उत्तर प्रदेश में 'आई लव मुहम्मद' का पोस्टर विवाद हिंसक रूप ले चुका है। बरेली में शुक्रवार (26 सितंबर) को सुबह उस समय हिंसा भड़क उठी, जब नमाज के बाद ‘आई लव मोहम्मद’ अभियान के समर्थन में भारी भीड़ जमा हो गई। सैकड़ों की तादात में युवओं ने विरोध-प्रदर्शन किया, जिसके बाद हालात बेकाबू हो गए।
एक मस्जिद के बाहर इकट्ठा हुए स्थानीय लोगों और पुलिस के बीच झड़प हो गई। पुलिस ने स्थिती को संभालने के लिए लाठीचार्ज कर दिया। भीड़ को तितर-बितर करने के बाद बरेली पुलिस ने झड़पों के सिलसिले में 12 लोगों को गिरफ्तार किया है और दर्जनों लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
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बाराबंकी, मऊ और बागपत में बवाल
इस पोस्टर विवाद की आग बरेली तक ही सीमित नहीं रही बल्कि, इसी कड़ी में यूपी के बाराबंकी, मऊ और बागपत जिलों में भी जुमे की नमाज के बाद आई लव मुहम्मद का पोस्टर लिए लोगों ने उग्र प्रदर्शन किया और नारे लगाए। इससे इन जिलों में भी तनाव बढ़ गया है। पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए भारी सुरक्षा बल तैनात कर दिया है। पुलिस ने कहा है कि धर्मगुरु और इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा के आह्वान पर कई प्रदर्शनकारी ‘आई लव मोहम्मद’ अभियान के समर्थन में मस्जिद के बाहर इकट्ठा हुए थे।
पुलिस ने शनिवार को कहा कि इन क्षेत्रों में स्थिति शांतिपूर्ण और नियंत्रण में है। पुलिस के मुताबिक, बरेली में 500 से ज्यादा लोगों को वीडियो और सीसीटीवी फुटेज में देखा गया है, जिनकी पहचान की जा रही है। शुक्रवार देर रात से शनिवार सुबह तक पुलिस ने घर-घर दबिश दी। कई उपद्रवियों को हिरासत में लिया गया है, जबकि बाकी की तलाश जारी है। पुलिस ने इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के अध्यक्ष और इस हिंसा के मुख्य आरोपी मौलाना तौकीर रजा को भी हिरासत में ले लिया है।
पुलिस ने मामले पर क्या कहा?
बरेली के पुलिस डीआईजी अजय कुमार साहनी के मुताबक, पुलिस और खुफिया विभाग की जांच में यह स्पष्ट हो गया है कि यह बवाल अचानक नहीं भड़का, बल्कि यह एक पूर्व नियोजित साजिश थी। खुफिया रिपोर्ट और वीडियो फुटेज के आधार पर कुछ स्थानीय नेताओं के नाम भी सामने आए हैं। साहनी ने कहा कि बरेली के अमन-चैन को बिगाड़ने वालों को जेल भेजा जाएगा और उनके खिलाफ गुंडा अधिनियम, गैंगस्टर अधिनियम और राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई की जाएगी।
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शहर में 8000 से अधिक जवान तैनात
शुक्रवार देर शाम बवाल थमने के बाद भी एडीजी रमित शर्मा, डीआईजी साहनी, एसएसपी अनुराग आर्य समेत पुलिस की टीमें पूरी रात सड़कों पर तैनात रहीं। एक अधिकारी ने बताया कि बरेली में हालात अब काबू में हैं, लेकिन दोबारा कोई उपद्रव न हो, इसके लिए 15 जिलों से पुलिस बल, ‘प्रादेशिक आर्म्ड कांस्टेबुलरी’ (पीएसी) और अर्धसैनिक बल की कंपनियां तैनात कर दी गई हैं। लगभग 8000 से अधिक जवान पूरे शहर में तैनात हैं। हर गली, चौराहे और संवेदनशील स्थानों पर पुलिस की मौजूदगी है।
वहीं, दशहरे से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और कड़ी सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा, 'हर उपद्रवी की पहचान की जानी चाहिए। वीडियो फुटेज और सोशल मीडिया निगरानी के जरिए किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। दशहरा बुराई और आतंक के दहन का प्रतीक है। उपद्रवियों के खिलाफ कार्रवाई करने का यही सही समय है।'
सीएम योगी ने दी कड़ी चेतावनी
इस दौरान मुख्यमंत्री योगी प्रदर्शनकारियों को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। 'विकसित उत्तर प्रदेश' कार्यक्रम में सीएम योगी आदित्यनाथ ने इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के प्रमुख मौलवी तौकीर रजा पर निशाना साधा।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, 'आज से आठ वर्ष पहले उत्तर प्रदेश के अंदर वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर की कल्पना करना भी एक सपना था। आपने देखा होगा कि जब भी पर्व और त्योहारों आते थे, उत्पात शुरू हो जाता था। अब उत्पाती और उपद्रवियों को सात पीढ़ियां याद आएंगी। कभी-कभी लोगों की बुरी आदतें जाती नहीं हैं। उसके लिए उनकी कायदे से डेंटिग-पेंटिंग करवानी पड़ती है, जिससे हम उनकी बुरी आदतों को ठीक कर सकें।'
'मौलाना भूल गया, किसका शासन है'
योगी ने आगे कहा, 'यही डेंटिंग-पेंटिंग आप ने बरेली के अंदर देखा। वो मौलाना भूल गया कि शासन किसका है? वो यह मानता था कि धमकी देंगे और हम जबरदस्ती जाम कर देंगे। हमने कहा कि जाम नहीं होगा, कर्फ्यू भी नहीं लगेगा, लेकिन कर्फ्यू का सबक तुमको ऐसा सिखा देंगे कि तुम्हारी आने वाली पीढ़ी दंगा करना भूल जाएंगी।'
