मंगलवार को पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया था। सत्र केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा में किए गए बदलाव के विरोध में बुलाया गया, मगर विधानसभा में उस समय हंगामा हो गया जब कांग्रेस विधायक और नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने इस सत्र को समय और पैसे की बर्बादी करार दिया। इस बहस में सत्तारुढ़ आम आदमी पार्टी की तरफ से मुख्यमंत्री भगवंत मान और बीजेपी की तरफ से बीजेपी पंजाब इकाई के अध्यक्ष और विधायक सुनील जाखड़ ने हिस्सा लिया।
विधानसभा का माहौल उस समय गरमा गया जब मुख्यमंत्री भगवंत मान और नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा एक दूसरे के सामने आ गए। सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री मान का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें बाजवा सीएम से भिड़ते नजर आ रहे हैं। सीएम मान भी बाजवा को जवाब दे रहे हैं।
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मान ने बताया वह कौन हैं?
दरअसल, मुख्यमंत्री मान विधानसभा में खड़े होकर बोल रहे थे। इसी समय कांग्रेस नेता विधानसभा का बायकॉट करने वाले थे, तभी भगवंत मान ने कहा या तो वॉकआउट करो या बैठो! मान की बात पर तेबा प्रतिपक्ष प्रताप बाजवा ने सीएम मान से पूछा आप कौन हैं? इसपर सीएम ने बाजवा को जवाब दिया, '2022 में पता नहीं चला कि मैं कौन हूं?'
2022 में कांग्रेस को मिली थी हार
सीएम भगवंत मान का सीधा इशारा 2022 के विधानसभा में कांग्रेस को हराने से था, जिसमें आम आदमी पार्टी ने सत्तारुढ़ कांग्रेस की सरकार को गद्दी से उतारकर राज्य में पहली बार सरकार बनाई थी।
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वहीं, विधानसभा में बोलते हुए प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि सरकार अब तक कई विशेष सत्र बुला चुकी है, लेकिन विशेष सत्र वही होता है जिससे कोई नतीजा निकले। उन्होंने सवाल उठाया कि ऐसे सत्र का क्या मतलब, जिसमें कुछ भी हासिल न हो। बाजवा के बयान पर मंत्री तरुणप्रीत सिंह सौंध ने आपत्ति जताते हुए कहा कि अगर विपक्ष को ऐतराज है तो वे सत्र का बहिष्कार कर दें। इस पर बाजवा ने पलटवार करते हुए कहा कि वे बहिष्कार क्यों करें, मनरेगा योजना कांग्रेस सरकार ही लेकर आई थी और यह उनकी योजना है।
