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एक और पूर्व IPS का पॉलिटिकल डेब्यू, शिवदीप लांडे ने बनाई 'हिंद सेना'

पूर्व आईपीएस अफसर शिवदीप लांडे ने कहा कि बिहार में रोजगार और पलायन बड़े मुद्दे हैं लेकिन आजादी के 75 साल बाद भी कई गांवों में पीने के पानी तक की सुविधा नहीं है।

IPS Shivdeep Lande

शिवदीप लांडे। Photo Credit- Social Media

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व आईपीएस अफसर शिवदीप लांडे की राजनीति में एंट्री हो गई है। मंगलवार को लांडे ने पटना के चाणक्य होटल में प्रेस कॉन्फेंस करके अपनी नई पार्टी लॉन्च कर दी। उन्होंने 'हिंद सेना पार्टी' का गठन किया है, अब उनकी चुनाव में उतरने की तैयारी है। इससे पहले शिवदीप लांडे ने आईपीएस की नौकरी से वीआरएस ले लिया था। बिहार में उनकी एक दबंग पुलिस अफसर की छवि है।  

 

चाणक्य होटल में प्रेस कॉन्फेंस के दौरान शिवदीप लांडे ने कहा कि बिहार की 243 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार चाहे कोई भी हो, हर सीट पर चुनाव शिवदीप वामनराव लांडे ही लड़ेगा। उन्होंने कहा कि पार्टी का उम्मीदवार उसको ही बनाया जाएगा, जो उनकी विचारधारा का पालन करेगा। बता दें कि लांडे मूल रूप से महाराष्ट्र से आते हैं लेकिन उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत बिहार से की है। 

 

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पहले कर दिया था ऐलान

 

बिहार कैडर के आईपीएस अफसर ने वीआरएस लेने के बाद लेने के बाद ऐलान किया था कि वह बिहार को छोड़कर कहीं नहीं जा रहे हैं। इससे पहले पिछले साल चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर भी अपनी राजनीतिक पार्टी 'जन सुराज' बना चुके हैं। अब दोनों नई नवेली पार्टियां आगामी बिहार विधानसभा का चुनाव लड़ेंगी। 

 

राजनीति को लेकर विचार रखे

 

अपनी प्रेस वार्ता में शिवदीप लांडे ने बिहार और राजनीति को लेकर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि आईपीएस की नौकरी छोड़ने के बाद उनको राज्यसभा भेजने से लेकर सीएम कैंडिडेट बनाने तक के ऑफर आए थे लेकिन उन सबको ठुकरा दिया। शिवदीप लांडे  ने कहा कि वह बिहार के युवाओं की दशा और दिशा बदलने के लिए हिंद सेना नाम से नई पार्टी बना रहे हैं। 

 

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क्या होगी पार्टी की विचारधारा?

 

पार्टी का नाम रखने के पीछे की वजह बताते हुए शिवदीप लांडे ने अपना पुलिस की नौकरी की याद दिलाई। उन्होंने कहा कि सभी लोग जय हिंद कहते हैं। इसके साथ ही उन्होंने बाहर की जातीय राजनीति पर भी खूब कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ता संवेदनशील होंगे और न्याय उनका सिद्धांत है। लांडे ने बिहार में सामाजिक न्याय की राजनीति को जात-पात बताते हुए कहा कि यहां सामाजिक न्याय अगड़ा-पिछड़ा है। अगड़ा में भूमिहार का नेता, राजपूत का नेता, वैश्य का नेता। पिछड़ा में यादवों का नेता। अति पिछड़ा में कुर्मी का नेता, कुशवाहा का नेता। दलित में पासवान का नेता। महादलित में मुसहर का नेता होता है। 

 

उन्होंने कहा कि बिहार में रोजगार और पलायन बड़े मुद्दे हैं लेकिन आजादी के 75 साल बाद भी कई गांवों में पीने के पानी तक की सुविधा नहीं है।

 

बता दें कि इससे पहले कई ऐसे पूर्व आईपीएस अफसर हैं जिनका राजनीतिक पदार्पण हुआ है। बिहार के पूर्व आईपीएस और डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने भी अपना पॉलिटिकल डेब्यू किया था, मगर वह सफल नहीं हो पाए थे। वहीं, यूपी में पूर्व आईपीएस असीम अरुण का राजनीति में सफल डेब्यू हो चुका है। वह योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री हैं।

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