गाजियाबाद पुलिस ने बुधवार को अपनी पूर्व पत्नी की हत्या के मामले में 42 वर्षीय व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। पत्नी की दुपट्टे से गला घोंटने के बाद उसका शव उत्तराखंड के एक जंगल में फेक दिया। दरअसल, आरोपी वीरेंद्र शर्मा उर्फ सोनू नामक एक इलेक्ट्रिकल ठेकेदार है और उसका 39 वर्षीय मधु शर्मा से तलाक हुआ था। पारिवारिक न्यायालय ने सोनू को अपनी पत्नी को मासिक भरण-पोषण के तहत पैसे देने का आदेश दिया था। इससे बचने के लिए उसने अपनी पत्नी की हत्या कर दी।
मोदीनगर के सहायक पुलिस आयुक्त ज्ञान प्रकाश राय ने बताया कि महिला की छोटी बहन मंजू शर्मा ने 23 जनवरी को गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई जिसके बाद FIR दर्ज की गई। मंजू ने आरोप लगाया कि उसकी बहन 21 जनवरी को सुबह करीब 9.30 बजे राज नगर स्थित अपने बुटीक के लिए निकली थी और घर वापस नहीं लौटी और उसका मोबाइल फोन भी बंद था।
बहन ने की जांच-पड़ताल, फिर खुली पोल
मंजू ने बताया कि पुलिस को शिकायत करने के बाद मैंने अपनी जांच शुरू की और अपनी बहन को खोजने की कोशिश की। एक पड़ोसी ने मुझे बताया कि उसने उसे एक आदमी के साथ सफेद कार में बैठे देखा था और इससे उसे पता चला कि कार में उसकी बहन का पूर्व पति था। मंजू को यह भी पता चला कि कोर्ट ने सोनू को तीन किस्तों में 5,40,000 रुपये का भरण-पोषण देने का आदेश दिया था। साथ ही 6,000 रुपये का भत्ता भी देना था।
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बहन को हुआ शक, जीजा ने की बहन की हत्या
इस मामले को समझते हुए मंजू ने मोदीनगर पुलिस में एक और शिकायत दर्ज कराई, जिसमें आरोप लगाया गया कि सोनू ने उसकी बहन को लापता किया है। इसके बाद पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 140 (1) (हत्या के इरादे से अपहरण या अपहरण) के तहत मामला दर्ज किया और जांच शुरू की। मंजू ने बताया कि शादी के 10 दिन बाद ही सोनू ने उसकी बहन के साथ मारपीट शुरू कर दी थी। एक साल बाद, उसने एक लड़की को जन्म दिया, जो जन्म के 15 दिन बाद ही मर गई।
जब पूछताछ में सोनू ने खोली पोल
पूछताछ के दौरान वीरेंद्र ने पुलिस को बताया कि उसने 13 दिसंबर 2002 को मधु से शादी की थी और 2004 में अलग हो गया था। कई सालों की कानूनी लड़ाई के बाद जुलाई 2014 में इस जोड़े को एकतरफा तलाक दे दिया गया। इसके बाद मधु ने गाजियाबाद के एक पारिवारिक न्यायालय में भरण-पोषण का मामला दायर किया। सितंबर 2023 में न्यायालय ने वीरेंद्र को उसे 6,000 रुपये प्रति माह और करीब 5 लाख रुपये बकाया भुगतान करने का आदेश दिया।
ऐसे की हत्या
जांच के दौरान वीरेंद्र ने पुलिस को बताया कि उसने इन भुगतानों से बचने के लिए मधु को मारने की योजना बनाई और उसे हरिद्वार में चंडी मंदिर जाने के बहाने अपनी कार में फुसलाया। एसीपी राय ने कहा, 'मंदिर तक रोपवे से जाने के बजाय उसने सुझाव दिया कि वे 3 किलोमीटर का ट्रेकिंग रूट लें। लौटते समय, पार्किंग स्थल से करीब 1.5 किलोमीटर दूर, उसने उसके दुपट्टे से उसका गला घोंट दिया और शव को जंगल में फेंक दिया और पत्थरों से ढक दिया।' पुलिस ने शव को बरामद कर लिया है और हरिद्वार पुलिस ने उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।