दिल्ली की सड़कों पर पिछले कुछ सालों में ई-रिक्शा की भीड़ आ गई है। ई-रिक्शा दिल्ली की सड़कों पर कम ऊर्जा खपत, कम लागत, रोजगार सृजन और शहरी परिवहन में सुलभता लाने के लिए उतारे गए थे। लेकिन इन ई-रिक्शा की आड़ में सरकारी खजाने को चूना लगाया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया है कि दिल्ली में ई-रिक्शा की वजह से हर साल 120 करोड़ रुपये तक का बिजली का नुकसान हो रहा है। यह जानकारी खुद दिल्ली की बिजली वितरण कंपनियों के अधिकारियों ने दी है।

 

एक आंकड़े के मुताबिक, दिल्ली में तकरीबन 1.6 लाख ई-रिक्शा चल रहे हैं लेकिन इनमें से सिर्फ 50,000 ही रजिस्टर्ड हैं। एक अधिकारी ने बताया, 'अनुमान है कि दिल्ली में 60 फीसदी से ज्यादा ई-रिक्शा बिजली चोरी में शामिल हैं। इसकी वजह से पूरे शहर में 15-20 मेगावाट बिजली का नुकसान होता है। यानी हर साल करीब 120 करोड़ रुपये का नुकसान होता है। इससे न सिर्फ राजस्व का नुकसान होता है बल्कि सुरक्षा को भी खतरा होता है।'

 

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हर रिक्शे पर 200-300 रुपये प्रतिदिन

दिल्ली में बिजली वितरण कंपनी डिस्कॉम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'ई-रिक्शा मालिक और ड्राइवर चार्जिंग माफिया को हर ई-रिक्शे पर 200-300 रुपये प्रतिदिन की फीस देते हैं। चार्जिंग माफिया बिजली चोरी करने के लिए कम वोल्टेज मेन से अवैध वायरटैपिंग करके चोरी करते हैं। कुछ दबंगों के पास कई ई-रिक्शा हैं और वे उन्हें चालकों को किराए पर देते हैं।'

इन इलाकों में हो रही बिजली चोरी

पूरी दिल्ली में ई-रिक्शा चार्जिंग माफिया बिजली की चोरी कर रहे हैं। डिस्कॉम ने दिल्ली में ई-रिक्शा माफिया के द्वारा लगातार बिजली चोरी के कुछ प्रमुख इलाके चिन्हित किए हैं। इनमें मंडावली, मिंटो रोड, करोल बाग, जामा मस्जिद, संगम विहार, बटला हाउस, सराय काले खां, टैगोर गार्डन, पश्चिम विहार, सिविल लाइंस, मुखर्जी नगर और नरेला शामिल हैं।

 

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दरअसल, रविवार को पूर्वी दिल्ली के दिलशाद गार्डन में एक घर में लगी आग में दो लोगों की मौत हो गई। यह आग दो ई-रिक्शा चार्ज किए जाने के दौरान लगी थी। ऐसी ही एक घटना में पिछले हफ्ते उत्तर-पूर्वी दिल्ली के घोंडा में एक ई-रिक्शा चार्जिंग स्टेशन में आग लग गई थी।

लोगों की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा 

अधिकारियों ने कहा, 'ई-रिक्शा खतरनाक नहीं हैं। हालांकि, चोरी के जरिए अवैध चार्जिंग और घटिया बैटरी का इस्तेमाल लोगों की सुरक्षा के लिए बहुत बड़ा खतरा है। अवैध चार्जिंग के दौरान बिजली के खुले तार और सुरक्षा मानकों का पालन नहीं करने से अक्सर चिंगारी और शॉर्ट सर्किट होता है। ये खुले तार आम लोगों के लिए भी खतरा पैदा करते हैं, खासकर दिन के समय इन इलाकों में खेलने वाले बच्चों के लिए। ऐसे खुले तारों की वजह से पहले भी बिजली के झटके लग चुके हैं।'

 

अधिकारियों ने कहा कि बिजली चोरी से मौजूदा बिजली नेटवर्क पर दबाव पड़ता है, जिससे शहर में ब्रेकडाउन और वोल्टेज की समस्या हो सकती है।