साल 2008 में राजस्थान के जयपुर में हुए बम धमाकों के मामले में कोर्ट ने सजा का ऐलान किया है। इस केस में दोषी पाए गए चार लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। 17 साल पहले हुए इन धमाकों में कुल 71 लोगों की मौत हुई थी और 185 लोग घायल हुए थे। जयपुर की एक विशेष अदालत ने जिन चार दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है उनमें सरवर आजमी, शाहबाज, सैफुर रहमान और मोहम्मद सैफ के नाम शामिल हैं। इन लोगों को 4 अप्रैल को दोषी करार दिया गया था। इसी सीरियल ब्लास्ट से जुड़े एक अन्य मामले में इन चार में से तीन को साल 2019 में फांसी की सजा भी सुनाई जा चुकी है।

 

आज यानी 8 अप्रैल को जिस मामले में सजा सुनाई गई है वह मामला अनलॉफुल ऐक्टिविटीज (प्रिवेंशन) ऐक्ट यानी UAPA और एक्सप्लोसिव सब्सटैंसेज ऐक्ट का है। दरअसल, इन लोगों के पास से 13 मई 2008 को जिंदा बम बरामद किए गए थे। बम रखने के मामले में इन्हें दोषी पाया गया है। 2019 में हुई फांसी की सजा को इन लोगों ने हाई कोर्ट ने चुनौती दी थी और हाई कोर्ट ने 29 मार्च 2023 को इन लोगों को बरी कर दिया था।

 

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इस मामले की सुनवाई के दौरान 4 अप्रैल को जज रमेश जोशी ने अपना फैसला सुनाते हुए इन चार लोगों को दोषी ठहराया था। अब इन चारों को उम्रकैद की सजा सुना दी गई है। इन चारों को IPC की धारा 120B, 121A, 307 और 153A के साथ-साथ  UAPA की धारा 13 और 18 और विस्फोटक अधिनियम की धारा 4, 5 और 6 के तहत दोषी पाया गया है। 4 मार्च को जब इन चारों को दोषी करार दिया गया तो शाहबाज और सरवर आजमी भी कोर्ट में आए। ये लोग जमानत पर रिहा हुए थे लेकिन दोषी करार दिए जाते ही इन्हें फिर से कस्टडी में ले लिया गया।

 

 

2008 में क्या हुआ था? 

 

पिंक सिटी के नाम से मशहूर जयपुर शहर 13 मई की शाम व्यस्त ही था। अचानक खंदा माणक चौक पर 7 बजकर 20 मिनट पर जोरदार धमाका हुआ। लोग कुछ समझ पाते कि 5 मिनट बाद बड़ी चौपड़ इलाके में एक और धमाका हुआ। राजस्थान की राजधानी हिल गई थी। संभलने का मौका मिलता, उससे पहले 7 बजकर 30 मिनटर पर छोटी चौपड़, त्रिपोलिया बाजार, चांदपोल बाजार और जोहरी बाजार में भी धमाके हो गए। 2 मिनट बाद छोटी चौपड़ और जोहरी बाजार में फिर धमाके हो गए।

 

इस तरह से सिर्फ 12 मिनट के अंदर हुए इन 8 धमाकों ने जयपुर को सन्न कर दिया था। धमाके का शोर पूरे देश में पहुंचा क्योंकि इन धमाकों में कुल 71 लोगों की जान चली गई और 185 लोग घायल हो गए। इंडियन मुजाहिदीन ने इन धमाकों की जिम्मेदारी ली।

 

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जांच में सामने आया कि कुल 12 आतंकी दिल्ली से बस पकड़कर जयपुर आए। इन लोगों ने 9 साइकिल खरीदीं और सब में बम लगाकर टाइम सेट किया और जयपुर के अलग-अलग इलाकों में ये साइकिल खड़ी कर दीं। बम लगाकर ये लोग ट्रेन से दिल्ली आ गए थे। इन लोगों ने कुल 9 जगह बम प्लांट किए थे जिसमें से 8 तो फटे लेकिन 9वां नहीं फटा क्योंकि इस समय रहते डिफ्यूज कर लिया गया था।


मामले की जांच के लिए राजस्थान सरकार ने एंटी टेररिस्ट स्क्वाड ( ATS) की एक टीम बनाई। जांच के बाद कुल 13 लोगों को आरोपी बनाया गया। इस केस के चार आरोपी जयपुर जेल में बंद हैं जिन्हें अब सजा सुनाई गई है। दो आरोपी बाटला हाउस एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं। 3 फरार हैं और 3 आरोपी दिल्ली और हैदराबाद की जेलों में बंद हैं और एक को बरी किया जा चुका है।

 

फांसी की सजा फिर रोक


स्पेशल कोर्ट ने दूसरे मामले में 18 दिसंबर 2019 को शाहबाज हुसैन को बरी कर दिया था और चार दोषियों मोहम्मद सैफ, सैफुर्रहमान, सरवर आजमी और मोहम्मद सलमान को फांसी की सजा सुना दी थी। इसी मामले में साल 2023 में हाई कोर्ट फांसी की सजा पाने वाले चारों लोगों को दोषमुक्त करार देते हुए बरी कर दिया था।