार से प्रवेश दिया जा रहा है। यहां से श्रद्धालु मानसरोवर फैसिलिटी सेंटर से महाकाल टनल के रास्ते मंदिर परिसर में पहुंचेंगे। वहां कार्तिकेय और गणेश मंडपम से श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन कर रहे हैं। दर्शन के बाद भक्तों को निर्माल्य द्वार और नए आपातकालीन द्वार से बाहर निकालने व्यवस्था की गई है। जल चढ़ाने की व्यवस्था श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप और कार्तिकेय मंडपम में जलपात्र के माध्यम से की गई है। तुरंत दर्शन पाने के लिए जिन दर्शनार्थियों ने टिकट लिया है, उन्हें गेट नंबर 1 से प्रवेश दिया जा रहा है। 

 

सावन के पहले सोमवार के शुभ अवसर पर उज्जैन के श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग पर भस्म आरती के साथ विशेष श्रृंगार किया गया है। शास्त्रों के मुताबिक, सावन में भगवान शिव की पूजा करने पर विशेष फल की प्राप्ति होती है।

 

 

काशी विश्वनाथ में कुछ ऐसे कर सकते हैं दर्शन

सावन के पहले सोमवार पर महादेव की नगरी काशी में महादेव के दर्शन को विश्वनाथ धाम में बाबा के भक्तों का जन सैलाब उमड़ पड़ा है। मंगला आरती के बाद काशीपुराधिपति बाबा विश्वनाथ के दरबार का पट खुला तो श्रद्धालुओं की खुशी देखते ही बन रही थी। विश्वनाथ धाम 'हर-हर महादेव' के नारे से गूंज रहा है। 

 


काशी विश्वनाथ मंदिर में शिवभक्तों के साथ कांवड़ यात्रियों की भारी भीड़ जुटी हुई है। भीड़ ज्यादा होने की वजह से वाराणसी में रूट डायवर्जन किया गया है। विश्वनाथ मंदिर के आसपास भीड़ को देखते हुए विशेष सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम किया गया है।

 

हरिद्वार में उमड़े श्रद्धालु

सावन के पहले सोमवार के दिन हरिद्वार में भारी संख्‍या में शिवभक्‍त जलाभिषेक कर रहे हैं। मान्‍यता है कि भगवान शिव सावन में पूरे महीने अपने ससुराल कनखल स्थित दक्षेश्वर प्रजापति में ही निवास करते है और यहीं से सृष्टि का संचालन और लोगों का कल्याण करते है, ऐसे में भगवान शंकर का जलाभिषेक किया जाए तो वे प्रसन्न होते है और वे सभी मुरादें पूरी करते है। 

 


अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद, हरिद्वार के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्र पुरी महाराज ने बताया कि भगवान शंकर ने दक्षेश्वर महादेव के रूप में एक माह स्वयंभू लिंग के रूप में रहने का वचन दिया था और सावन में उनके द्वारा किए गए वायदे के अनुरूप भगवान शंकर दक्षेश्वर महादेव यानी अपने ससुराल हरिद्वार में रहते हैं।

 

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उन्‍होंने बताया, 'शिव को सावन में खासकर, सोमवार के दिन जलाभिषेक करने से जल्द ही प्रसन्न हो जाते हैं। सोमवार को गंगा जल ,दूध, दही शहद, बूरा-धतूरा, घी,भांग आदि से अभिषेक करने का महत्व है। श्रावण नक्षत्र में ही मां गंगा भगवान शिव की जटाओं में आई थीं, इसलिए भगवती गंगा के जल से महादेव के अभिषेक का विशेष महत्व है।'

 मुंबई के बाबुलनाथ मंदिर में श्रद्धालुओ की भीड़

मुंबई में स्थित भगवान बाबुलनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। 'हर हर महादेव' के नारे से पूरा मंदिर गूंज उठा। सोशल मीडिया पर मंदिर का वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रहा है। 

 

 

ग्वालियर के अचलेश्वर महादेव मंदिर में भक्तों ने किया जलाभिषेक

मध्य प्रदेश के ग्वालियर में स्थित अचलेश्वर महादेव मंदिर में शिव भक्त लाखों की संख्या में पहुंचकर बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक कर रहे हैं। वायरल वीडियों में देखा जा सकता है कि कैसे भक्ति भजन में लीन होकर भक्त भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना कर रहे है।