विजय हजारे ट्रॉफी 2025-26 में मुंबई के स्टार बल्लेबाज सरफराज खान ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि वह घरेलू क्रिकेट के सबसे खतरनाक और भरोसेमंद बल्लेबाजों में से एक क्यों माने जाते हैं। बुधवार को जयपुर में खेले गए ग्रुप C के मुकाबले में मुंबई और गोवा आमने-सामने थे और इस मैच में सरफराज का बल्ला पूरी तरह आग उगलता नजर आया। उन्होंने सिर्फ 56 गेंदों में शतक ठोककर न केवल दर्शकों को रोमांचित किया, बल्कि चयनकर्ताओं का ध्यान भी अपनी ओर खींच लिया।
मुंबई की पारी की शुरुआत अच्छी रही लेकिन ओपनर यशस्वी जायसवाल 46 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। ऐसे समय में जब टीम को एक जिम्मेदार और आक्रामक पारी की जरूरत थी, तब सरफराज खान नंबर चार पर बल्लेबाजी करने उतरे। क्रीज पर आते ही उन्होंने साफ संकेत दे दिया कि वह आज किसी भी गेंदबाज को बख्शने के मूड में नहीं हैं। शुरुआत से ही उन्होंने गोवा के गेंदबाजों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया।
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छोटे भाई के साथ मिलकर की 93 रनों की साझेदारी
सरफराज ने अपने छोटे भाई मुशीर खान के साथ मिलकर पारी को आगे बढ़ाया। दोनों भाइयों के बीच 93 रनों की तेज साझेदारी हुई, जिसने मुंबई की पारी को मजबूत आधार दिया। मुशीर खान ने भी शानदार सहयोग करते हुए 66 गेंदों पर 60 रन बनाए। हालांकि असली आकर्षण सरफराज की तूफानी बल्लेबाजी रही, जिसमें ताकत, टाइमिंग और आत्मविश्वास तीनों साफ नजर आए।
सरफराज ने मैदान के चारों ओर आकर्षक शॉट लगाए। कभी कवर के ऊपर से चौका, तो कभी लॉन्ग ऑन के ऊपर से लंबा छक्का, हर शॉट दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर रहा था। उन्होंने पारी के 36वें ओवर में अपना शतक पूरा किया। यह उनका तीसरा लिस्ट-A शतक था लेकिन इसकी रफ्तार और अंदाज इसे खास बनाता है।
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सरफराज ने अकेले बनाए 157 रन
शतक के बाद भी सरफराज रुके नहीं। उन्होंने गेंदबाजों पर लगातार हमला जारी रखा और स्कोर को तेजी से आगे बढ़ाया। सरफराज 157 रन बनाकर आउट हुए। अपनी 75 गेंदों की इस विस्फोटक पारी में उन्होंने 14 छक्के और 9 चौके लगाए। यह पारी न केवल रन बनाने की कहानी थी, बल्कि आत्मविश्वास और मैच पर पूरी पकड़ का शानदार उदाहरण भी था।
अगर सरफराज के लिस्ट-A करियर पर नजर डालें, तो यह पारी और भी खास लगती है। इस मैच से पहले उन्होंने 40 मुकाबले खेले थे, जिनकी 29 पारियों में उन्होंने 692 रन बनाए थे और उनका औसत 36.42 का था। ऐसे में इस बड़ी पारी ने उनके आंकड़ों को और मजबूत किया है।
