कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में सड़क पर एक 34 साल के मैकेनिक की मौत हो गई। इस घटना ने इमरजेंसी हेल्थकेयर सिस्टम और लोगों की असंवेदनशीलता दोनों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बताया जा रहा है कि बालाजी नगर निवासी वेंकटरमन को समय पर इलाज नहीं मिल पाया जिसके कारण उनकी जान चली गई। घटना से जुड़ा एक CCTV फुटेज भी सामने आया है, जिसमें एक महिला को सड़क से गुजर रहे गाड़ियों से मदद की अपील करते हुए देखा जा सकता है।

 

वेंकटरमन के परिवार में उनकी पत्नी, 5 साल का बेटा और 18 महीने की बेटी हैं। उनकी मां भी हैं, जो पहले ही अपने पांच बच्चों को खो चुकी हैं। वेंकटरमन उनकी आखिरी संतान थे, जिनकी कथित लापरवाही के कारण मौत हो गई।

 

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जानिए हुआ क्या था?

वेंकटरमन की पत्नी ने बताया कि उनके पति को रात में सोते समय अचानक सीने में तेज दर्द होने लगा। इसके बाद उन्होंने तुरंत एक प्राइवेट अस्पताल में फोन किया लेकिन अस्पताल ने इलाज से इनकार कर दिया। अस्पताल का कहना था कि उस समय वहां कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था। इसके बाद वह किसी तरह अपने पति को बाइक से दूसरे अस्पताल ले गईं। वहां पति का ECG किया गया, जिसमें पता चला कि उन्हें हल्का हार्ट अटैक आया है। हालांकि, वहां के स्टाफ ने न तो तुरंत इमरजेंसी इलाज शुरू किया और न ही एम्बुलेंस की व्यवस्था की।


इसके बाद वेंकटरमन की पत्नी उन्हें फिर से बाइक पर लेकर तीसरे अस्पताल की ओर निकलीं। इस दौरान बाइक से जाते समय पति-पत्नी का एक्सीडेंट हो गया। जिस जगह यह हादसा हुआ, वहां का एक CCTV फुटेज सामने आया है। फुटेज में साफ दिखाई देता है कि वह मदद के लिए लोगों से गुहार लगा रही थीं। उनके पति सड़क पर पड़े थे और उनकी पत्नी हाथ जोड़कर लोगों से मदद मांग रही थीं।

 

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कई गाड़ियां तेजी से वहां से गुजर रही थी पर कोई भी रुकी नहीं। इसके बाद एक गाड़ी वहां मौके पर रुकी और कैब ड्राइवर ने गाड़ी रोकी और दोनों को अस्पताल पहुंचने में मदद की लेकिन वेंकटरमन को अस्पताल पहुंचने पर मृत घोषित कर दिया गया। इतने बड़े दुख के बाद भी पत्नी ने अपना बड़ा दिल दिखाते हुए अपने पति की आंखें दान कर दीं। 

 

आपको बता दें कि इस पूरे मामले पर पुलिस की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।