हिंदू धर्म में होलिका दहन और होली पर्व का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, होलिका दहन पर्व बुराई पर हुई अच्छाई के जीत के उपलक्ष में मनाया जाता है। साथ ही होली पर्व से जुड़ी कई कथाएं धार्मिक ग्रंथों में वर्णित हैं। बता दें कि होलिका दहन और होली पर्व के भगवान नरसिंह की विशेष उपासना की जाती है। साथ ही इस विशेष दिन पर श्री नृसिंह स्तोत्र का पाठ किया जाता है, जो भगवान विष्णु के नृसिंह अवतार की स्तुति करने वाला एक प्रभावशाली मंत्र संग्रह है। यह स्तोत्र भक्तों को भय, संकट और नकारात्मक शक्तियों से बचाने के लिए अत्यंत प्रभावी माना जाता है। श्री नृसिंह भगवान ने प्रह्लाद की रक्षा के लिए हिरण्यकश्यप का वध किया था, इसलिए इनकी उपासना से भक्तों को शक्ति, साहस और निडरता प्राप्त होती है।
श्री नृसिंह स्तोत्र अर्थ के साथ
श्री नृसिंह, जय नृसिंह, जय जय नृसिंह।
प्रह्लादेश जय पद्मा मुख पद्म नृसिंह॥
हे श्री नृसिंह! आपको बार-बार नमन है। हे प्रह्लाद के पालनकर्ता, हे लक्ष्मीपति नृसिंह, आपको बारंबार वंदन है।
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वेद्यं तपः कृतधियां च शरण्यमेकं।
त्वां नारसिंह परिपालय मां नृसिंह॥
जो तपस्वीजन आपका ध्यान करते हैं, वे आपको प्राप्त करते हैं। आप ही सर्वश्रेष्ठ शरणदाता हैं। हे नृसिंह देव, कृपा करके मेरी रक्षा करें।
रौद्रं मुखं करकमलावृति पाणियुग्मम्।
वीरं नृसिंह परिपालय मां नृसिंह॥
आपका मुख अत्यंत तेजस्वी और भयानक है, किंतु आपके हाथों में सुंदर कमल के समान नख हैं। हे वीर नृसिंह, कृपा करके मेरी रक्षा करें।
संसारचक्रमय भङ्गकरं कृपालो।
त्वां नारसिंह शरणं प्रपद्ये॥
आप इस संसार रूपी चक्र को तोड़ने वाले हैं। हे कृपालु नृसिंह! मैं आपकी शरण में आया हूँ, मुझे इस चक्र से मुक्त करें।
सिंहो नृसिंहो यदिवा महासिंह।
भक्तानुरक्तः परिपालय मां नृसिंह॥
आप चाहे सिंह रूप में हों या महा नृसिंह रूप में, आप सदा अपने भक्तों के प्रति अनुरक्त रहते हैं। हे नृसिंह, मेरी रक्षा करें।
हिरण्यकशिपोर्येन हतोऽसि विप्रैः।
त्वं नारसिंह मम दिष्टमवाप्य नृसिंह॥
जिस नृसिंह रूप में आपने हिरण्यकशिपु का वध किया था, उसी रूप में आप मेरी भी रक्षा करें और मुझे अपने चरणों का आश्रय दें।
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नृसिंह स्तोत्र का महत्व
- भय और संकट से मुक्ति – यह स्तोत्र व्यक्ति को भयमुक्त करता है और कठिन परिस्थितियों में धैर्य और साहस प्रदान करता है।
- नकारात्मक शक्तियों से रक्षा – नृसिंह भगवान की उपासना बुरी शक्तियों और नजर दोष से बचाने में सहायक मानी जाती है।
- आध्यात्मिक उन्नति – इसका नित्य पाठ करने से मन शांत रहता है और भक्ति भावना में वृद्धि होती है।
- संतान की सुरक्षा – भक्त प्रह्लाद की रक्षा करने वाले भगवान नृसिंह की स्तुति करने से संतान सुख और उसकी रक्षा प्राप्त होती है।
- शत्रुओं से रक्षा – जिन लोगों को शत्रुओं का भय सताता है, उनके लिए यह स्तोत्र एक प्रभावी उपाय माना जाता है।
Disclaimer- यहां दी गई सभी जानकारी सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं।