हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव पर हंगामा मच गया। सीएम नायब सिंह सैनी ने प्रस्ताव के नोटिस में विपक्ष के नेता के साइन न होने का दावा किया। उन्होंने कहा कि मैंने नोटिस को बहुत गौर से देखा, लेकिन मुझे कहीं भी विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साइन नहीं मिले। सीएम ने आगे कहा कि मैं हुड्डा को विपक्ष का नेता मानता हूं, लेकिन शायद कांग्रेस को उन पर भरोसा नहीं है। जब कांग्रेस विधायकों ने इस पर आपत्ति जताई तो सीएम सैनी ने कहा कि मैं चर्चा करने को तैयार हूं। 

 

हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी ने शुक्रवार को विधानसभा में कहा, 'कल का दिन इस महान सदन के लिए साधारण दिन नहीं था। कल इस सदन में 12 बजकर 20 मिनट से 12 बजकर 35 मिनट तक जो भी घटा, उसे हरियाणा प्रदेश के जन-जन ने देखा और सुना। वह कोई साधारण संवाद नहीं था। मैंने हमारे विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा का स्वागत किया। हुड्डा जी ने भी भावपूर्ण ढंग से कहा कि आज तक मैंने कभी नहीं देखा कि किसी विपक्ष के नेता का इस प्रकार से स्वागत हुआ हो।'

 

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सीएम नायब सिंह ने आगे कहा, 'उन्होंने (हुड्डा) अपने वक्तव्य के अंत में हमसे यह भी अपेक्षा की थी कि विपक्ष की आवाज को दबाएंगे नहीं। हमने हुड्डा साहब से कहा कि लोकतंत्र में किसी की आवाज को दबाने का कोई सवाल नहीं है। हर व्यक्ति को अपनी बात रखने का अधिकार है। यह सभी था, क्योंकि यह स्वस्थ्य लोकतंत्र की निशानी है। विपक्ष के नेता ने यह भी कहा कि राजनीति में मतभेद हो सकते हैं, मनभेद नहीं होना चाहिए। '

 

 

 

दो घंटे में अविश्वास प्रस्ताव ले आया विपक्ष


सीएम ने आगे दावा, 'हुड्डा साहब और हमारे बीच भावपूर्ण संवाद से हरियाणा की जनता के मन में इस महान सदन के रचनात्मक भविष्य का एक बड़ा सुखद संदेश गया। जनता को लगा कि हम सब मिलकर उनके हितों में काम करेंगे। मगर अफसोस इस बात का है कि दो घंटे भी नहीं बीते कि विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव ले लाया। मुझे तो यह विश्वास भी नहीं हुआ कि एक अच्छी शुरुआत हुई और उसके बाद अविश्वास प्रस्ताव आ गया।'

 

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हरियाणा सीएम ने आगे कहा, मैंने अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस को ध्यान से पढ़ा तो देखा कि उसके ऊपर हमारे विपक्ष के नेता के साइन नहीं थे। मैंने सोचा कि मेरी नजदीक की नजर ठीक नहीं है तो मैंने ऐनक को साफ किया और दोबारा देखा तो उसके ऊपर विपक्ष के नेता के साइन ही नहीं मिले या तो विपक्ष के नेता अब भी अपने आपको विपक्ष का नेता नहीं मानते हैं।'

'कांग्रेस को हुड्डा पर भरोसा नहीं'

विधानसभा में सीएम नायाब सिंह सैनी ने फैज अहमद फैज का एक शेर पढ़ा। 'लाओ तो कत्ल-नामा मिरा, मैं भी देख लूं किस किस की मोहर है सर-ए-महजर लगी हुई।' इसके बाद कहा, 'मैंने अविश्वास प्रस्ताव पर हुए हस्ताक्षरों को ध्यान से देखा। किस-किस के साइन है और किस-किस की मुहर लगी है। मुझे उसमें हुड्डा साहब के कहीं भी साइन नहीं दिखे। मैं भूपेंद्र हुड्डा को विपक्ष का नेता मानता हूं। यह बात सदन में भी कह चुका हूं। मगर आपत्ति उनके ही नेताओं ने दर्ज कराई है। शायद कांग्रेस को उन पर भरोसा नहीं है।'