माघ महीना आज से समाप्त हो रहा है और हिंदू कैलेंडर का अंतिम महीना यानी फाल्गुन महीना शुरू होने जा रहा है। यह महीना भगवान शिव की उपासना के लिए समर्पित है और इस महीने में कई महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार मनाए जाते हैं। इनमें एकादशी व्रत, महाशिवरात्रि व्रत, होली जैसे कई महत्वपूर्ण त्योहार मनाए जाते हैं। आइए जानते हैं फाल्गुन महीने के त्योहारों की पूरी सूची।

फाल्गुन 2025 त्योहार सूची

16 फरवरी 2025, रविवार: द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी
20 फरवरी 2025, गुरुवार: शबरी जयंती
21 फरवरी 2025, शुक्रवार: जानकी जयंती
24 फरवरी 2025, सोमवार: विजया एकादशी
25 फरवरी 2025, मंगलवार: प्रदोष व्रत
26 फरवरी 2025, बुधवार: महाशिवरात्रि
27 फरवरी 2025, गुरुवार: फाल्गुन अमावस्या
1 मार्च 2025, शनिवार: फुलैरा दूज, रामकृष्ण जयंती
3 मार्च 2025, सोमवार: विनायक चतुर्थी
10 मार्च 2025, सोमवार: आमलकी एकादशी
11 मार्च 2025, मंगलवार: प्रदोष व्रत
13 मार्च 2025, गुरुवार: होलिका दहन, फाल्गुन पूर्णिमा व्रत
14 मार्च 2025, शुक्रवार: होली, मीन संक्रांति, चंद्र ग्रहण

 

यह भी पढ़ें: भूलोक वैकुंठ है रंगनाथस्वामी मंदिर, जहां विराजते हैं भगवान विष्णु

विजया एकादशी (24 फरवरी 2025, सोमवार)

विजया एकादशी फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष में आती है और यह व्रत सभी पापों का नाश करने वाला माना जाता है। इस एकादशी का विशेष महत्व यह है कि इसके व्रत से व्यक्ति को जीवन में विजय और सफलता प्राप्त होती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान श्रीराम ने समुद्र पर पुल बनाने से पहले इस एकादशी का व्रत किया था, जिससे उन्हें लंका पर विजय प्राप्त करने में सहायता मिली। इस दिन व्रती को उपवास रखकर श्रीहरि विष्णु की पूजा करनी चाहिए और रात्रि जागरण कर भजन-कीर्तन करना चाहिए।

महाशिवरात्रि (26 फरवरी 2025, बुधवार)

महाशिवरात्रि भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह का पर्व है, जिसे फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। इस दिन भक्त उपवास रखकर रात्रि में शिवलिंग का जल, दूध, बेलपत्र और धतूरा से अभिषेक करते हैं। यह पर्व आत्मशुद्धि, ध्यान और मोक्ष प्राप्ति का अवसर प्रदान करता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव की सच्चे मन से पूजा करने पर व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और जीवन में शांति एवं समृद्धि प्राप्त होती है।

होली (14 मार्च 2025, शुक्रवार)

होली रंगों और हर्षोल्लास का त्योहार है, जिसे फाल्गुन पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस पर्व की शुरुआत होलिका दहन से होती है, जिसमें भक्तों द्वारा अग्नि में आहुति दी जाती है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। होली को प्रेम, भाईचारे और सामाजिक सौहार्द का प्रतीक माना जाता है। इस दिन सभी एक-दूसरे को रंग लगाकर खुशियां बांटते हैं। यह पर्व भक्त प्रह्लाद और हिरण्यकशिपु की कथा से जुड़ा हुआ है, जिसमें भगवान विष्णु ने प्रह्लाद की रक्षा की थी और होलिका जलकर नष्ट हो गई थी।

 

Disclaimer- यहां दी गई सभी जानकारी सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं। Khabargaon इसकी पुष्टि नहीं करता।