डिपोर्टेशन से पहले डिटेंशन सेंटर में किन हालात में रहते हैं प्रवासी?
अमेरिका में अवैध प्रवासियों को डिपोर्ट किए जाने से पहले डिटेंशन सेंटर में रखा जाता है। डिटेंशन होम में प्रवासियों के साथ बेहद खराब व्यवहार किया जाता है जिसको लेकर मानवाधिकार संगठनों ने भी चिंता व्यक्त की है।

अमेरिका का डिटेंशन होम, Photo Credit: AI generated pic
'हमारा कसूर बस इतना था कि हम वहां कमाने गए थे.......'अमेरिका के डिटेंशन होम में पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग हॉल थे। दिन में बस आधे घंटे के लिए खुले मैदान में ले जाया जाता था, बाकी समय अपने बेड के पास ही रहने के आदेश थे। रोज 3 बार काउंटिंग होती थी। 10 मिनट की काउंटिंग के दौरान प्रवासियों को अपने बेड पर बैठ कर सामने गार्ड की ओर देखना होता है, दाएं-बाएं नहीं देख सकते थे। अमेरिकी कर्मचारी ताने भी कसते थे।
हाल ही में अमेरिका से 100 से अधिक भारतीय प्रवासियों को डिपोर्ट किया गया, जिन्हें यू.एस. मिलिट्री एयरक्राफ्ट के जरिए पंजाब भेजा गया। कई प्रवासियों ने यात्रा के दौरान दुर्व्यवहार का आरोप लगाया, जिससे यह एक विवादास्पद मुद्दा बन गया है।
अच्छा कमाने के चक्कर में गए थे अमेरिका...
यह वहीं, भारतीय प्रवासी हैं जो अच्छा कमाने के चक्कर में अमेरिका गए थे। डंकी रूट से या वैध तरीके से जाने वाले लगभग 104 भारतीय अवैध प्रवासियों को अमेरिका से डिपोर्ट कर दिया गया हैं। अब वह वापस भारत लौट आए है जिनका एक वीडियो भी सामने आया है। इस वीडियो में डिपोर्टेशन के तहत भारतीय प्रवासियों के हाथों में हथकड़ी और पैरों को बेड़ियों से बांधा दिखाया गया था। हालांकि, इस वीडियो के सामने आने के बाद संसद में इस मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ। इस पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने राज्यसभा में जवाब देते हुए कहा कि भारतीयों के साथ कोई दुर्व्यवहार नहीं हुआ। अवैध प्रवासियों को हथकड़ी लगाकर भेजना अमेरिका की नीति है और यह सभी देशों पर लागू है।
डिपोर्ट करने से पहले डिटेंशन होम में होते हैं अवैध प्रवासी
बता दें कि अमेरिका से डिपोर्ट किए जाने से पहले अवैध प्रवासियों को डिटेंशन होम या डिटेंशन सेंटर में रखा जाता है। यह प्रक्रिया US इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट (ICE) के तहत की जाती है। अवैध प्रवासियों को डिटेंशन सेंटर में रखने की कई वजहें है। दरअसल, जब किसी प्रवासी को अमेरिका से बाहर निकालेन का आदेश दिया जाता है तो उसे डिटेंशन सेंटर में रखा जाता है जब तक कानूनी प्रक्रियाएं पूरी नहीं हो जाती। जो लोग बिना वैध वीजा या डॉक्यूमेंट्स के अमेरिका में एंट्री करते हैं, उन्हें डिटेंशन में रखा जाता है। इसके अलावा अगर किसी प्रवासी पर आपराधिक आरोप होते हैं तो उसे डिपोर्टेशन से पहले हिरासत में रखा जाता है।
200 इमिग्रेशन डिटेंशन सेंटर में प्रवासियों की कैसी हालत?
जानकारी के लिए बता दें कि अमेरिका में 200 से अधिक इमिग्रेशन डिटेंशन सेंटर हैं। इन सेंटरों का संचालन ICE, प्राइवेट ठेकेदार और स्थानीय जेलों द्वारा किया जाता है। कई रिपोर्टों में बताया गया है कि डिटेंशन सेंटर में प्रवासियों को बेहद खराब हालात का सामना करना पड़ता है। भीड़भाड़ और मानसिक तनाव इसमें आम हैं। डिटेंशन सेंटर में आने से लेकर डिपोर्ट किए जाने तक के दौरान प्रवासियों के साथ कैसा बर्ताव होता है आइये समझें।
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क्या कहती है ह्यूमन राइट्स वॉच की रिपोर्ट?
ह्यूमन राइट्स वॉच (HRW) ने अमेरिका में प्रवासियों को डिटेंशन सेंटर में रखने के तरीके पर गंभीर चिंताएं व्यक्त की हैं। HRW की रिपोर्टों के अनुसार, इन डिटेंशन सेंटरों में कई मानवाधिकार उल्लंघन होते हैं, जैसे: मनमानी हिरासत, अमानवीय और अपमानजनक व्यवहार और न्यायिक प्रक्रिया तक सीमित पहुंच। दरअसल, प्रवासियों को बिना उचित कानूनी प्रक्रिया के अनिश्चितकाल तक हिरासत में रखा जाता है, जो अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार मानकों का उल्लंघन है। इसके अलावा रिपोर्टों में बताया गया है कि कई डिटेंशन सेंटरों में प्रवासियों के साथ अमानवीय व्यवहार किया जाता है, जिसमें शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना शामिल है। वहीं, प्रवासियों को कानूनी प्रतिनिधित्व और न्यायिक समीक्षा तक सीमित पहुंच दी जाती है, जिससे उनके निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार का हनन होता है।
बच्चों की हालत बेहद खराब
HRW ने अमेरिकी सरकार से आग्रह किया है कि वह इन डिटेंशन सेंटरों में सुधार करे, मानवाधिकारों का सम्मान सुनिश्चित करे। इसके बावजूद प्रवासियों को लगाताक मानसिक तनाव और दुर्व्यवहार से गुजरना पड़ता है। वहीं, अमेरिकी न्यूज चैनल PBSNewsHour ने एक वीडियो जारी किया है। इस वीडियो में बताया गया है कि अमेरिका के डिटेंशन सेंटर के हालात इतने खराब है कि वहां रह रहे प्रवासियों के बच्चों पर इसका गंभीर असर पड़ रहा है। 300 बच्चों को डिटेंशन सेंटर में ट्रासंफर किया गया है जिनकी हेल्थ कंडीशन बिगड़ चुकी है।
डिटेंशन सेंटर में बच्चों की स्थिति
नेशनल सेंटर फॉर यूथ लॉ की एक रिपोर्ट के अनुसार, कई डिटेंशन सेंटरों में बच्चों को अपर्याप्त भोजन, स्वच्छता की कमी, और भीड़भाड़ जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। वहीं, लंबे समय तक हिरासत में रहने से बच्चों में चिंता, डिप्रेशन, और पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD) जैसे मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं विकसित हो सकती हैं। स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ हारवर्ड एजुकेशन के अनुसार, हिरासत के दौरान शिक्षा की कमी और सामाजिक गतिविधियों की कमी के कारण बच्चों के शैक्षिक और सामाजिक विकास में बाधा उत्पन्न होती है।
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