इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के आगामी सीजन के लिए 15 दिसंबर को खिलाड़ी की नीलामी होनी है, जिसके लिए शॉर्टलिस्ट प्लेयर्स की सूची जारी कर दी गई है। IPL 2026 मिनी ऑक्शन के लिए 350 खिलाड़ियों को फाइनल लिस्ट में जगह मिली है। इसमें ऑस्ट्रेलिया के कैमरन ग्रीन का नाम बैटर्स की लिस्ट में है। 26 साल के ग्रीन हैं तो ऑलराउंडर लेकिन उनका नाम बल्लेबाजों की सूची में होना लोगों को हैरान कर रहा है। दरअसल, ग्रीन ने बड़ी चालाकी की है।
IPL मिनी ऑक्शन में सबसे पहले पहले बल्लेबाजों पर बोली लगती है। इसीलिए ग्रीन ने अपना नाम बल्लेबाज के रूप में दिया है। ऐसा इसलिए, क्योंकि मिनी नीलामी में फ्रेंचाइजियों के पास छोटा पर्स होता है। ग्रीन जानते थे कि ऑलराउंडर्स की बारी बाद में आएगी, तब तक फ्रेंचाइजियां अपने पर्स में से बड़ी रकम खर्च कर चुकी होंगी। इसे देखते हुए उन्होंने खुद को बल्लेबाज के रूप में पेश किया है, ताकि उन पर बड़ी बोली लगे। हालांकि इतनी चालाकी के बावजूद भी उन्हें अधिकतम 18 करोड़ रुपये से ही संतोष करना पड़ सकता है।
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BCCI का नया नियम ग्रीन पर पड़ेगा भारी
कैमरन ग्रीन इस बार के ऑक्शन में 'हॉट डिमांड' में रहने वाले हैं। उनकी ऑलराउंड क्षमता को देखते हुए उनके पीछे कई फ्रेंचाइजियां भाग सकती हैं। सबसे बड़े पर्स वाली दो टीमें कोलकाता नाइट राइडर्स (64.30 करोड़) और चेन्नई सुपर किंग्स (43.40 करोड़) के बीच ग्रीन के लिए दिलचस्प भिड़ंत देखने को मिल सकती है। इन दोनों को एक अच्छे ऑलराउंडर की जरूरत है। ऐसे में ग्रीन बल्लेबाजों के नहीं, ऑलराउंडर्स की भी लिस्ट में रहते, तब भी उनकी कीमत 20 करोड़ के करीब जा सकती थी।
अब जब ग्रीन ने अपना नाम बल्लेबाज के तौर पर दे दिया है तो माना जा रहा है कि उनकी कीमत 22-24 करोड़ के आसपास जा सकती है। हालांकि ग्रीन को अधिकतम 18 करोड़ रुपये ही मिलेंगे।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने पिछले साल नियम लागू किया था कि मिनी ऑक्शन में विदेशी खिलाड़ियों पर बोली चाहे कितनी भी बड़ी लगे, उन्हें ज्यादा से ज्यादा 18 करोड़ रुपये ही दिए जाएंगे। इसे यूं समझिए कि विदेशी प्लेयर की कीमत 22 करोड़ रुपये लगती है तो उसे 18 करोड़ रुपये मिलेंगे। बाकी के 4 करोड़ रुपये BCCI के प्लेयर वेलफेयर में जाएंगे। हालांकि फ्रेंचाइजी के पर्स से बोली की पूरी रकम कटेगी। इस नियम को देखते हुए ग्रीन ने चाहे जो भी तिकड़म लगाए हों, उन्हें अधिकतम 18 करोड़ रुपये ही मिलेंगे।
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क्यों लाया गया यह नियम?
BCCI से फ्रेंचाइजियों ने शिकायत की थी कि बड़े विदेशी खिलाड़ी मेगा ऑक्शन में अपना नाम नहीं देते हैं और वे मिनी ऑक्शन में उतरना पसंद करते हैं। विदेशी प्लेयर्स इसलिए ऐसा करते थे, क्योंकि मिनी ऑक्शन में उन पर बड़ी बोली लगती थी। फ्रेंचाइजियों की शिकायत के बाद बोर्ड ने पिछले साल मेगा ऑक्शन से पहले विदेश खिलाड़ियों के लिए अधिकतम सैलरी नियम लागू कर दिया। नियम में यह कहा गया कि विदेशी खिलाड़ियों का मिनी ऑक्शन फीस अधिकतम रिटेंशन प्राइस (18 करोड़ रुपये) से ज्यादा नहीं हो सकता।
