जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU) के एक प्रोफेसर ने भारतीय सेना पर गंभीर आरोप लगया है। प्रोफेसर का आरोप है कि सेना के जवानों ने उनके साथ मारपीट की और उनको घायल किया। प्रोफेसर लियाकत अली का आरोप है कि गुरुवार रात को राजौरी जिले के गांव लाम में गाड़ी की जांच के दौरान उन्हें बुरी तरह से मारा गया, उनके सिर पर गंभीर चोटें आई हैं। इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें एक शख्स के सिर से खून बह रहा है। पुलिस ने इस घटना का संज्ञान लिया है और सेना ने भी जांच के आदेश दे दिए हैं।

 

प्रोफेसर लियाकत अली IGNOU में काम करते हैं और वह जम्मू अपने किसी रिश्तेदार की शादी में शामिल होकर अपने घर वापिस लौट रहे थे। इस घटना के बाद लियाकत अली ने एक्स पर पोस्ट कर घटना की जानकारी दी। उन्होंने कहा, 'मेरे पूरे परिवार ने भारतीय सेना में सेवा दी है। मुझे हमेशा वर्दी पर, सेवा पर और बलिदान पर गर्व रहा है। लेकिन आज की इस घटना ने उस गर्व को अंदर तक झकझोर दिया। बिना किसी कारण मुझ पर हमला किया गया, सिर पर हथियार से मारा गया और वह भी उन्हीं लोगों द्वारा जिन पर मैंने हमेशा आंख मूंदकर भरोसा किया।’

 

प्रोफेसर ने कहा कि जो जख्म आज उन्हें हुआ है उसे कोई माफी नहीं भर सकती। लियाकत अली ने कहा कि इस घटना ने उन्हें एक भयानक सच्चाई का एहसास कराया है। उन्होंने कहा, 'अगर सिस्टम चाहे, तो वह किसी भी इंसान का ‘एनकाउंटर’ कर सकता है, वह भी बिना किसी सबूत, बिना किसी मुकदमे और बिना किसी न्याय के।’ लियाकत अली ने कहा कि उनके मन में एक ही सवाल गूंज रहा है कि, क्या अब न्याय केवल वर्दी वालों की विशेषता बन गया है? 

 

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घटना का वीडियो आया सामने 


इस घटना की एक वीडियो भी सामने आया है। वीडियो में कुछ लोगों को सेना के जवानों से बहस करते देखा जा सकता है। एक शख्स के सिर पर गंभीर चोटें आई हैं और उसके सिर से लगातार खून बह रहा है। वीडियो में प्रोफसर लियाकत अली वीडियो बना रहे शख्स से कह रहे हैं कि उन पर राइफल से वार किया गया है। एक दूसरा आदमी कह रहा है कि मेरे को वहां नाले में गिरा दिया।

 

इस वीडियो में सेना के जवान भी अपनी बात रख रहे हैं और घटना के बारे में बता रहे हैं कि घटना कैसे हुई। वीडियो में एक शख्स कह रहा है कि सेना है तो क्या हुआ जो गलत है वो गलत है। यह वीडियो सिर्फ 1 मिनट का है और घटना के बाद उसी जगह सेना के जवानों और स्थानीय लोगों के बीच की बातचीत का है। 

 

सेना ने इस घटना पर क्या कहा?


सेना ने इस घटना के बाद एक बयान जारी किया है, जिसमें कहा है कि सेना को संवेदनशील वाहन से आतंकवादियों की आवाजाही की जानकारी मिली थी, जिसके बाद सर्च ऑपरेशन चलाया गया था। सेना ने कहा है कि उनकी जानकारी के अनुसार जब प्रोफेसर को जांच के लिए रोका गया तो वह सेना के जवानों से हथियार छिनने की कोशिश करने लगे, जिसके बाद संघर्ष में उन्हें चोट आई। सेना ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच के आदेश दिए हैं। सेना ने कहा है कि अगर किसी जवान की गलती पाई गई तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। 

 

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जम्मू के नेताओं ने इस घटना पर क्या कहा?

 

इस घटना पर सबसे पहली प्रतिक्रिया पीडीपी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की आई। उन्होंने इस घटना की वीडियो पोस्ट कर लिखा, नौशेरा के लाम से बेहद परेशान करने वाली तस्वीरें सामने आई हैं, जहां सेना के जवानों को प्रोफेसर लियाकत चौधरी पर बेरहमी से हमला करते देखा गया। इस चौंकाने वाली घटना ने आम आदमी के विश्वास को तोड़ दिया है - खासकर तब जब पीड़ित परिवार ने भारतीय सेना में गर्व के साथ सेवा की है।'


महबूबा ने इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा की और कहा कि ऐसे लोग अपने अस्वीकार्य और अत्याचारी व्यवहार से एक प्रतिष्ठित संस्थान की प्रतिष्ठा को धूमिल करते हैं। महबूबा मुफ्ती ने सेना के अधिकारियों से आग्रह किया कि इस घटना के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करें। बीजेपी नेता रविंद्र रैना ने कहा कि यह देश कानून से चलता है और कानून से ऊपर कोई नहीं है। उन्होंने प्रोफेसर को न्याय का भरोसा दिलाते हुए कहा कि जो भी जिम्मेदार है, उसे नतीजे भुगतने होंगे।

 

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पुलिस ने दर्ज की FIR 

 

इस मामले का संज्ञान लेते हुए पुलिस ने अज्ञात जवानों पर FIR दर्ज कर ली है । पुलिस अधिकारियों ने जानकारी दी कि नौशेरा पुलिस थाने में भारतीय न्याय संहिता की धारा 126[2] गलत तरीके से रोकना और जानबूझकर चोट पहुंचाने के लिए धारा 115(2) के तहत FIR दर्ज कर ली है और इस मामले की जांच कर रही है।