साइबर अपराधियों का जाल पूरे देश में फैलता जा रहा है। इनपर लगाम लगाने के लिए सरकार और पुलिस जागरूकता तो जरूर फैला रही हैं, बावजूद इसके भोले-भाले लोगों को डिजिटल अरेस्ट करके उनके साथ फ्रॉड किया जा रहा है। ऐसा ही केस कर्नाटक से आया है, जिसमें पुलिस और बैंक मैनेजर की सूझबूझ ने बुजुर्ग के साथ 84 लाख रुपये का स्कैम होने से रोका।
कर्नाटक में मुल्की पुलिस और किन्निगोली बैंक मैनेजर ने होशियारी दिखाते हुए एक डिजिटल अरेस्ट स्कैम को नाकाम कर दिया। दरअसल, बुजुर्ग दंपत्ति 84 साल के बेनेडिक्ट फर्नांडिस और 71 साल की उनकी पत्नी लिली सेसिलिया फर्नांडिस को उत्तर प्रदेश CID का ऑफिसर बनकर फ्रॉड स्कैमर्स ने डिजिटल अरेस्ट कर लिया था।
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स्कैमर्स ने वाट्सऐप कॉल के जरिए बेनेडिक्ट फर्नांडिस से 6 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग केस का दावा किया। स्कैमर्स ने फर्नांडिस से अर्जेंट में यह पैसे ट्रांसफर की बात कही। बाद में जब बात बैंक मैनेजर के पास पहुंची तो उसे शक हुआ, जिसके बाद पुलिस वेरिफिकेशन में इस फ्रॉड का पर्दाफाश हो गया।
डिजिटल अरेस्ट में आई तेजी
भारत में डिजिटल अरेस्ट स्कैम बढ़ते जा रहे हैं। ज्यादातर केसों में स्कैमर्स पुलिस बनकर पीड़ितों को झूठी अरेस्ट की धमकी देते हैं और उन्हें पैसे ट्रांसफर करने के लिए डराते-धमकाते हैं। पुलिस ने बताया कि यह घटना 1 दिसंबर को शुरू हुई थी। डिजिटल अरेस्ट के लिए बुजुर्ग दंपत्ति को कई बार वाट्सऐप कॉल आए। स्कैमर्स ने पुलिस बनकर दंपत्ति को पार्सल फ्रॉड से जुड़े 6 करोड़ रुपये के गैर-कानूनी लेनदेन का आरोप लगाया। यह आरोप लगाकर जालसाजों ने दंपत्ति को धमकाया।
बताया गया है कि पीड़ित दंपत्ति मंगलौर के किन्निगोली के पास दमसकट्टे के रहने वाले हैं। बुज़ुर्ग पहले गल्फ देशों में काम करते थे। दोनों दो दिन की बातचीत के बाद अपराधियों के दबाव में आ गए। इसके बाद दंपत्ति ने पत्नी ने 2-3 दिसंबर को फिक्स्ड डिपॉजिट लिक्विडेशन के लिए बैंक से संपर्क किया।
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कैसे खुला मामला?
बैंक के मैनेजर रॉयस्टन डिसूजा को उत्तर प्रदेश के एक फार्मेसी अकाउंट में बिना किसी वजह के 84 लाख रुपये ट्रांसफर होने की खबर मिली और उन्होंने इसे रोक दिया, और मुल्की बीट ऑफिसर यशवंत कुमार और किशोर को अलर्ट किया। पुलिस स्कैमर के लाइव वीडियो कॉल के बीच कपल के घर पहुंची, फोन चेक किए और कन्फर्म किया कि उत्तर प्रदेश CID का कोई केस नहीं है।
दंपत्ति ने जब बैंक के मैनेजर रॉयस्टन डिसूजा से संपर्क करके स्कैमर्स द्वारा दिए गए अकाउंट में बिना किसी वजह से 84 लाख रुपये भेजने के लिए कहा। मगर, शक होने पर मैनेजर ने यह रकम नहीं भेजा। फ्रॉड का शक होने के बाद बैंक मैनेजर ने मुल्की के बीट ऑफिसर यशवंत कुमार और किशोर को अलर्ट किया।
पुलिस ने केस की छानबीन की तो पता चला कि दंपत्ति के ऊपर उत्तर प्रदेश CID से कोई केस नहीं किया गया है। मुल्की थाने के इंस्पेक्टर मंजूनाथ बीएस ने बताया, बैंक और हमारी टीम की सतर्कता से बड़ा फ्रॉड होने से बचा लिया।
