बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि का गाय का घी सैंपल जांच में फेल पाया गया। अब अदालत ने पतंजलि समेत तीन कारोबारियों पर एक लाख 40 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन के असिस्टेंट कमिश्नर आरके शर्मा के नाम से जारी प्रेस नोट में बताया गया कि पतंजलि कंपनी पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया। इसके अलावा उसे खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम-2006 के प्रवाधानों को पालन करने की चेतावनी दी गई है। वहीं पिथौरागढ़ के करन जनरल स्टोर पर 15,000 और ब्रह्म एजेन्सीज पर 25,000 रुपये का जुर्माना तय किया गया है।
प्रेस नोट के मुताबिक 20 अक्टूबर 2020 को पिथौरागढ़ के वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी दिलीप जैन ने कासनी स्थित करन जनरल स्टोर का निरीक्षण किया था। स्टोर में रखे पतंजलि घी का नमूना जुटाया था। स्टोर मालिक ने मौके पर ही डिस्ट्रीब्यूटर से खरीद का बिल मुहैया करवाया। इसके बाद धारचूला रोड स्थित ब्रह्म एजेन्सीज और गाय का घी बनाने वाली कंपनी पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को पार्टी बनाया गया।

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गाजियाबाद की लैब में भी नमूने फेल
25 जून 2021 को रुद्रपुर स्थित राजकीय खाद्य प्रयोगशाला की जांच में पतंजलि के घी के नमूने सबस्टैंडर्ड मिले। इसके बाद पतंजलि ने नमूने की दोबारा जांच उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में स्थित राष्ट्रीय खाद्य प्रयोगशाला में करवाने का आवेदन किया। विभाग को 26 अक्टूबर 2021 को गाजियाबाद लैब से मिली जांच रिपोर्ट में घी को सबस्टैंडर्ड पाया गया। बता दें कि सबस्टैंडर्ड का मतलब मानक से घटिया।
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प्रेस नोट में आगे बताया गया कि वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी दिलीप जैन ने 17 फरवरी 2022 को करन जनरल स्टोर, ब्रह्म एजेन्सीज और पतंजलि कंपनी के खिलाफ खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम-2006 की धाराओं के तहत अदालत में मुकदमा दाखिल किया गया। न्याय निर्णायक अधिकारी/अपर जिलाधिकारी पिथौरागढ़ योगेन्द्र सिंह की अदालत ने मामले का निस्तारण कर दिया है। इसके तहत पतंजलि समेत तीनों पर 1 लाख 40 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
पतंजलि का क्या है कहना?
इस मामले पर अब पतंजलि की सफाई भी आ गई है। पतंजलि का कहना है कि अदालत ने जो फैसला दिया है, वह त्रुटीपूर्ण है। पतंजलि ने दावा किया कि जिस लैब में टेस्ट किया गया, उसके पास मान्यता नहीं थी, इसलिए यह आपत्तिजनक और हास्यास्पद है।
पतंजलि ने यह भी दावा किया कि पुन: परीक्षण नमूने की एक्सपायरी तिथि बीत जाने के बाद किया गया, जो कानून के अनुसार अमान्य है।
पतंजलि ने कहा कि न्यायालय ने इन सभी प्रमुख तर्कों पर विचार किए बिना प्रतिकूल आदेश पारित किया है, जो विधि की दृष्टि से सही नहीं है। इस आदेश के विरुद्ध फूड सेफ्टी ट्राइब्यूनल में अपील दायर की जा रही है, और हमें पूर्ण विश्वास है कि ट्राइब्यूनल के समक्ष हमारे पक्ष के ठोस आधारों पर यह मामला हमारे पक्ष में निर्णयित होगा।
