उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में भीड़ ने चार लोगों पर हमला कर दिया। भीड़ को शक था कि ये चारों गोमांस का अवैध धंधा कर रहे थे। इस हमले में भीड़ ने चारों को गंभीर रूप से घायल कर दिया है साथ में ही उनके मिनी ट्रक में तोड़फोड़ कर उसे आग के हवाले कर दिया। इस घटना के बाद पुलिस ने 2 FIR दर्ज कर ली है और 3 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले की जांच के लिए एक विशेष पुलिस टीम का गठन भी कर दिया गया है। इस टीम को सभी हमलावरों की पहचान करने के लिए कहा गया है। 

 

यह घटना शनिवार 24 अप्रैल की है, जिसमें उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में भीड़ ने चार लोगों पर हमला कर दिया था। पुलिस ने इस मामले की जानकारी देते हुए बताया कि 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और बाकियों की पहचान की जा रही है। भीड़ को शक था कि ट्रक में गोमांस ले जाया जा रहा था। पुलिस ने मांस को जांच के लिए भेज दिया है। चारों घायलों अकील (35), नदीम (32), अकील (43) और अरबाज (38) का फिलहाल अलीगढ़ के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है।

 

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पुलिस कर रही जांच

 

अलीगढ़ ग्रामीण के पुलिस अधीक्षक अमृत जैन ने मीडिया को बताया, 'हमें सूचना मिली कि कुछ लोगों पर भीड़ को शक था कि वे एक ट्रक में कथित तौर पर गोमांस ला रहे थे, उन्हें हरदुआगंज पुलिस स्टेशन की सीमा के अंतर्गत कुछ ग्रामीणों ने रोका और उनकी पिटाई की। स्थानीय पुलिस और मैं तुरंत मौके पर पहुंचे। लोगों ने जिनको पीटा था उन्हें सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया और इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। वे खतरे से बाहर हैं। आरोपों की जांच की जा रही है और मांस के नमूने को प्रयोगशाला जांच के लिए मथुरा भेज दिया गया है।'

 

इस घटना के बाद दोनों पक्षों ने शिकायत दर्ज करवा दी है। पुलिस अधीक्षक अमृत जैन ने कहा, 'हमने दो FIR दर्ज की हैं, पहली FIR अवैध गोहत्या और मांस के व्यापार के बारे में ग्रामीणों से प्राप्त शिकायत के आधार पर की गई है। दूसरी FIR घायलों में से एक के पिता की शिकायत के आधार पर हरदुआगंज पुलिस स्टेशन में कुछ नामजद और अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज की गई है। अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है और हम बाकि हमलावरों की पहचान करने के लिए जांच कर रहे हैं। हम आगे की कार्रवाई के लिए मांस के नमूने की रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। जांच के दौरान जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर गिरफ्तारी और कानूनी कार्रवाई की जाएगी।' उन्होंने यह भी बताया कि अब इलाके में शांति है। 

 

जमकर हुआ हंगामा


इस घटना के बाद पुलिस ने जो FIR दर्ज की है उसमें जिन लोगों का नाम है वह सभी आरोपी एक राइट विंग ग्रुप से जुड़े हैं। ग्रामीणों और अखिल भारतीय हिंदू सेना समेत राइट विंग संगठनों के कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि मिनी ट्रक में गोमांस रखा हुआ था। उन्होंने विरोध में दिल्ली को कानपुर से जोड़ने वाली सड़क को भी जाम कर दिया।

 

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विपक्ष ने कानून व्यवस्था पर खड़े किए सवाल


इस घटना के बाद समाजवादी पार्टी और कांग्रेस समेत कई राजनीतिक दलों और सामाजिक समूहों की टीमें अस्पताल में घायलों से मिलने पहुंचीं। उन्होंने मांग की कि आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने इस घटना के बाद कई सवाल खड़े किए। उन्होंने एक्स पर पीडितों की तस्वीरों के साथ लिखा, 'कल अलीगढ़ में जिस तरह से भीड़ द्वारा मीट कारोबारियों के साथ मॉब लिंचिंग की गई वो किसी आंतकवाद से कम नहीं है, किसी भी व्यक्ति के लिए वो विज़ुअल देख पाना भी संभव नहीं है। पहले मीट कारोबारियों से रंगदारी मांगी गई, सफल ना होने पर गाड़ी में आग लगा दी गई और फिर जानलेवा तरीके से मारा गया।'

 

उन्होंने सरकार से सवाल पूछते हुए लिखा, 'क्या उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था यही है ? जिन दिनों में भारत पूरी दुनिया के सामने एकजुटता का संदेश दे रहा है उन्हीं दिनों में इस तरह के विज़ुअल आना क्या सरकार के लिये शर्मिंदगी का कारण नहीं बेनेंगे ? क्या प्रशासन का इन गुंडों पर कोई कंट्रोल नहीं है या फिर मुसलमानों की लिंचिंग के लिए खुली छूट मिली हुई है ?' उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले दिनों में वह इस मुद्दे को संसद में भी उठाएंगे।