तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई से सटे कांचीपुरम के श्री वरदराज पेरुमल मंदिर में चोरी का मामला सामने आया है। हालांकि मंदिर प्रबंधन ने इस बात से इंकार किया कि छत पर अंदर उकेरी गई सोने और चांदी की छिपकलियां गायब हुई हैं। चेन्नई से लगभग 79 किलोमीटर दूर स्थित यह वैष्णव मंदिर हजारों लोगों की आस्था का केंद्र है। ऐसी मान्यता है कि यहां बनी सोने और चांदी की छिपकलियों को छुए बिना मंदिर की यात्रा अधूरी मानी जाती हैं।
मंदिर के कार्यकर्ता ने आरोप लगाया था कि मरम्मत के दौरान सोने और चांदी से बनी छिपकलियों को हटा दिया गया था और उनकी जगह कथित तौर पर नई छिपकलियां उकेरी गईं।
यह भी पढ़ें- आजम खान से मिले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, कहा- ये मिलाप हमारी साझा विरासत
कानूनी कार्रवाई करेगा मंदिर प्रबंधन
मंदिर प्रबंधन का दावा है छिपकलियां अपने-अपने स्थान पर हैं। जिस व्यक्ति ने यह आरोप लगाया है, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। मंदिर के कार्यकारी अधिकारी ने कहा, ‘छत पर उकेरी गई छिपकलियों को न तो हटाया गया है और न ही बदला गया है। एक कार्यकर्ता ने झूठा एवं बेबुनियाद आरोप लगाया है। मंदिर प्रशासन उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगा।'
मंदिर को लेकर मान्यता
मंदिर के एक सूत्र के अनुसार ये दो छिपकलियां ऋषि गौतम के दो शिष्यों का प्रतीक हैं, जिन्हें अपने दोषों के कारण छिपकली बनने का श्राप मिला था। भगवान विष्णु ने उन्हें श्राप से मुक्ति दिलाई थी। ऐसी मान्यता है कि मंदिर में आने वाले श्रद्धालु छिपकलियों को छूकर भगवान से सौभाग्य और दोषमुक्त जीवन के लिए आशीर्वाद मांगते हैं।
यह भी पढ़ें- JNU छात्र संघ को 6 साल बाद मिली महिला अध्यक्ष, जानें कौन हैं अदिति मिश्रा?
इसी मंदिर में अंजीर की लकड़ी से बनी भगवान विष्णु की 10 फुट लंबी मूर्ति ‘अथि वरधर’ मंदिर के कुंड (अनंत सारस) के अंदर स्थापित है। श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए इन मूर्तियों को 40 वर्षों में एक बार जल से बाहर निकाला जाता है। आखिरी बार 2019 में मूर्तियों को बाहर निकाला गया था।
