हिंदू धर्म में भगवान शिव की उपासना के लिए प्रदोष व्रत को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। बता दें कि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की उपासना करने से व्यक्ति को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। बता दें कि 11 मार्च को भौम प्रदोष व्रत का पालन किया जाएगा, जो फाल्गुन महीने का अंतिम प्रदोष व्रत है। ऐसे में इस दिन कुछ खास बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। आइए जानते हैं कि प्रदोष व्रत से जुड़ी जरूरी बातें।

प्रदोष व्रत के दिन इन बातों का रखें ध्यान

शास्त्रों में बताया गया है कि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव के साथ-साथ उनके समस्त परिवार की उपासना की जानी चाहिए। इनमें भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान गणेश और भगवान कार्तिकेय शामिल हैं। साथ ही उनके प्रिय गण नाग देवता और नंदी भगवान की भी पूजा करनी चाहिए।

 

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प्रदोष व्रत के दिन शास्त्रों में दिए भगवान शिव के सिद्ध मंत्र त्र्यंबक मंत्र का निरंतर जाप करते रहना चाहिए। साथ ही महादेव के मूल मंत्र ‘ॐ नमः शिवाय’ को सबसे सरल और सबसे प्रभावशाली माना जाता है। मान्यता है इस मंत्र के जाप से व्यक्ति को विशेष लाभ प्राप्त होता है।

 

प्रदोष व्रत को बहुत ही पवित्र माना जाता है। ऐसे में प्रदोष व्रत के दिन तामसिक भोजन का सेवन करने से परहेज करना चाहिए। साथ ही इस मांस-मदिरा का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए। इससे भगवान शिव के क्रोध का सामना करना पड़ सकता है।

 

प्रदोष व्रत पूजा में भगवान शिव को टूटे हुए अक्षत, फटे या कटे हुए बेलपत्र, सिंदूर, हल्दी इत्यादि भूलकर भी नहीं चढ़ाना चाहिए। यह सभी पूजा के प्रभाव को या तो कम या नष्ट कर देते हैं। साथ ही भगवान शिव की पूजा में तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल भी वर्जित है।

 

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भगवान शिव को चंदन, अखंडित अक्षत, भस्म, बेलपत्र, जल, दूध, शहद, भांग-धतूरा आदि अर्पित किया जाता है। मान्यता है कि ये सभी चीजें भगवान शिव को बहुत प्रिय हैं। कहा यह भी जाता है कि इनका प्रयोग करने से साधक की सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती है।

 

Disclaimer- यहां दी गई सभी जानकारी सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं।