हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में मंडी और कुल्लू की सीमा पर स्थित मंगलौर पुल अचानक टूट गया, जिससे राष्ट्रीय राजमार्ग-305 (NH 305) पर यातायात पूरी तरह ठप हो गया। इस हादसे के कारण सैकड़ों वाहन दोनों ओर फंसे हुए हैं और यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। बता दें कि पुल शनिवार सुबह करीब 3 बजे टूटा जिसकी वजह से सैकड़ों वाहन फंसे हुए है और दोनों ओर गाड़ियों की लंबी कतारें लगी हुई है। सालों से इस पुल की स्थिति जर्जर हालत में है और स्थानीय लोगों ने कई बार इसकी मरम्मत की मांग की लेकिन इसके बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

 

यह भी पढ़ें: घुसपैठ करने आए थे, ढेर हो गए, कश्मीर में जैश आतंकियों का बुरा अंजाम

पैदल आर-पार हो रहे लोग

प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच गई है लेकिन वैकल्पिक मार्ग न होने के कारण स्थिति गंभीर बनी हुई है। लोग खुद ही नदी पार करने की कोशिश कर रहे हैं जो बेहद जोखिमभरा है। प्रशासन ने लोगों से अनावश्यक यात्रा से बचने और स्थिति सामान्य होने तक स्थानीय पुलिस से संपर्क करने की अपील की है। डीडीएमए कुल्लू के अनुसार, वैकल्पिक मार्ग बनाने के लिए मशीनों को तैनात किया गया है लेकिन इसको तैयार करने में कई दिन लग सकते हैं। स्थानीय निवासियों के अनुसार, यह पुल 1980 के आसपास बनाया गया था और वर्षों से जर्जर स्थिति में था। उन्होंने कई बार इसकी मरम्मत की मांग की थी, लेकिन समय रहते कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। अब पुल के गिरने से लोगों की जिंदगी एक झटके में थम गई है।​ 

 

यह भी पढ़ें: रोहिंग्या बच्चों को कैसे मिला पढ़ाई का हक? कानून समझिए

पुल टूटने से ये क्षेत्र हुए प्रभावित

मंगलौर पुल के टूटने से ना केवल कुल्लू बल्कि हिमाचल प्रदेश के कई दूरदराज़ इलाके यातायात संपर्क से कट गए हैं। यह पुल राष्ट्रीय राजमार्ग-305 (NH-305) का अहम हिस्सा था, जो मंडी, शिमला, किन्नौर जैसे जिलों को जोड़ता है। इस पुल के टूटने से बंजार क्षेत्र, तीर्थन घाटी, शिमला जिले के आनी और रामपुर क्षेत्र, किन्नौर जिला और मंडी जिले के गाडागुशैनी क्षेत्र प्रभावित हुए है। तीर्थन में इस वक्त कई टूरिस्ट फंसे हुए हैं। 

 

कैसे टूटा पुल?

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एक भारी सीमेंट ट्रक के गुजरने के दौरान पुल जर्जर हालत में होने की वजह से ढह गया। प्रशासन की टीमें मौके पर हैं। लोक निर्माण विभाग और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने लोगों से धैर्य बनाए रखने और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है। पुल के टूटने से स्कूल, अस्पताल, और जरूरी सेवाओं तक पहुंचना मुश्किल हो गया है। ट्रांसपोर्ट सेवाएं और बाजार सप्लाई चेन पूरी तरह बाधित हो गया है।