देवी लक्ष्मी को धन, सुख और समृद्धि की देवी माना जाता है। उनकी उपासना करने से घर में सुख-शांति और धन का वास होता है। लेकिन देवी लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए उनकी पूजा के दौरान कुछ नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है। सही विधि और नियमों के साथ की गई पूजा ही फलदायी होती है।

साफ-सफाई का ध्यान रखें

देवी लक्ष्मी को स्वच्छता अत्यधिक प्रिय है। पूजा स्थल और घर को साफ-सुथरा रखें। पूजा से पहले स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। घर के मुख्य दरवाजे और पूजा स्थान पर गंगाजल का छिड़काव करें।

सही समय पर पूजा करें

लक्ष्मी पूजा के लिए प्रदोष काल (शाम का समय) सबसे उपयुक्त होता है। शुक्रवार को देवी लक्ष्मी की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है। दीपावली की रात और पूर्णिमा के दिन पूजा करना शुभ होता है।

 

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पूजा सामग्री का चयन

पूजा के लिए कमल का फूल, बेलपत्र, चंदन, केसर, हल्दी, गुलाब के फूल और धूप का उपयोग करें। देवी को सफेद या गुलाबी रंग की मिठाई जैसे खीर या मालपुए का भोग लगाएं। उनके चरणों में अक्षत (चावल), सिंदूर और सुगंधित इत्र अर्पित करें।

पूजा विधि

देवी लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर को लाल वस्त्र पर स्थापित करें। उनकी मूर्ति के पास भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर भी रखें। दीपक जलाएं और सबसे पहले श्रीगणेश की पूजा करें। देवी लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करें, जैसे: 'ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्म्यै नमः।' अंत में आरती करें और सभी परिवारजनों को प्रसाद वितरित करें।

आचरण और संयम का पालन करें

पूजा के समय मन को शुद्ध और शांत रखें। किसी भी प्रकार का गलत विचार, गुस्सा, या ईर्ष्या मन में न रखें। पूजा के दिन सात्विक भोजन करें और मांसाहार, तामसिक भोजन या शराब का सेवन न करें।

दान-पुण्य करें

देवी लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए पूजा के बाद जरूरतमंदों को दान दें। अन्न, वस्त्र, या धन का दान करना पुण्यकारी होता है। गाय और पक्षियों को भोजन कराना भी शुभ माना जाता है।

 

Disclaimer- यहां दी गई सभी जानकारी सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं। Khabargaon इसकी पुष्टि नहीं करता।