समाजवादी पार्टी (SP) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को वरिष्ठ सपा नेता आजम खान से मुलाकात की। इस दौरान आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम भी मौजूद रहे। एक महीने के भीतर यह दोनों नेताओं के बीच हुई दूसरी मुलाकात है। 23 सितंबर को सीतापुर जेल से आजम खान के रिहा होने के बाद 8 अक्टूबर को अखिलेश यादव रामपुर स्थित उनके आवास पहुंचे थे।
ताजा मुलाकात की फोटो अखिलेश यादव ने अपने एक्स हैंडल पर शेयर किया। उन्होंने लिखा, 'न जाने कितनी यादें संग ले आए, जब वो आज हमारे घर पर आए! ये जो मेलमिलाप है यही हमारी साझा विरासत है।'
कोई नहीं मुलाकात नहीं: आजम खान
करीब आधे घंटे तक आजम खान अपने बेटे के साथ अखिलेश यादव के आवास पर थे। हालांकि उन्होंने मुलाकात के पीछे की वजह नहीं बताई और यह भी नहीं बताया कि सपा अध्यक्ष के साथ उनकी क्या बात हुई? मुलाकात के बाद आजम खान ने कहा, यह रिश्तों की मुलाकात है। कोई नई मुलाकात नहीं है। होती रही है और आगे भी होती रहेगी। आधी सदी के रिश्ते को अगर किसी ने सोचा था कि हम उस पर जंक आने देंगे तो मुमकिन नहीं है। उधर से भी नहीं है और इधर से भी नहीं।
उन्होंने आगे कहा कि खुदा न करे अगर ऐसी बात होती तो मुझसे ज्यादा दर्द उधर होता। यह सिर्फ राजनीतिक रिश्ते नहीं है, बल्कि उस वक्त के रिश्ते हैं उनके पिता के जमाने से, जब हम सिर्फ विधायक होते थे। उस वक्त यह गुमान नहीं था कि हम कभी सरकार बना पाएंगे। सरकार भी इस तरह की सरकार बना पाएंगे। आज जिस तरह बीजेपी की देश में ताकत है, उससे कहीं ज्यादा कांग्रेस ताकतवर थी। हल्के-हल्के हमारी मेहनतों का नतीजा निकला। सरकार भी बनाई और सरकारें भी बनाईं। आगे भी उम्मीद करते हैं कि हम सरकार बनाएंगे और सरकारें भी बनाएंगे।
यूपी सरकार पर आजम खान का हमला
आजम खान ने बिना नाम लिए यूपी सरकार पर निशाना साधा। अपने बयान में उन्होंने सरकार पर दमन का आरोप लगाया। आजम खान ने कहा, 'हमें यह मालूम नहीं था कि सरकारों के काम में क्या-क्या आता है? हम तो यह समझते थे कि वह जो आखिरी व्यक्ति बैठा है, जिस पर हमारी बहुत ओझल सी नजर गई है। चलें और चलकर देखें कि उसकी आंखें नम तो नहीं है। अगर नम है तो हम उसके आंसू पोछने की कोशिश करें। अगर सिर पर साया नहीं है तो साये का इंतजाम करें। भूखा है तो रोटी और बेरोजगार है तो उसके लिए सहारा बने। हमें यह खबर नहीं थी कि सरकार का काम इन कामों के अलावा किसी को बर्बाद कर देना, तबाह कर देना, फनाह कर देना, मिटा देना, बस्तियों की बस्तियों उजाड़ देना, खानदानों को नेस्तानाबूद कर देना है।'