महाराष्ट्र के सतारा जिले मे एक सरकारी महिला डॉक्टर के सुसाइड केस में पुलिस ने मुख्य आरोपी और सब-इंस्पेक्टर गोपाल बदाने को शनिवार शाम यानी 25 अक्टूबर को गिरफ्तार कर लिया गया है। सतारा SP तुषार दोशी ने बताया कि आरोपी ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया था। इस मामले में यह दूसरी गिरफ्तारी है। इससे पहले मामले का सह-आरोपी सॉफ्टवेयर इंजीनियर प्रशांत बांकर को गिरफ्तार किया था।
पीड़िता को मानसिक रूप से परेशान करने के आरोपी प्रशांत को सुसाइड के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। इसके बाद इसे सतारा जिला कोर्ट में पेश किया गया और चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। जांच के दौरान नाम सामने आने के बाद PSI गोपाल को सस्पेंड कर दिया गया था।
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क्या था पूरा मामला?
महाराष्ट्र के मराठवाड़ा इलाके के बीड जिले की रहने वाली और सतारा जिले के एक सरकारी अस्पताल में तैनात डॉक्टर गुरुवार रात को फलटन शहर के एक होटल के कमरे में फंदे से लटकी मिली थी। अपनी हथेली पर लिखे सुसाइड नोट में उसने आरोप लगाया कि पुलिस सब-इंस्पेक्टर ने कई बार उसके साथ रेप किया, जबकि सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने उसे मानसिक रूप से परेशान किया। सतारा जिले के फलटन में दोनों के खिलाफ रेप और आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस के मुताबिक, बांकर उस घर के मालिक का बेटा है जहां डॉक्टर रहती थी। उन्होंने बताया कि कथित तौर पर उसने अपनी जान देने से पहले उसे फोन किया था और उससे बात की थी। इस बीच, डॉक्टर का बीड के वडवानी तहसील में उनके पैतृक स्थान पर अंतिम संस्कार कर दिया गया।
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मेडिकल रिपोर्ट बदलने का दबाव
पीड़िता के परिवार वालों ने मामले में आरोपियों के लिए मौत की सजा की मांग की है। परिवार ने मीडिया से बात करते हुए आरोप लगाया कि उसने कई बार उत्पीड़न की शिकायत की थी लेकिन उसकी शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया गया। एक अन्य ने दावा किया कि पीड़िता पर उस सब-डिविजनल अस्पताल में मेडिकल रिपोर्ट बदलने का दबाव डाला जा रहा था जहां वह काम करती थी।
रिश्तेदार ने कहा, 'फलटन के राजनीतिक लोग अक्सर उससे मेडिकल रिपोर्ट बदलने के लिए कहते थे क्योंकि उनकी पोस्टमार्टम में रोज ड्यूटी रहती थी। उसने PSI के खिलाफ कई बार शिकायत की थी, लेकिन उसकी शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया गया।'
नेता भी शामिल
इस बीच, शिवसेना (UBT) नेता अंबादास दानवे ने पूर्व बीजेपी सांसद रणजीतसिंह नाइक निंबालकर पर पहले एक बार महिला डॉक्टर पर दबाव डालने का आरोप लगाया। पूर्व बीजेपी सांसद ने इस आरोप से इनकार किया। रिपोर्टर्स से बात करते हुए, अंबादास ने दावा किया कि नाइक के दो पर्सनल असिस्टेंट ने एक बार उनके और महिला डॉक्टर के बीच कॉल करवाया था ताकि उन पर दबाव डाला जा सके कि वे आरोपी (गिरफ्तारी के बाद मेडिकल जांच के लिए सरकारी अस्पताल लाए गए) को फिट या अनफिट घोषित करें।
रणजीतसिंह ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि इस आरोप में कोई सच्चाई नहीं है, और उनका नाम जानबूझकर इस मामले में घसीटा जा रहा है। बीजेपी विधायक सुरेश धस ने मांग की कि जिस सांसद ने कथित तौर पर महिला डॉक्टर पर दबाव डालने की कोशिश की, उसे इस मामले में आरोपी बनाया जाए। हालांकि, उन्होंने किसी नेता का नाम नहीं लिया।
और पढ़ना चाहती थी पीड़िता
महिला के परिवार के अनुसार, वह MD (डॉक्टर ऑफ मेडिसिन) कोर्स करना चाहती थी और उसकी तैयारी कर रही थी। पीड़िता के चाचा ने PTI को बताया कि उसके MBBS कोर्स के लिए लिया गया 3 लाख रुपये का लोन अभी तक चुकाया नहीं गया था। उन्होंने कहा, 'उसके पिता किसान हैं, वह पढ़े-लिखे नहीं हैं। मैं एक टीचर हूं और मैं उसे स्कूलिंग के लिए बीड ले गया था। वह सिर्फ MBBS करके रुकना नहीं चाहती थी, बल्कि मेडिसिन, ENT या नॉन-क्लीनिकल ब्रांच में MD करना चाहती थी।'
